अमेरिका में एक्सीडेंट के बाद कोमा में भारतीय छात्रा:सिर में गंभीर चोट, हाथ-पैर टूटे; पिता ने जयशंकर से तुरंत वीजा की गुहार लगाई
महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली 35 वर्षीय नीलम शिंदे 14 फरवरी को अमेरिका में एक सड़क हादसे का शिकार हो गई। कैलिफोर्निया में एक कार ने नीलम को टक्कर मार दी, जिसके बाद वह कोमा में चली गई। फिलहाल वह ICU में भर्ती है। इस हादसे के आरोपी वाहन चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नीलम के पिता तानाजी शिंदे ने बताया कि उन्हें इस दुर्घटना की जानकारी 16 फरवरी को मिली, जिसके बाद से वह अमेरिका जाने के लिए वीजा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि नीलम की हालत नाजुक है और परिवार को जल्द से जल्द वहां पहुंचने की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार के दखल के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने वीजा की औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने का भरोसा दिया है। उन्हें शुक्रवार सुबह 9 बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। नीलम के चाचा संजय ने बताया कि नीलम के हाथ-पैर टूट गए हैं और सिर में गंभीर चोट आई हैं। हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने ब्रेन की सर्जरी के लिए परिवार से अनुमति मांगी है। नीलम की देखभाल के लिए परिवार का वहां मौजूद रहना जरूरी है। मदद के आगे आईं NCP सांसद सुप्रिया सुले शिंदे परिवार का कहना है कि वे वीजा आवेदन के लिए स्लॉट बुक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगली उपलब्ध तारीख अगले साल की बताई जा रही है। नीलम पिछले चार साल से अमेरिका में रह रही थीं और अपनी पढ़ाई के फाइनल ईयर में थीं। उनके परिवार को उम्मीद है कि सरकार जल्द उनकी मदद करेगी ताकि वे अमेरिका जाकर अपनी बेटी के पास पहुंच सकें। NCP (शरद पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से शिंदे के पिता को वीजा दिलाने में मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह एक चिंताजनक मुद्दा है और हम सभी को मिलकर इसे सुलझाने में मदद करनी चाहिए। सुले ने कहा कि वे पीड़ित परिवार से बातचीत कर उन्हें यकीन दिलाया है कि इस परेशानी को जल्द सुलझा लिया जाएगा। सुले ने कहा कि बीजेपी नेता जयशंकर से उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन जब भी विदेश में किसी भारतीय छात्र के मदद की बात आती है जयशंकर सहानुभूति दिखाते हैं और बहुत मददगार साबित होते हैं। सुले ने कहा कि विदेश मंत्रालय के साथ उनका अनुभव अच्छा रहा है और वे हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मुंबई में अमेरिकी दूतावास से भी संपर्क किया है। अमेरिका के इमरजेंसी वीजा में कितना वक्त लगता है अमेरिका किसी परिवारजन की मृत्यु, गंभीर बीमारियों के इलाज या मानवीय संकट जैसी स्थिति में दूसरे देशों के नागरिकों को इमरजेंसी वीजा जारी करता है। आवेदन से लेकर वीजा जारी होने तक की पूरी प्रक्रिया में 2 से 5 दिन लग सकते हैं। आमतौर पर इमरजेंसी वीजा अपॉइंटमेंट कुछ दिनों के भीतर मिल सकता है। अगर मंजूरी मिल जाती है, तो यह 24 से 48 घंटे के भीतर जारी किया जा सकता है।

अमेरिका में एक्सीडेंट के बाद कोमा में भारतीय छात्रा: सिर में गंभीर चोट, हाथ-पैर टूटे; पिता ने जयशंकर से तुरंत वीजा की गुहार लगाई
खर्चा पानी
लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नीतानगरी
परिचय
हाल ही में अमेरिका में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने एक भारतीय छात्रा के जीवन को खतरे में डाल दिया है। इस छात्रा को गंभीर चोटें आई हैं, जिसके कारण वह कोमा में चली गई है। इस घटना ने उसके परिवार को जबरदस्त मानसिक तनाव में डाल दिया है। छात्रा के पिता ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जल्द से जल्द वीजा की मांग की है ताकि वह अपनी बेटी के पास पहुंच सकें।
दुर्घटना का विवरण
इस सप्ताह, भारतीय छात्रा, जो अमेरिका में पढ़ाई कर रही थी, एक गंभीर सड़क दुर्घटना में शामिल हो गई। इस दुर्घटना में उसके सिर में गंभीर चोट आई और उसके हाथ-पैर भी टूट गए। डॉक्टर्स का कहना है कि उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। परिवार के सदस्यों को इस घटना के बारे में तब पता चला जब उन्हें अस्पताल से सूचना मिली।
पिता की अपील
.student के पिता, जो भारत में हैं, ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जोरदार अपील की। उन्होंने कहा, "मेरी बेटी की हालत गंभीर है और मैं उसे देखना चाहता हूं। मुझे तुरंत वीजा की जरूरत है ताकि मैं अमेरिका जा सकूं।" इस अपील ने कई लोगों का दिल जीता है, और उन्होंने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है।
स्थानिक भारतीय समुदाय का समर्थन
दुर्घटना के बाद, स्थानीय भारतीय समुदाय ने छात्रा और उनके परिवार को समर्थन देने का प्रण लिया है। कई संगठनों ने एकत्रित होकर मदद का हाथ बढ़ाया है, और छात्रा की चिकित्सा भत्ते के लिए फंड जुटाने की योजना बनाई है।
अंत में
इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें सड़क सुरक्षा के बारे में और अधिक जागरूक होना चाहिए। भारत सरकार की ओर से तत्काल सहायता की आवश्यकता है ताकि छात्रा की जान बचाई जा सके। हम सभी से प्रार्थना करते हैं कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाएं और उनके परिवार को इस कठिन समय में साहस मिले।
निष्कर्ष
छात्रा की स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर, हमें उनके परिवार की अपील पर गहरी संवेदना रखनी चाहिए और इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत सरकार और स्थानीय संगठनों की भूमिका इस स्थिति में अनिवार्य है। हम सभी को उम्मीद है कि वह जल्दी ही ठीक हो जाएंगी।
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