27 साल बाद दिल्ली में BJP की सरकार:EC के आंकड़ों में 70 सीटों में 43 पर आगे; उमर बोले- और लड़ो आपस में

दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा 27 साल बाद सत्ता में वापसी करती दिख रही है। 2 घंटे की मतगणना के बाद चुनाव आयोग के आंकड़ों में 70 सीटों में भाजपा 43 और आम आदमी पार्टी (AAP) 27 सीटों पर आगे चल रही है। इससे पहले भाजपा ने 1993 में भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई थी। तब भाजपा ने 49 सीटें जीतीं और 5 साल में 3 CM बनाए थे। उधर, न्यूज चैनल्स पर आ रहे रुझानों में भाजपा 44 सीटों और AAP 26 सीटों पर आगे है। AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से आगे चल रहे हैं, पहले वे पीछे चल रहे थे। AAP सरकार की सीएम आतिशी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पीछे चल रहे हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने AAP पर तंज कसा। उन्होंने पोस्ट में लिखा- और लड़ो आपस में... दिल्ली में 5 फरवरी को 70 सीटों पर 60.54% मतदान हुआ था। 14 एग्जिट पोल आए। 12 में भाजपा और 2 में केजरीवाल की सरकार बनने का अनुमान जताया गया। 2020 में केजरीवाल तीसरी बार CM बने थे, लेकिन शराब घोटाले में जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दे दिया। वे 4 साल 7 महीने और 6 दिन CM रहे। इसके बाद उन्होंने आतिशी को CM बनाया। CM आतिशी समेत 3 मंत्री पीछे, 3 को बढ़त दिल्ली चुनाव की पल-पल की अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

Feb 8, 2025 - 10:34
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27 साल बाद दिल्ली में BJP की सरकार:EC के आंकड़ों में 70 सीटों में 43 पर आगे; उमर बोले- और लड़ो आपस में

27 साल बाद दिल्ली में BJP की सरकार: EC के आंकड़ों में 70 सीटों में 43 पर आगे; उमर बोले- और लड़ो आपस में

Kharchaa Pani

लेखक: साक्षी वर्मा, अदिति श्रीवास्तव, टीम नेटानागरी

परिचय

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 वर्षों के बाद एक बार फिर से सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। चुनाव आयोग (EC) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में से 43 पर बढ़त बनाई है। यह परिणाम राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और सभी पार्टियों के लिए एक नया चुनौतीपूर्ण माहौल सृजित करता है।

चुनावी विश्लेषण

दिल्ली के चुनाव परिणामों में BJP की जीत को लेकर कई विश्लेषकों का मानना है कि यह पार्टी की विकासात्मक नीतियों और दिल्ली सरकार के पिछले कार्यकाल के आधार पर हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह घटनाक्रम सत्ता के प्रति प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी कहा कि आपस में लड़ाई जारी रहनी चाहिए, जिससे राजनीति में नए समीकरण बन सकें।

भाजपा की रणनीति

BJP ने चुनाव प्रचार के दौरान सामाजिक कल्याण, विकास और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी। आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, महिला सुरक्षा, और शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के वादों ने दिल्लीवासियों का ध्यान आकर्षित किया। पार्टी की यह रणनीति दिल्ली के मतदाताओं की मानसिकता में गहरी पैठ बना सकी।

प्रतिद्वंद्वियों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने BJP की जीत का स्वागत नहीं किया है। AAP के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे इस असफलता से सीखेंगे और अगले चुनावों के लिए बेहतर रणनीति तैयार करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इन पार्टियों के बीच किस तरह की नई रणनीतियाँ विकसित होती हैं।

निष्कर्ष

बीजेपी की इस जीत ने दिल्ली की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है और आगामी समय में यहाँ के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में सहायता करेगी। अन्य पार्टियों के लिए यह एक गंभीर संकेत है कि जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आने वाले समय में भाजपा की यह जीत लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बनी रहेगी। इस कारण आम जनता को भी राजनीतिक गतिविधियों पर गहन नज़र रखनी चाहिए, जिससे वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें।

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