सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी टली:रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम में खराबी; 280 दिन से स्पेस स्टेशन में फंसीं
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी टल गई है। उन्हें लेने जा रहे मिशन क्रू-10 को NASA ने टाल दिया है। इस मिशन को कल यानी 12 मार्च को स्पेसएक्स के रॉकेट फाल्कन 9 से लॉन्च किया जाना था। हालां, रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैम्प आर्म में हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के चलते इस मिशन को टाल दिया गया है। बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स पिछले नौ महीनों से ISS पर फंसे हुए हैं। वे जून 2024 में वहां पहुंचे थे। उन्हें वहां सिर्फ एक हफ्ते रुकना था। ये दोनों अंतरिक्ष यात्री बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पहुंचे थे। यह स्पेसक्राफ्ट सितंबर में बिना किसी क्रू के पृथ्वी पर वापस आ गया। फॉक्स न्यूज के मुताबिक ISS से डॉकिंग के दौरान स्टारलाइनर को हीलियम लीक और स्पेसक्राफ्ट रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर्स में समस्या का सामना करना पड़ा था। नासा के मुताबिक लॉन्चिंग के लिए अगली विंडो भारतीय समयानुसार 15 मार्च सुबह 4 बजकर 56 के बाद होगी। मस्क की स्पेसएक्स के पास वापस लाने की जिम्मेदारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेस एक्स के CEO इलॉन मस्क से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर को वापस लाने का काम सौंपा है। ट्रम्प ने जनवरी में सोशल मीडिया पर लिखा- मैंने मस्क से उन दो ‘बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों’ को वापस लाने को कहा है। इन्हें बाइडेन प्रशासन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। वे अंतरिक्ष स्टेशन पर कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे। मस्क ने इसके जवाब में कहा कि हम ऐसा ही करेंगे। यह भयानक है कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें इतने लंबे वक्त तक वहां छोड़ रखा है। सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था? सुनीता और बुच विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुच विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे। सुनीता और विलमोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए? स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं। इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था। लॉन्च के बाद भी स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों की खबर आई। NASA ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है। एक स्पेसक्राफ्ट में कई थ्रस्टर होते हैं। इनकी मदद से स्पेसक्राफ्ट अपना रास्ता और स्पीड बदलता है। वहीं हीलियम गैस होने की वजह से रॉकेट पर दबाव बनता है। उसका ढांचा मजबूत बना रहता है, जिससे रॉकेट को अपनी फ्लाइट में मदद मिलती है। लॉन्च के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पाए। ------------------------ सुनीता विलियम्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... आज का एक्सप्लेनर:सुनीता विलियम्स की वापसी का प्लान फाइनल, लेकिन खतरे कम नहीं; धरती पर चलना याद करने में लग जाएंगे कई महीने 8 दिनों के लिए अंतरिक्ष गई सुनीता विलियम्स 8 महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी हैं। उनके धंसे गाल, कमजोर शरीर देखकर डॉक्टर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने इलॉन मस्क से कहा था- बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाओ, जिन्हें बाइडेन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी टली: रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम में खराबी; 280 दिन से स्पेस स्टेशन में फंसीं
खर्चा पानी
लेखिका: आरती शर्मा, टीम नेतनागरी
परिचय
भारत की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी की तारीख एक बार फिर टल गई है। रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण उन्हें अंतरिक्ष स्टेशन पर अधिक समय बिताना पड़ रहा है। सुनीता ने अब तक 280 दिन से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताया है। उनके इस मिशन से जुड़े कई पहलुओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स का सफर
सुनीता विलियम्स ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार किए हैं। वे न केवल भारतीय मूल की पहली महिला हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष मिशनों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह 280 दिन से अधिक समय तक अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने सहकर्मियों के साथ काम कर रही हैं। उनके योगदान ने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम में खराबी
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम में आई खराबी के चलते सुनीता की वापसी की योजना प्रभावित हुई है। NASA ने इस घटना की पुष्टि की है और इसकी जांच की जा रही है। तकनीकी दिक्कत के चलते उनके द्वारा लौटने का समय अनिश्चित हो गया है। वर्तमान में सुनीता और उनके साथियों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उद्देश्य और महत्व
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य वास्तव में अंतरिक्ष में रहने के दौरान किए गए विज्ञान प्रयोगों के परिणामों को प्राप्त करना है। सुनीता विलियम्स की टीम ने अंतरिक्ष में स्वास्थ्य, खेती और पर्यावरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर अध्ययन किया है। इन अध्ययनों के जरिए हमें पृथ्वी पर नई तकनीकों के विकास में मदद मिल सकेगी।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की वापसी टलने से न केवल उनके परिवार और मित्रों को चिंता हुई है, बल्कि भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष अनुसंधान समुदाय में भी चिंता फैल गई है। जब तक सभी सुरक्षा लागू किए जा रहे हैं, तब तक उम्मीद की जा रही है कि तकनीकी समस्याओं का समाधान जल्द ही ढूढ़ा जाएगा और सुनीता सुरक्षित वापसी कर सकेंगी। अंतरिक्ष में उनके योगदान को याद रखा जाएगा, और हम चाहते हैं कि वे जल्दी धरती पर वापस आएं।
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