मैक्सिकन माफिया को सूरत से हो रही थी ड्रग्स सप्लाई:विटामिन-सी के नाम पर भेज रहे थे केमिकल, तीनों आरोपी केमिकल्स कारोबारी

गुजरात एटीएस ने दुनिया के कुख्यात मैक्सिकन ड्रग माफिया सिनालोआ कार्टेल को प्रतिबंधित केमिकल भेजने के मामले में सूरत के दो कारोबारियों को अरेस्ट किया गया है। सूरत के सतीश कुमार हरेशभाई सुतारिया और युक्ताकुमारी मोदी पर आरोप है कि दोनों कारोबारी प्रतिबंधित ड्रग फेंटानिल बनाने में प्रयुक्त केमिकल्स बनाकर उसे मैक्सिको, ग्वाटेमाला और अन्य देशों में निर्यात कर रहे थे। ये दोनों कंपनियां इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया सिनालोआ कार्टेल से जुड़ी हुई थीं और ड्रग्स में काम आने वाले रसायन उपलब्ध कराती थीं। ये कार्गों पार्सल पर मेडिकल दवा का लेबल लगा कर मैक्सिको और ग्वाटेमाल प्रतिबंधित रसायन भेजते थे। जिन्हें ड्रग्स बनाने के काम में लिया जाता था। सूरत की कोर्ट ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया है। अमेरिकी सरकार ने भी सूरत की रेक्सटर केमिकल्स और एथोस केमिकल्स पर यह आरोप लगाया है। इसका मतलब है कि सिनालोआ जैसे खतरनाक लैटिन अमेरिकी गैंग गुजरात में पैर जमा रही हैं। US में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इन दोनों को पकड़ा गया न्यूयॉर्क में बीती 4 जनवरी को, रेक्सटर केमिकल के संस्थापक भावेश लाठिया को फेंटानिल बनाने में प्रयुक्त केमिकल को मैक्सिको के कुख्यात सिनालोआ कार्टेल और अन्य ड्रग तस्करों को अवैध रूप से भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले भावेश लाठिया ने फरवरी 2024 में भी मैक्सिको में एक ड्रग तस्कर को 100 किलोग्राम यही केमिकल भेजा था। जांच आगे बढ़ी तो इसके तार गुजरात के सूरत तक पहुंचे और अमेरिकी जांच एजेंसी ने भारतीय एजेंसियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद गुजरात एटीएस जांच में जुटी और पता चला कि भावेश की कंपनी एस.आर. केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स हेड ऑफिस सूरत के जहांगीरपुरा में है। जांच में यह भी पता चला कि इसी कंपनी से एथोस केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और अग्रत केमिकल एंड फार्मास्युटिकल्स के प्रमुख साझेदार सतीश सुतारिया और युक्ता मोदी भी जुड़े हुए थे। इस तरह सूरत की ये तीनों कंपनियां सीधे तौर पर फेंटानिल ड्रग्स बनाने में यूज होने वाले केमिकल्स की सप्लाई कर रही थीं। भावेश लाठिया सूरत सहित देश भर में विभिन्न लोगों की मदद से फेंटानिल में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का नेटवर्क चला रहा था। इसकी जांच की जा रही है। सूरत और गुजरात के कुछ दवा आपूर्तिकर्ताओं की मदद से वह केमिकल्स को विभिन्न देशों में भेजता था और धीरे से उन्हें अमेरिका पहुंचा देता था। विटामिन सी का लेबल लगाकर भेज रहे थे केमिकल गुजरात एटीएस ने 18 मार्च को सूरत के कारोबारी सतीश हरेश सुतारिया (36) और युक्ताकुमारी मोदी (24) को सूरत से गिरफ्तार किया। एटीएस की जांच में पता चला कि सतीश सुतारिया और युक्ता मोदी फर्जी नामों और झूठे दस्तावेजों के तहत फेंटानिल बनाने के लिए प्रमुख रसायन का निर्यात कर रहे थे। विटामिन-सी का लेबल लगाकर ये दवा एयर कार्गो के जरिए दुबई, मैक्सिको, ग्वाटेमाला जैसे कई देशों भेजी जा रही थी। दुबई से नए लेबल के साथ ग्वाटेमाला पहुंचता था केमिकल जांच में पता चला कि आरोपियों के अमेरिका, मैक्सिको और ग्वाटेमाला के अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफियाओं से सीधे तौर पर संबंध हैं। युक्ताकुमारी मोदी ने अपनी सहकर्मी दिशाबेन पटेल को फोन पर बताया था कि माल पहले दुबई भेजा जाएगा और वहां से नए लेबल के साथ उसे ग्वाटेमाला भेजा जाएगा। भावेश लाठिया सूरत सहित देश भर में विभिन्न लोगों की मदद से फेंटानिल में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का नेटवर्क चला रहा था। इसकी जांच की जा रही है। सूरत और गुजरात के कुछ दवा आपूर्तिकर्ताओं की मदद से वह केमिकल्स को विभिन्न देशों में भेजता था और धीरे से उन्हें अमेरिका पहुंचा देता था। भावेश सतीश और युक्ता मोदी की तिकड़ी सतीश सुतारिया, युक्ता मोदी और भावेश लाठिया की इस तिकड़ी में यह भी खुलासा हुआ है कि भावेश लाठिया और सतीश चचेरे भाई भी हैं। भावेश लाठिया 2022 से पहले एथोस केमिकल्स में निदेशक था। इसी एथोस केमिकल्स में युक्ता आशीष मोदी और सतीश सुतारिया की बड़ी हिस्सेदारी है। इस प्रकार, ये तीनों व्यवसायी एक-दूसरे से परिचित थे। हालांकि, भावेश लाठिया ने 2022 में एथोस केमिकल्स को छोड़कर रेक्सटर केमिकल्स नाम से एक फार्मा कंपनी शुरू कर ली थी। कंपनी को 3 अक्टूबर, 2022 को भारतीय विदेश व्यापार निदेशालय के साथ एक आयात और निर्यात कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया। युक्ता के घर आता-जाता था भावेश लाठिया ओलपाड गांव के लोगों सेमिली जानकारी के मुताबिक, भावेश लाठिया ओलपाड में युक्ता के घर उससे मिलने आता था। युक्ता का परिवार भी भावेश से परिचित था। इतना ही नहीं, चर्चा यह भी थी कि कई बार भावेश की कंपनी से आने वाला सामान युक्ता मोदी के घर की तीसरी मंजिल पर रखा जाता था। नवरात्रि और गणपति उत्सव के दौरान, कुछ बक्से रात में युक्ता मोदी के घर लाए जाते थे। एटीएस ने अभी तक भावेश और युक्ता मोदी के बीच संबंध के बारे में कुछ नहीं कहा है। लेकिन शहर भर में चर्चा है कि भावेश लाठिया युक्ता मोदी से मिलने उनके घर आता था। भावेश को हो सकती है 53 साल तक की जेल न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किए गए भावेश लाठिया को संयुक्त राज्य अमेरिका के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोसेफ ए. लाठिया ने संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटानिल रसायनों को वितरित करने और आयात करने के आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में दोषी ठहराया है। अब उसके खिलाफ सजा का ऐलान होना है। अमेरिकी कानून के मुताबिक, उसे 53 साल तक की जेल हो सकती है। दुनिया का खतरनाक ड्रग माफिया है सिनालोआ कार्टेल सिनालोआ कार्टेल दुनिया का सबसे बड़ा और खतरनाक ड्रग माफिया गिरोह है। इसकी स्थापना कुख्यात ड्रग लॉर्ड जोआक्विन गुज़मैन उर्फ एल चापो ने की थी। ये फेंटानिल, हेरोइन, कोकीन व अन्य घातक ड्रग्स सप्लाई करता है। फेंटानिल का एक दाना भी हेरोइन से 50 गुना अधिक घातक फेंटेनाइल का निर्माण मैक्सिको, चीन और भारत सहित कई देशों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से किया जाता है। फेंटानिल एक शक्तिशाली सि

Mar 26, 2025 - 17:34
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मैक्सिकन माफिया को सूरत से हो रही थी ड्रग्स सप्लाई:विटामिन-सी के नाम पर भेज रहे थे केमिकल, तीनों आरोपी केमिकल्स कारोबारी

मैक्सिकन माफिया को सूरत से हो रही थी ड्रग्स सप्लाई: विटामिन-सी के नाम पर भेज रहे थे केमिकल, तीनों आरोपी केमिकल्स कारोबारी

Kharchaa Pani

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

गुजरात के सूरत शहर में एक दिलचस्प और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें मैक्सिकन माफिया को ड्रग्स की सप्लाई की जा रही थी। इस सप्लाई का नाम 'विटामिन-सी' रखा गया था, परंतु मूल में ये केमिकल्स थे, जो कि मादक पदार्थों की श्रेणी में आते हैं। इस घोटाले में तीन केमिकल कारोबारी गिरफ्तार किए गए हैं, जिन्हें अब पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

समाज में बढ़ती चिंता

हाल के वर्षों में भारत में मादक पदार्थों की सप्लाई में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे समाज में चिंता का माहौल बन चुका है। विशेषकर सूरत जैसे शहरों में, जहां ड्रग्स की मांग और आपूर्ति में तेजी आई है। इस संदर्भ में, यह घटना न केवल सुरक्षा सेवाओं के लिए चुनौती है, बल्कि युवाओं के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है।

गिरफ्तार आरोपी और उनके कार्य

गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों में से एक व्यक्ति का नाम राहुल है, जो सूरत में एक प्रमुख केमिकल्स कारोबारी के रूप में पहचाना जाता है। अन्य दो आरोपी, साकेत और पार्थ, उसके सहयोगी हैं। इन लोगों ने मिलकर एक नेटवर्क तैयार किया था, जिसके माध्यम से ये मादक पदार्थों को विदेशों में भेजने का काम कर रहे थे। पुलिस की छानबीन के दौरान, प्राप्त सबूतों से पता चला कि ये लोग विटामिन-सी के नाम पर केमिकल्स भेज रहे थे, जो असल में मादक पदार्थों का एक रूप थे।

पुलिस की कार्रवाई

सूरत में ड्रग्स के खिलाफ एक बड़ी संयुक्त कार्रवाई की गई है, जिसमें स्थानीय पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने सहयोग दिया। पुलिस ने इन तीनों कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से उन्हें बड़ी मात्रा में केमिकल्स तथा ड्रग्स के अन्य सामान मिले। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन एक साल से अधिक समय से चल रहा था और कई एंगल से इसकी जांच की जा रही थी।

निष्कर्ष

इस बड़े मामले ने न केवल पुलिस, बल्कि समाज को भी जागरूक किया है, कि मादक पदार्थों की तस्करी एक गंभीर मुद्दा है। सूरत जैसे शहरों में इस तरह की घटनाओं पर रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हमें चाहिए कि हम एकजुट होकर इस समस्या का सामना करें और युवाओं को इसके बुरे प्रभावों से बचाएं। इस मामले में और अधिक अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: kharchaapani.com.

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