मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों से की बातचीत
देहरादून। जनपद रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और बागेश्वर के कुछ क्षेत्रों में बादल फटने की सूचना प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित लोगों को […]

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों से की बातचीत
देहरादून। राज्य के रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और बागेश्वर जिलों के कुछ क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएँ हुई हैं। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संबंधित जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता की और राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यही कहा कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए और किसी भी प्रकार की देरी न हो।
आपदा प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन
मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर आपदा प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। सड़क, विद्युत और पेयजल आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने के उपाय किए जाएं। डिजिटल माध्यम से प्रभावित जिलों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर, उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पूरे मानसून के दौरान शासन और प्रशासन को अलर्ट मोड में रहना चाहिए। जिलाधिकारियों को कहा गया कि यदि आपदा राहत कार्यों के लिए कोई विशेष संसाधन चाहिए, तो उसका त्वरित प्रबंध किया जाए। साथ ही, प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक मुआवजा निर्धारित मानकों के अनुसार तुरंत उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारीगण
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए. पी. अंशुमान, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, और विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते उपस्थित थे। सभी ने आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक कार्रवाइयों पर चर्चा की और अपने-अपने क्षेत्रों में राहत कार्यों का अनुमोदन किया।
संक्रमित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा
मुख्यमंत्री धामी ने प्रभावित जिलों की स्थिति पर भी व्यापक चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी आवश्यक जानकारियाँ आपस में साझा की जाएं, ताकि लोक कल्याण प्राथमिकता बन सके। इसके लिए, उन्होंने करमचाऔरों को प्रतिदिन प्रभावित व्यक्तियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी आवश्यकताओं से संबंधित स्थिति रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री की तत्परता एवं सक्रियता यह प्रकट करती है कि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं भलाई को सर्वोच्च महत्व देती है। हाल की घटनाएँ हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सीख हैं कि प्राकृतिक आपदाएँ कब और कैसे आती हैं। प्रशासन की संवेदनशीलता और तत्परता इस समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
धामी सरकार की यह पहल प्रशासनिक दक्षता का एक उदाहरण पेश करती है, जो राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में मददगार साबित होगी। हमें उम्मीद है कि सरकारी मशीनरी अपने वादों को निभाएगी और जरूरत के समय सभी आवश्यक संसाधनों की कमी नहीं होने देगी।
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यह रिपोर्ट टीम खarchaa Pani द्वारा प्रस्तुत की गई है।
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