नकल प्रकरण की जांच के लिए नया आयोग गठित, न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा ने जताई असमर्थता
देहरादून। राज्य सरकार ने स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2025 में कथित नकल के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी (उच्च न्यायालय, नैनीताल) की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय जांच आयोग के गठन की घोषणा की है। यह निर्णय जनहित एवं लोक महत्व को ध्यान में रखते हुए सम्यक विचारोपरांत लिया गया है। ज्ञात […]

देहरादून: नकल प्रकरण की जांच के लिए नया आयोग गठित
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कम शब्दों में कहें तो, राज्य सरकार ने स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2025 में नकल के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है। यह निर्णय समाज के हित और जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 21 सितंबर 2025 को हुई इस परीक्षा के दौरान नकल की कई शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत इस मामले की न्यायिक जांच करने का निर्णय लिया है।
न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा की असमर्थता
आरंभ में, राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा को इस आयोग की अध्यक्षता का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, उन्होंने निजी कारणों और समय की कमी का हवाला देते हुए इस जिम्मेदारी को निभाने में असमर्थता जताई। इसके बाद इस जिम्मेदारी को न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी को सौंपा गया है।
आयोग का कार्य और क्षेत्राधिकार
जारी आदेश के तहत, यह आयोग अन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों का सहयोग लेने के लिए स्वतंत्र होगा। आयोग का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण राज्य रहेगा और यह विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों, तथ्यों और सूचनाओं का गहराई से परीक्षण करेगा। इसके साथ ही, आयोग 24 सितंबर 2025 को गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट पर भी गौर करेगा।
स्थानीय प्रशासन द्वारा अपेक्षा की गई है कि यह आयोग जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा जिससे इस मामले की कार्रवाई में तेजी लाई जा सके।
यदि आप इस मामले से संबंधित और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ।
Team Kharchaa Pani - Neha Sharma
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