ममता बोलीं- लोकतंत्र परमानेंट है, कुर्सी नहीं:सुवेंदु को समझाइश दी, उन्होंने कहा था- सत्ता में आए तो मुस्लिम विधायकों को बाहर फेंकेंगे

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा- 'लोकतंत्र स्थायी है, कुर्सी नहीं। इसका सम्मान करें।' दरअसल, सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देंगे। इसके जवाब में ममता ने कहा- 'आप मुस्लिम विधायकों को बाहर निकालने के बारे में कैसे सोच सकते हैं। आप मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि यह रमजान का महीना है। सांप्रदायिक बयान देकर देश का ध्यान आर्थिक और व्यापारिक घाटे से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।' सुवेंदु बोले- चोर ममता हटाओ सुवेंदु ने TMC को हिंदू विरोधी बताते हुए कहा था कि हिंदू हितों के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं करूंगा। अगर एक सुवेंदु मर जाता है, तो एक करोड़ सुवेंदु पैदा होंगे। ममता हटाओ, चोर ममता हटाओ। इससे पहले सुवेंदु ने 2024 में कहा था कि भाजपा को अल्पसंख्यक मोर्चा बंद कर देना चाहिए। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा था कि सबका साथ, सबका विकास कहना बंद करो। अब हम कहेंगे 'जो हमारे साथ, हम उनके साथ...' सुवेंदु बोले, 'हम जीतेंगे, हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को बचाएंगे।' हालांकि, कुछ घंटे बाद सुवेंदु ने बयान पर सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा, 'यह नारा प्रधानमंत्री ने दिया था और यह अभी भी कायम है।' ---------------------------------------------- विवादित बयान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ममता बोलीं- महाकुंभ 'मृत्युकुंभ' में बदल गया, कहा- गरीब तरस रहे, VIPs को खास सुविधाएं मिल रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर कहा था, 'महाकुंभ 'मृत्युकुंभ' में बदल गया है। महाकुंभ के लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई। भगदड़ में कई लोग मारे गए, लेकिन उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा। कई लोग मिले ही नहीं।' पूरी खबर पढ़ें...

Mar 12, 2025 - 18:34
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ममता बोलीं- लोकतंत्र परमानेंट है, कुर्सी नहीं:सुवेंदु को समझाइश दी, उन्होंने कहा था- सत्ता में आए तो मुस्लिम विधायकों को बाहर फेंकेंगे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विधानसभा में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी

ममता बोलीं- लोकतंत्र परमानेंट है, कुर्सी नहीं: सुवेंदु को समझाइश दी

Kharchaa Pani - इस बार बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र एक स्थायी संस्था है, जबकि कुर्सी अस्थायी होती है। ममता का यह बयान उस वक्त आया जब सुवेंदु ने कथित तौर पर मुस्लिम विधायकों को सत्ता में आने पर बाहर फेंकने की बात कही थी।

सुवेंदु अधिकारी का विवादित बयान

भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक जनसभा में कहा था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे मुस्लिम विधायकों को बाहर फेंक देंगे। इस बयान ने बंगाल की राजनीतिक वातावरण को गर्म कर दिया है। इसी संदर्भ में ममता ने कहा कि ऐसे विचार केवल विभाजन को बढ़ावा देते हैं और इससे लोकतंत्र को हानि पहुंचती है।

ममता का लोकतंत्र के प्रति दृष्टिकोण

ममता बनर्जी ने अपने अनुभव के माध्यम से बताया कि लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारे देश का संविधान सभी धर्मों और समुदायों को सम्मान देता है। यह जरूरी है कि हम सभी को एक समान समझें और देश की एकता को बनाए रखें।” ममता ने प्रवचन देते हुए कहा कि लोकतंत्र केवल चुनाव जीतने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की आवाज सुनने का माध्यम है।

भाजपा का उत्तर

ममता के इस बयान को लेकर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा है कि ममता को अपने शासन में मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने ममता के शब्दों को "बूढ़ी मानसिकता" का नतीजा बताते हुए कहा कि यह वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को समझने की उनकी विफलता दर्शाता है।

समाज में विभाजन का खतरा

राजनीतिक दृष्टिकोण से यह बेहद महत्वपूर्ण है कि नेता ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें जो समाज में तनाव उत्पन्न करें। ममता ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, "हम सभी भारतीय हैं, और हमें एकजुट रहना है। किसी भी प्रकार का भेदभाव लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।"

निष्कर्ष

इस बयान से स्पष्ट होता है कि ममता बनर्जी लोकतंत्र और समरसता की पक्षधर हैं। उनके उत्तर से यह भी स्थिति की गंभीरता का आभास होता है कि किस प्रकार राजनीतिक नेताओं की जिम्मेदारियां होती हैं। मतदान और चुनावी राजनीति के दौरान हमें अपने शब्दों और कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।

इस पूरे विवाद में ममता का यह संदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि सत्ता से अधिक महत्वपूर्ण है एक स्थायी और सुनहरी लोकतांत्रिक व्यवस्था। इस पर ममता द्वारा दी गई सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए।

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