दिल्ली कोर्ट बोली- केजरीवाल पर FIR दर्ज करो:सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप, प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग लगवाए थे
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सरकारी पैसों के दुरुपयोग मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग लगवाने में जनता के पैसे का गलत इस्तेमाल किया। केजरीवाल और दो अन्य नेताओं गुलाब सिंह और नितिका शर्मा पर FIR की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से 18 मार्च तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। 6 साल पहले कोर्ट में लगाई गई याचिका 2019 में दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसमें आरोप था कि अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका से पार्षद नितिका शर्मा ने पूरे इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है। तब निचली अदालत ने याचिका खारिज कर FIR की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जनवरी, 2024 में डायरेक्टरेट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी ने भी AAP से राजनीतिक विज्ञापनों के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने के लिए ब्याज सहित 163.62 करोड़ रुपए वापस करने को कहा था। भाजपा का आरोप- योजना के बजट से ज्यादा प्रचार पर खर्च शराब घोटाला केस में जमानत पर हैं केजरीवाल अरविंद केजरीवाल शराब घोटाला केस में जमानत पर हैं। वे 13 जुलाई, 2024 को जेल से बाहर आए थे। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इसी मामले से जुड़े CBI केस में जमानत दी थी। शराब घोटाला मामले में केजरीवाल के खिलाफ ED और CBI दोनों जांच एजेंसियों ने केस दर्ज किया है। ED ने उन्हें 21 मार्च, 2024 को अरेस्ट किया था। इसके बाद 26 जून को CBI ने जेल से ही उन्हें हिरासत में ले लिया था। ED मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। केंद्र का आदेश- केजरीवाल के बंगले में रेनोवेशन की जांच होगी इससे पहले केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले में रेनोवेशन की जांच के आदेश दिए थे। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने 13 फरवरी को जांच के आदेश जारी किए थे। यह आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्कर्स डिपार्टमेंट (CPWD) की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि 40 हजार वर्ग गज (8 एकड़) में बने बंगले के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि बंगले के रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। भाजपा ने बंगले को केजरीवाल का शीशमहल नाम दिया है। केजरीवाल यहां 2015 से 2024 तक रहे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उप-राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि केजरीवाल का बंगला 4 सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से मिलाकर बनाया गया है। इस प्रोसेस को रद्द कर दिया जाना चाहिए। भाजपा का मुख्यमंत्री शपथ के बाद इस बंगले में नहीं रहेगा। पूरी खबर पढ़ें... ------------------------------------------------- केजरीवाल से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... क्या केजरीवाल ने ‘शीशमहल’ पर ₹45 करोड़ खर्च किए, रेनोवेशन के नियम क्या हैं दिल्ली चुनाव में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का घर चर्चा में रहा था। भाजपा ने केजरीवाल पर ‘शीशमहल’ बनवाने का आरोप लगाया था। जवाब में केजरीवाल ने पीएम मोदी पर महंगी चीजें इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पूरी खबर पढ़ें...

दिल्ली कोर्ट बोली- केजरीवाल पर FIR दर्ज करो: सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप, प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग लगवाए थे
Kharchaa Pani
सम्पादकीय टीम: नेता नागरी
परिचय
दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक FIR (प्राथमिकी) दर्ज करने का आदेश दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल किया है। इस मामले में उनके द्वारा प्रचार के लिए बड़े होर्डिंग्स लगाने का भी उल्लेख किया गया है। इस विकास ने सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अनुदानों और उनके उपयोग की पृष्ठभूमि में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अदालत का निर्णय और उसके परिणाम
दिल्ली की अदालत ने यह फैसला एक याचिका के बाद सुनाया जहां यह दावा किया गया था कि केजरीवाल ने सार्वजनिक धन का उपयोग अपने राजनीतिक प्रचार के लिए किया है। अदालत ने इस मामले में गंभीरता दिखाई और कहा कि यदि आरोप सत्य हैं, तो यह न केवल कानूनी बल्कि नैतिक मुद्दा भी है। इस प्रकार का मामला राजनीतिक परिदृश्य में अपने आप में एक महत्वपूर्ण घटना है जो लोगों की भलाई से संबंधित है।
सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल के आरोप
आरोप है कि केजरीवाल ने संबंधित अधिकारियों से मिलकर सरकारी संसाधनों का विपरीत उपयोग किया। उनके विरोधियों ने यह भी कहा है कि इस ज्यादातर धन का उपयोग उन होर्डिंग्स के लिए किया गया जो उनकी राजनीतिक छवि को स्थापित करने में मदद करते हैं। ये हालात ऐसे समय में उत्पन्न हुए हैं जब दिल्ली में आगामी चुनावों की तैयारी चल रही है, और विभिन्न पार्टियाँ चुनावी प्रचार के लिए सभी संभावित साधनों का उपयोग कर रही हैं।
लोकप्रियता पर असर
केजरीवाल की लोकप्रियता को देखते हुए, यह आरोप उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच बहस का विषय बन गया है। क्या यह आरोप केवल राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम हैं या वास्तव में कोई गलत काम किया गया है? यह सवाल अब दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बन गया है।
सामाजिक और आर्थिक मूल्यों पर प्रभाव
इस तरह के मामलों का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। यदि वास्तविकता में ऐसा होता है तो यह न केवल उन लोगों के विश्वास को कमजोर करता है जो अपने नेताओं में निष्ठा रखते हैं, बल्कि यह सरकारी धन के सही उपयोग के मुद्दे को भी उठाता है। ऐसे समय में जब कई विकासात्मक योजनाओं के लिए फंड की आवश्यकता है, इस प्रकार के मामलों की पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण है।
समापन
दिल्ली कोर्ट का यह निर्णय निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है जो सार्वजनिक धन के उपयोग की पारदर्शिता को लेकर चिंता को दर्शाता है। अब देखना यह है कि केजरीवाल इस मामले का सामना किस तरह करते हैं और क्या वे साबित कर पाते हैं कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
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