तेलंगाना CM की आलोचना पर 2 महिला यूट्यूबर गिरफ्तार:पुलिस बोली- वीडियो अपमानजनक, हमारे पास सबूत कि विपक्ष ने उन्हें पैसे दिए
हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की आलोचना करने वाले दो महिला यूट्यूबर्स को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के स्टेट सेक्रेटरी की शिकायत पर बुधवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा है। एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस पी विश्वप्रसाद ने बताया कि वीडियो फरवरी में भारत राष्ट्र समिति (BRS) के मुख्यालय में शूट हुआ। इसे बजट सत्र से ठीक पहले 10 मार्च को सीएम का अपमान करने और बदनाम करने की प्लानिंग के तहत जारी किया गया। वीडियो का कंटेंट अश्लील और अपमानजनक है। आरोपी फेम और व्यूज पाने के लिए इसे बार-बार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे। हमारे पास सबूत हैं कि उन्हें इसके लिए BRS से पैसे मिले थे। हम हर पहलू की जांच करेंगे। अब पूरा मामला समझिए... पुलिस ने बताया कि मामला BRS मुख्यालय में शूट हुए एक अपमानजनक वीडियो से जुड़ा है। इसमें यूट्यूब चैनल पल्स डिजिटल न्यूज नेटवर्क की मैनेजिंग डायरेक्टर रेवती पोगदंडा और सहयोगी तन्वी यादव को गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस की ओर से शिकायत में कहा गया था कि एक्स पर एक वीडियो प्रचारित हो रहा है। वीडियो में पल्स न्यूज का रिपोर्टर एक व्यक्ति का इंटरव्यू ले रहा है। वह व्यक्ति मुख्यमंत्री के लिए आपत्तिजनक बातें कर रहा है। इस तरह के वीडियो पोस्ट से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। यूट्यूबर ने राहुल से पूछा- यही आपका लोकतंत्र है गिरफ्तारी से पहले रेवती ने एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में उन्होंने कहा- पुलिस मेरे दरवाजे पर है। वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं। रेवंत रेड्डी मुझ पर और मेरे परिवार पर दबाव डालना चाहते हैं। मुझे धमकाना चाहते हैं। महिला यूट्यूबर्स के वकील जक्कुला लक्ष्मण ने बताया- दोनों को अपना काम करने के लिए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने एक आम आदमी का इंटरव्यू लिया जो सरकार से नाराज था और इसे अपने चैनल पर दिखाया। इससे पहले रेवती ने मंगलवार दोपहर अपने एक्स हैंडल पर कांग्रेस की FIR का एक हिस्सा शेयर करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को टैग किया था। उन्होंने राहुल से पूछा- क्या यही वह लोकतंत्र है जिसकी आप बात करते हैं। क्या यह संविधान का हिस्सा है। प्लीज पहले अपनी सरकार को अनुच्छेद 19 सिखाएं। अपनी राय रखना अपराध कैसे हो सकता है। अगर आप 60-70 साल के आदमी की की बात बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो मुझे आप पर दया आती है। --------------------------------------------------- तेलंगाना की राजनीति से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... तेलंगाना CM बोले- मोदी जन्म से OBC नहीं, भाजपा विधायक ने कहा- रेवंत वही बोलते, जो राहुल कहते हैं भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने पीएम मोदी की जाति पर दिए बयान को लेकर तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी की आलोचना की। उन्होंने कहा- "रेवंत वही बोलते हैं जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी उन्हें भेजते हैं। रेवंत ने कांग्रेस के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की जाति को लेकर टिप्पणी की थी। पूरी खबर पढ़ें...

तेलंगाना CM की आलोचना पर 2 महिला यूट्यूबर गिरफ्तार: पुलिस बोली- वीडियो अपमानजनक, हमारे पास सबूत कि विपक्ष ने उन्हें पैसे दिए
Kharchaa Pani
इस समाचार में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के खिलाफ दो महिला यूट्यूबर्स को गिरफ्तार करने का मामला उठाया गया है। इस गिरफ्तारी के पीछे पुलिस ने कहा है कि उन द्वारा बनाये गए वीडियो अपमानजनक हैं और उनके पास यह भी सबूत है कि विपक्ष ने इन महिलाओं को पैसे दिए हैं।
गिरफ्तारी का背景
हाल ही में, तेलंगाना की महिला यूट्यूबरों ने मुख्यमंत्री के विभिन्न निर्णयों और नीतियों के खिलाफ वीडियो बनाए, जिसे राज्य सरकार ने आपत्ति जाहिर की। विरोधी दल ने उन वीडियो को अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि उनके पास मजबूत सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि इन महिलाओं को विपक्ष ने आर्थिक मदद दी थी।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने महिला यूट्यूबर्स की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा कि वे वीडियो में जो बातें कर रही थीं, वो न केवल अपमानजनक थीं बल्कि समाज में अशांति फैलाने का एक प्रयास भी थीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में विस्तृत जांच चल रही है और सभी साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं।
वीडियो की विवादास्पदता
गिरफ्तार की गईं यूट्यूबर्स के वीडियो में दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री की नीतियों से आम जनता को नुकसान हो रहा है। इन यूट्यूबर्स का कहना था कि वे केवल सच बोल रही थीं और उन्हें स्वतंत्रता का अधिकार है। हालांकि, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस गिरफ्तारी पर राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष के नेताओं ने इस गिरफ्तारी को असहमति के स्वर को दबाने की कोशिश बताई है। उन्होंने कहा कि यह कदम लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। वहीं, सरकार ने अपनी रक्षा करते हुए कहा कि विधि और व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
निष्कर्ष
तेलंगाना की इस स्थिति ने यूट्यूबर्स और राजनीतिक नेताओं के बीच के संबंधों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता को उजागर किया है। क्या सच में सरकार आलोचनाओं को बर्दाश्त नहीं कर सकती? यह तो समय ही बताएगा। इसी बीच, यह घटना स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती है। ऐसे मामलों के चलते भविष्य में यूट्यूबरों को अपनी आवाज उठाने में और अधिक सावधानी बरतनी पड़ सकती है।
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