तेजस MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण:100 किलोमीटर एयर-टू-एयर मारक क्षमता, पहले अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास तकनीकी थी
ओडिशा के चांदीपुर में बुधवार को भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसमें स्वदेशी अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल टेस्ट किया गया। इस मिसाइल को LCA तेजस MK1 प्रोटोटाइप से लॉन्च किया गया। दरअसल अस्त्र मिसाइल को पहले ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। इस वजह से अस्त्र मिसाइल का स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ सफलतापूर्वक जोड़ा जाना एक बड़ी उपलब्धि है। अस्त्र मिसाइल को DRDO द्वारा बनाया गया है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों का निर्माण कर सकते हैं। इससे पहले इस तकनीक पर अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों का वर्चस्व था। मिसाइल की 3 खासियत: तेजस के साथ पहली बार सफल ट्रायल, IAF की ताकत बढ़ेगी इससे पहले, अस्त्र मिसाइल को सुखोई Su-30 MKI जैसे विमानों पर तैनात किया जा चुका था। लेकिन 12 मार्च 2025 को हुए इस टेस्ट ने साबित कर दिया कि यह LCA तेजस जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स के साथ भी पूरी तरह फिट बैठती है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में भारतीय वायुसेना तेजस में अस्त्र मिसाइल को तैनात कर अपनी हवाई ताकत को और मजबूत करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, IAF, ADA और HAL की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। सीमा पर भारत की रक्षा रणनीति को मिलेगी नई मजबूती यह टेस्ट ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत अपने रक्षा बेड़े को आधुनिक बनाने में जुटा है। अस्त्र मिसाइल की मारक क्षमता और तेजस से इसकी सफल लॉन्चिंग से भारत की डिफेंस डिटरेंस (रक्षा प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूती मिलेगी। यह खासतौर पर सीमा पर बदलते हवाई युद्ध की रणनीति के लिहाज से अहम साबित होगा। ASTRA से LCA तेजस MK1A की बढ़ेगी मारक क्षमता इस टेस्ट के साथ ही LCA तेजस MK1A वेरिएंट के इंडक्शन की प्रक्रिया को तेज करेगा। तेजस का यह उन्नत वेरिएंट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया जा रहा है। अस्त्र मिसाइल के साथ तेजस का इंटीग्रेशन होने से दुश्मन के विमानों को दूर से ही निशाना बनाया जा सकेगा। स्वदेशी डिफेंस सेक्टर को बड़ा बढ़ावा अस्त्र का सफल टेस्ट भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। इसमें ADA, DRDO, HAL, CEMILAC, DG-AQA और IAF जैसी कई संस्थाओं का योगदान रहा। ASTRA एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम में आत्मनिर्भरता की ओर कदम वायुसेना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... HAL बोला- जल्द होगी तेजस की डिलीवरी, तकनीकी दिक्कत थी, दूर हो गई तेजस की डिलिवरी पर एयरफोर्स चीफ की चिंता के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) ने बुधवार को जवाब दिया। HAL ने कहा कि हम जल्द ही वायुसेना को तेजस की डिलीवरी शुरू कर देंगे। HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने कहा कि डिलिवरी में देरी के पीछे इंडस्ट्री को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन यह देरी तकनीकी खामी की वजह से हुई है। अब इसे दूर कर लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें...

तेजस MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण: 100 किलोमीटर एयर-टू-एयर मारक क्षमता, पहले अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास तकनीकी थी
Kharchaa Pani
लेखिका: स्नेहा मिश्रा, टीम नेतनागरी
परिचय
इस हफ्ते भारतीय वायु सेना ने तेजस MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण विमानन श्रेणी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर तक मारक क्षमता प्रदान करती है, और अब भारत इसका सफल प्रयोग कर चुका है।
तेजस MK1 प्रोटोटाइप और अस्त्र मिसाइल
तेजस एक हल्का लड़ाकू विमान है जिसे DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) द्वारा विकसित किया गया है। यह तेजस MK1 प्रोटोटाइप भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अस्त्र मिसाइल, जिसे एयर-टू-एयर श्रेणी में रखा जाता है, की मारक क्षमता पूर्व में केवल अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों के पास थी।
परीक्षण के महत्व
इस सफल परीक्षण ने भारत को विश्व स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। एयर-टू-एयर मिसाइलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत अब इन उच्चस्तरीय तकनीकों को स्वदेशी रूप से विकसित कर सकता है, जिससे देश की सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।
भविष्य की दिशा
तेजस MK1 प्रोटोटाइप और अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण केवल शुरुआत है। भारत आगे और उच्च स्तर की तकनीकी क्षमता रखने को तत्पर है। आने वाले समय में, कई और उन्नत प्रणालियों का विकास किया जा सकता है, जिससे भारतीय वायु सेना की ताकत में इजाफा होगा।
निष्कर्ष
भारत की रक्षा प्रणाली में हो रही प्रगति न केवल आत्मनिर्भरता को दर्शाती है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी मजबूत बनाती है। तेजस MK1 प्रोटोटाइप और अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण इस दिशा में एक और कदम है। जैसे जैसे हम आगे बढ़ते हैं, भारतीय वायु सेना की क्षमताएं और भी बेहतर होती जाएंगी।
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