जरूरत की खबर- क्या टीका लगाने पर भी होता रेबीज:कुत्ते-बिल्ली का काटना क्यों है खतरनाक, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब
हाल ही में एक बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। इसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इसे थर्ड ग्रेड डॉग बाइट मानते हुए बच्चे को रेबीज का टीका लगाया और ईम्यूग्लोबिन सीरम की डोज दी। साथ ही बच्चे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समयानुसार रेबीज के तीन और टीके भी लगवाए गए, लेकिन इसके एक महीने बाद रेबीज के लक्षणों के कारण बच्चे की मौत हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि टीका लगवाने के बाद भी बच्चे को रेबीज कैसे हो गया। किन वजहों से बच्चे पर टीके का असर नहीं हुआ। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे। साथ ही बात करेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अजय सिंह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर AIIMS, भोपाल डॉ. प्रशांत निरंजन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज, जालौन सवाल- रेबीज क्या है? जवाब- रेबीज एक वायरल इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने से होता है। यह संक्रमित जानवर के काटने, खरोंचने या उसकी लार के किसी खुले जख्म के संपर्क में आने से इंसानों में फैल सकता है। रेबीज वायरस इंसान के ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। अगर सही समय पर इलाज न मिले तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है। सवाल- रेबीज के लक्षण क्या हैं? जवाब- रेबीज के लक्षणों में सबसे पहले काटने वाली जगह के आसपास चुभन और खुजली महसूस होती है। व्यक्ति को तेज बुखार और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। रेबीज वायरस धीरे-धीरे नसों के जरिए ब्रेन तक पहुंचता है। इसके बाद के सभी लक्षण ब्रेन से जुड़े होते हैं। इसमें सबसे कॉमन लक्षण पानी को देखकर डर लगना है। कूलर या पंखे की तेज हवा से डरना भी इसका एक लक्षण है। इसके अलावा इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं, इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- किसी जानवर के काटने के बाद आपने रेबीज का टीका लगवाया, लेकिन क्या इसके बाद भी रेबीज हो सकता है? जवाब- भोपाल AIIMS के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह बताते हैं कि रेबीज एक लाइलाज बीमारी है। अगर कोई व्यक्ति रेबीज से संक्रमित हो गया तो उसे बचाना मुश्किल है। रेबीज का टीका लगवाने के बाद भी मौत होने के कई संभावित कारण हो सकते हैं। जैसेकि- सवाल- क्या इस बात से भी फर्क पड़ता है कि रेबीज संक्रमित जानवर ने शरीर के किस हिस्से में काटा है? जवाब- डॉ. प्रशांत निरंजन बताते हैं कि बिल्कुल इस बात से फर्क पड़ता है। व्यक्ति को कुत्ते ने ब्रेन से जितनी दूर काटा होगा, उतने ही धीरे-धीरे उसके लक्षण दिखाई देंगे। यानी अगर कुत्ते ने व्यक्ति के पैर में काटा है तो रेबीज के लक्षण दिखने में समय लगेगा। जबकि हाथ, गर्दन या चेस्ट पर काटा है तो इन्फेक्शन जल्दी ब्रेन तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में भी कई बार मरीज को बचाना मुश्किल हो सकता है। रेबीज के लक्षण व्यक्ति में संक्रमित जानवर के काटने के कुछ दिनों, हफ्तों, महीनों या सालों बाद भी दिखाई दे सकते हैं। सवाल- रेबीज के टीके की कितनी डोज दी जाती हैं? जवाब- आज से 20-25 साल पहले पेट में रेबीज के 14 टीके लगते थे। अब आमतौर पर रेबीज के टीके का कोर्स 5 डोज का होता है। यह जिस दिन से कुत्ते ने काटा है, उस दिन से शुरू होता है। यानी रेबीज का टीका काटने वाले दिन से लेकर तीसरे, 7वें, 14वें और 21वें दिन दिया जाता है। सवाल- क्या जानवर की मामूली खरोंच या दांत लगने पर भी पांच टीके लगते हैं? जवाब- नहीं। यह इस पर निर्भर करता है कि घाव कितना ज्यादा है। कुत्ते, बिल्ली या बंदर के काटने या खरोंच मारने के बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर सबसे पहले यह देखेंगे कि घाव किस टाइप का है। आमतौर पर डॉग बाइट के मामलों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है। पहला- अगर सिर्फ कुत्ते की लार लग गई है। दूसरा- अगर कुत्ते के नाखून या दांत की रगड़ लग गई है, लेकिन खून नहीं निकला है। तीसरा- अगर कुत्ते के दांत मांस में गड़ गए हैं और मांस उधड़ गया है। सवाल- रेबीज के टीके और सीरम में क्या अंतर है? जवाब- डॉ. प्रशांत निरंजन बताते हैं कि अगर थर्ड ग्रेड डॉग बाइट है तो वैक्सीन के बजाय तुरंत सीरम लगवाना ज्यादा सेफ है। वैक्सीन एक एंटीजन होता है। यह शरीर में जाने के बाद रेबीज वायरस से लड़ने के लिए पहले एंटीबॉडी बनाता है। इसमें 3 से 4 दिन लग जाते हैं। जबकि सीरम में एंटीबॉडी होती है। यह शरीर में जाते ही रेबीज के वायरस को खत्म करना शुरू कर देता है। सवाल- रेबीज कितनी खतरनाक बीमारी है? जवाब- रेबीज एक जानलेवा वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनिया में रेबीज के कारण करीब 59,000 लोगों की मौत होती है। वहीं भारत में इससे हर साल 20,000 लोगों की जान जाती है। भारत में रिपोर्ट किए गए 60% रेबीज के मामले और मौतें 15 साल से कम उम्र के बच्चों की होती हैं क्योंकि बच्चों के काटने के मामले अक्सर रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं। सवाल- अगर कुत्ता काट ले तो क्या करें? जवाब- कुत्ते के काटने के बाद लापरवाही न बरतें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि इन्फेक्शन से बचा जा सके। इसके अलावा कुछ बेसिक गलतियां न करें। इसे नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या हर कुत्ते के काटने से रेबीज होता है? जवाब- आजकल लोग अपने पालतू कुत्तों को रेबीज का (एंटी-रेबीज) टीका पहले से लगवा देते हैं, जिससे रेबीज की संभावना कम रहती है। हालांकि चाहे पालतू कुत्ता काटे या आवारा, इसमें लापरवाही न बरतें। एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं। सवाल- क्या रेबीज संक्रामक बीमारी है? जवाब- रेबीज एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। वायरस अक्सर संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। ……………….. सेहत से जुड़ी से खबर भी पढ़ें... सेहतनामा- कहीं आपके सिर में जूं तो नहीं:जूं नहीं फैलाती कोई बीमारी, सिर में पड़ जाए तो क्या करें सिर में जूं के कारण हुआ इन्फेक्शन यानी पेडिक्युलोसिस (Pediculosis) वैश्विक समस्या बन रहा है। इससे दुनिया की बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है। रिसर्चर्स इसके पीछे सेल्फी के समय हेड-टू-हेड संपर्क को जिम्मेदार म

जरूरत की खबर- क्या टीका लगाने पर भी होता रेबीज: कुत्ते-बिल्ली का काटना क्यों है खतरनाक, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब
Kharchaa Pani
लेखिका: सुषमा शर्मा, नीतू गुप्ता, टीम netaanagari
परिचय
रेबीज एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्यतः कुत्तों और बिल्लियों के काटने से फैलती है। कई बार, यह प्रश्न उठता है कि क्या वैक्सीनेशन के बाद भी रेबीज हो सकता है। इस लेख में, हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कुत्तों और बिल्लियों का काटना क्यों खतरनाक है। इस प्रकार, हर सवाल का जवाब डॉक्टरों से प्राप्त करेंगे।
रेबीज क्या है?
रेबीज एक वायरल बीमारी है, जो रैब्डॉवायरस द्वारा होती है। यह मुख्यतः संक्रमित जानवरों के काटने या उनके लार के संपर्क में आने से फैलता है। रेबीज के लक्षण सामान्यतः 1 से 3 महीने के भीतर दिखाई देते हैं, लेकिन यह 1 साल तक भी स्थगित हो सकता है। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि तुरंत उपचार किया जाए।
टीका लगवाने के बाद भी क्या हो सकता है रेबीज?
टीका लगवाना रेबीज से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही वायरस संक्रमित जानवर द्वारा काटा जाता है और टीका लगने से पहले ही लार के संपर्क में आ गया है, तो उसे रेबीज हो सकता है। इसलिए, टीकाकरण का समय और स्थिति उचित होना आवश्यक है।
कुत्तों और बिल्लियों का काटना क्यों है खतरनाक?
कुत्ते और बिल्ली के काटने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि वे बीमार हो सकते हैं या उन्होंने अपने क्षेत्र की रक्षा करने के कारण काटा हो। इसके अलावा, यदि किसी जानवर में रेबीज है, तो उसका काटना जीवन के लिए खतरा बन सकता है। कुत्तों का व्यवहार unpredictability के कारण उनके काटने का खतरा अधिक होता है।
डॉक्टर से जानें, क्या करें?
यदि आपको या आपके परिचित को किसी कुत्ते या बिल्ली ने काटा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एक उचित चिकित्सा दल ही रेबीज के टीके और बाकी उपचार का सही मार्गदर्शन कर सकता है। डॉक्टर आपको साँस की समस्याओं, बुखार, दर्द आदि लक्षणों के लिए भी सलाह देंगे।
निष्कर्ष
रेबीज एक गंभीर समस्या है, लेकिन समय पर टीका लगवा लेने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं। कुत्तों और बिल्लियों के काटने के खतरे को समझते हुए, यह आवश्यक है कि आप सतर्क रहें और सही समय पर चिकित्सकीय सलाह लें। यह जानना महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा सदैव प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस लेख में हमने रेबीज और उससे जुड़ी जानकारियों पर चर्चा की। अंततः, शरीर की सुरक्षा तभी संभव है जब हम सही जानकारियों के साथ आगे बढ़ें।
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