रिलेशनशिप- इंटरडिपेंडेंस से बनते बेहतर रिश्ते:रिलेशनशिप कोच से जानिए इसके 8 फायदे, ये 9 संकेत बताएंगे, कैसा है आपका रिश्ता

हमारे जीवन में हर रिश्ते की खास अहमियत होती है। खासकर बात अगर रोमांटिक रिश्ते की हो तो हर कोई अपने पार्टनर के साथ बेहतर रिश्ता चाहता है। यही बात हमें अपने पार्टनर के साथ गहरे संबंध बनाने में मदद करती है। जब आप अपने रिश्ते को लेकर कल्पना करते हैं तो सोचते हैं कि पार्टनर हमेशा आपके साथ खड़ा रहे, आपकी हर बात का समर्थन करे। वहीं कुछ लोग पार्टनर की अनुमति के बिना कोई कदम नहीं उठाते हैं। उनकी इच्छा के विपरीत कोई काम नहीं करते हैं, भले ही पार्टनर गलत क्यों न हो। यही को-डेपेंडेंसी की आदत आपकी पर्सनालिटी को नुकसान पहुंचाने के साथ आपके रिश्ते को भी नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि रिश्ता कैसा होना चाहिए? रिश्ते में सबसे जरूरी बात है इंटरडिपेंडेंट होना। इंटरडिपेंडेंट रिलेशन यानी ऐसा रिश्ता, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हों। हालांकि, दोनों ही इसमें एक-दूसरे की सीमाओं का ख्याल रखते हैं। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- इंटरडिपेंडेंट रिलेशन क्या है? इंटरडिपेंडेंट रिलेशन का मतलब ऐसा रिश्ता, जहां दोनों पार्टनर इमोशनल कनेक्शन की अहमियत समझते हैं। दोनों एक-दूसरे का सपोर्ट करते हैं, सम्मान करते हैं और साथ ही अपनी पर्सनल आइडेंटिटी भी बनाए रखते हैं। ऐसे रिश्ते में कोई एक, दूसरे पर बोझ नहीं बनता है। साथ ही कोई किसी को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं करता है और दोनों अपनी आजादी इंजॉय करते हैं। इंटरडिपेंडेंट और को-डिपेंडेंट रिलेशन में अंतर इंटरडिपेंडेंट और को-डिपेंडेंट रिलेशन अलग-अलग चीजें हैं। को-डिपेंडेंट व्यक्ति अपनी पहचान और खुशी के लिए दूसरों पर जरूरत से ज्यादा निर्भर रहता है। उसे यह नहीं समझ आता है कि हर चीज के लिए पार्टनर पर निर्भर रहना उसके लिए कितना नुकसानदायक है। वह यह नहीं समझ पाता है कि उसकी आइडेंटिटी की सीमा क्या है और उसके पार्टनर की सीमा कहां शुरू होती है। वह सोचता है कि उसे पार्टनर की सारी जरूरतों को पूरा करना चाहिए या फिर वह दूसरे व्यक्ति की जिम्मेदारी को अपनी समझता है। इस तरह के रिश्ते में कोई एक व्यक्ति, दूसरे पर बहुत निर्भर होता है। को-डिपेंडेंट रिश्ते हेल्दी नहीं होते हैं क्योंकि इनमें पार्टनर्स को अपनी पहचान बनाने, आगे बढ़ने और स्वतंत्र रहने की जगह नहीं मिलती है। ऐसे रिश्तों में एक या दोनों पार्टनर अपनी पहचान, आत्मसम्मान और मानसिक स्थिति के लिए दूसरे पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। हर काम के लिए एक-दूसरे पर निर्भर रहने से रिश्ता खराब हो सकता है। जब रिश्ता ठीक नहीं चलता, तो दोनों या किसी एक में अपराधबोध की भावना भर सकती है। साथ ही एक-दूसरे से शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं। इस तरह के रिश्ते में आजादी और पर्सनल ग्रोथ की संभावना खत्म हो जाती है, जो रिश्ते को अनहेल्दी बना देती है। रिलेशनशिप में इंटरडिपेंडेंट होना क्यों बेहतर है? इंटरडिपेंडेंट होने का मतलब, रिलेशन में खुद की पहचान और दूसरे की पहचान के बीच संतुलन बनाए रखना है। इसमें दोनों पार्टनर एक-दूसरे की जरूरतों को समझदारी से पूरा करने की कोशिश करते हैं। पार्टनर एक-दूसरे से जरूरत से ज्यादा उम्मीद नहीं रखते हैं और न ही वे अपनी पहचान के लिए अपने पार्टनर पर पूरी तरह निर्भर होते हैं। इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप दोनों को अपनी पहचान बनाए रखने का मौका देती है, एक-दूसरे को पास आने का समय देती है। इससे दोनों बिना किसी दबाव के फैसले लेते हैं। इंटरडिपेंडेंट रिश्ते कैसे बनाएं? इंटरडिपेंडेंट रिश्ते के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि शुरुआत से ही आपको अपनी आइडेंटिटी के बारे पता होना चाहिए। कई बार लोग अकेलेपन से बचने के लिए रिलेशनशिप में आते हैं और अपने पार्टनर पर इमोशनल बोझ बन जाते हैं। इससे उनके साथ पार्टनर की ग्रोथ थम जाती है। रिलेशन में आने से पहले वे यह नहीं सोचते हैं कि उनके लिए क्या जरूरी है और इस रिश्ते से वे क्या चाहते हैं। ऐसे में किसी भी रिश्ते में जाने से पहले सोचें और समझें कि इस रिश्ते से आप क्या चाहते हैं। साथ ही सामने वाले व्यक्ति को भी इस बारे में बताएं और उसकी भी उम्मीदों के बारे में पूछें। इससे हेल्दी और इंटरडिपेंडेंट रिलेशन बनाने मदद मिल सकती है। इस तरह से रिश्ता शुरू करने से दोनों पार्टनर्स को एक सुरक्षित माहौल मिलता है, जहां वे एक-दूसरे से बिना किसी दबाव के जुड़ सकते हैं और अपनी पहचान भी बनाए रख सकते हैं। इंटरडिपेंडेंट रिश्तों में होती है आजादी इंटरडिपेंडेंट रिलेशन में लोग गिल्ट या दबाव नहीं महसूस करते हैं। वे अपने पार्टनर के साथ सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्हें अपने बारे में सोचने का समय मिलता है। साथ ही वे एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए अपनी आजादी का आनंद भी उठाते हैं। डेटिंग करते समय इस पर ध्यान देने से आपका रिश्ता स्वस्थ और लंबे समय तक मजबूत बना रहता है। अगर आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो आप पार्टनर के साथ बैठकर इस बारे में बात करें। यह सुनिश्चित करें कि आप दोनों इस बारे में एक जैसी सोच रखते हैं और आपका रिश्ता सही दिशा में बढ़ रहा है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो दोनों एक-दूसरे को समझते हुए इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप की ओर कदम बढ़ा सकते हैं क्योंकि कुछ बेहतर करने के लिए कभी भी देर नहीं हुई होती है।

Jan 24, 2025 - 19:22
 143  501.8k
रिलेशनशिप- इंटरडिपेंडेंस से बनते बेहतर रिश्ते:रिलेशनशिप कोच से जानिए इसके 8 फायदे, ये 9 संकेत बताएंगे, कैसा है आपका रिश्ता
हमारे जीवन में हर रिश्ते की खास अहमियत होती है। खासकर बात अगर रोमांटिक रिश्ते की हो तो हर कोई अपने

रिलेशनशिप- इंटरडिपेंडेंस से बनते बेहतर रिश्ते: रिलेशनशिप कोच से जानिए इसके 8 फायदे, ये 9 संकेत बताएंगे, कैसा है आपका रिश्ता

Kharchaa Pani

लेखिका: निधि शर्मा, टीम नेटानागरी

आजकल के रिश्तों की जड़ें केवल प्रेम और आकर्षण में नहीं होती हैं, बल्कि गहरी समझ और एक-दूसरे के प्रति निर्भरता में भी होती हैं। इंटरडिपेंडेंस, एक ऐसा सिद्धांत है जो रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे इंटरडिपेंडेंस आपके रिश्ते को बेहतर बना सकता है और रिलेशनशिप कोच के अनुसार इसके क्या फायदे हैं।

इंटरडिपेंडेंस क्या है?

इंटरडिपेंडेंस एक ऐसा संबंध है जहां दोनों पार्टनर एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं ताकि अपने व्यक्तिगत और सामूहिक विकास में मदद मिल सके। यह तथ्य रिश्ते में संतुलन और स्थिरता लाने में मदद करता है।

इंटरडिपेंडेंस के 8 फायदे

1. संभावना का निर्माण: जब दोनों पार्टनर एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं, तो उनकी व्यक्तिगत क्षमताओं को बढ़ावा मिलता है।

2. सुनने की कला: इंटरडिपेंडेंट रिश्तों में पार्टनर एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हैं, जिससे संवाद बेहतर होता है।

3. समर्थन: कठिन समय में एक-दूसरे का सहारा बनना रिश्ते को मजबूत बनाता है।

4. रिश्ते में संतुलन: दोनों पार्टनर की जरूरतों को समझने से संतुलित रिश्ता बनता है।

5. भावनात्मक सुरक्षा: यह विश्वास को मजबूत करता है, जिससे पार्टनर सुरक्षित महसूस करते हैं।

6. बढ़ती स्वतंत्रता: समानता के आधार पर बना रिश्ता स्वतंत्रता की भावना को बढ़ाता है।

7. साझा लक्ष्य: इंटरडिपेंडेंस से एक साझा दिशा और लक्ष्य की दिशा में अग्रसर होते हैं।

8. समस्याओं का समाधान: खुलकर विचारों का आदान-प्रदान करने से समस्याएं जल्दी हल होती हैं।

यहां 9 संकेत हैं, जो बताएंगे कि आपका रिश्ता कैसा है

1. आप एक-दूसरे से ईमानदारी से बात करते हैं।

2. आप दोनों के विचारों का सम्मान करते हैं।

3. जरूरत पड़ने पर मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

4. आप एक-दूसरे की खुशियों में भागीदार बनते हैं।

5. आप दोनों एक-दूसरे की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं।

6. आप एक-दूसरे की सहायता से लक्ष्य प्राप्त करते हैं।

7. आप दोनों एक-दूसरे को प्रेरित करते हैं।

8. आप आपसी सहमति से निर्णय लेते हैं।

9. आप दोनों एक-दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश करते हैं।

निष्कर्ष

इंटरडिपेंडेंस न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि यह रिश्तों को भी नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने का कार्य करता है। यदि आप अपने रिश्ते में इन संकेतों को देख रहे हैं और इंटरडिपेंडेंस को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप सही दिशा में हैं। अगर आप और भी जानकारी पाना चाहते हैं, तो खर्चा पानी पर विजिट करें।

Keywords

relationship, interdependence, relationship coach, benefits of interdependence, relationship signs, relationship improvement, emotional support, shared goals, couple communication, healthy relationships.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow