आनंद महिंद्रा बोले– हम 100 साल बाद भी रहेंगे:टेस्ला का मुकाबला कैसे करेंगे? इसके जवाब में कहा– हमसे ये सवाल 1991 से पूछा जा रहा
महिंद्रा एंड महिंद्रा (MM) ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा है कि हम पागलों की तरह काम कर रहे हैं ताकि 100 साल बाद भी हम प्रासंगिक बने रहे। महिंद्रा ने आज यानी मंगलवार (18 फरवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक यूजर के सवाल के जवाब में यह बात कही। दरअसल,अमेरिका की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला की भारत में जल्द एंट्री होने की संभावना है। कंपनी ने इसके लिए हायरिंग भी शुरू कर दी है। इसकी एंट्री को लेकर देश में काफी चर्चा होने लगी है। इसी कड़ी में गिरीश अरोड़ा नाम के एक X हैंडल ने आनंद महिंद्रा और टाटा मोटर्स को टैग करते हुए सवाल पूछा। यूजर ने लिखा, 'अगर मस्क अपनी कार भारत लेकर आएं तो आप उससे मिलने वाले कॉम्पिटिशन को कैसे हैंडल करेंगे। क्या आप तैयार हैं सर?' इसके जवाब में महिंद्रा ने कहा, '1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के ओपन होने बाद से ही हमसे इसी तरह के सवाल पूछे जाते रहे हैं, कि आप टाटा, मारुति और अन्य कंपनियों का सामना कैसे करेंगे। लेकिन हम अभी भी मौजूद हैं और एक सदी बाद भी मौजूद रहने और प्रासंगिक बने रहने के लिए पागलों की तरह काम कर रहे हैं। आप हमें प्रोत्साहित करते रहें, हम ऐसा कर दिखाएंगे।' भारत ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाई इससे टेस्ल की एंट्री आसान भारत में एंट्री के संभावनाओं के बीच टेस्ला ने 17 फरवरी को लिंक्डइन पर 13 पदों पर भर्तियों का ऐलान किया। इसमें कस्टमर सर्विस और बैक-एंड ऑपरेशंस से जुड़े पद शामिल हैं। हाल ही में PM मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान टेस्ला के CEO मस्क ने उनसे मुलाकात की थी। टेस्ला और भारत के बीच कई सालों से कभी-कभी बातचीत होती रही है, लेकिन टेस्ला ने ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी के कारण भारत से दूरी बनाए रखी थी। हालांकि, भारत ने अब 40,000 डॉलर (करीब 35 लाख रुपए) से अधिक कीमत वाली कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 110% से घटाकर 70% कर दिया है। फैक्ट्री के लिए जगह की तलाश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टेस्ला भारत में अपना प्लांट भी लगाने की तैयारी कर रही है। कंपनी जमीन की तलाश में जुटी है। कंपनी की कोशिश है कि ऑटोमोटिव हब वाले प्रदेशों में प्लांट की स्थापना की जाए। महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु पर उसकी प्राथमिकता में हैं। टेस्ला का शेयर 1 साल में 83.65% चढ़ा टेस्ला का वर्तमान में मार्केट कैप करीब 1.12 ट्रिलियन डॉलर (97.37 लाख करोड़ रुपए) है। इसके शेयर का प्राइस $355.84 है। बीते 1 साल में टेस्ला के शेयर ने 83.65% का रिटर्न दिया है। वहीं बीते 6 महीने में कंपनी का शेयर 59.77% चढ़ा है। टेस्ला की सबसे सस्ती कार है मॉडल 3 अमेरिकन मार्केट में अभी टेस्ला की 6 इलेक्ट्रिक कारें बेची जा रही हैं। इनमें मॉडल S, मॉडल 3, मॉडल x, मॉडल Y, न्यू मॉडल Y और साइबर ट्रक शामिल हैं। इनमें मॉडल 3 सबसे सस्ती कार है। अमेरिका में इसकी कीमत 29,990 डॉलर (करीब 26 लाख रुपए) है। ये कार एक बार फुल चार्ज करने पर 535 किलोमीटर चलती है।

आनंद महिंद्रा बोले– हम 100 साल बाद भी रहेंगे: टेस्ला का मुकाबला कैसे करेंगे?
लेखिका: नेहा शर्मा, टीम नीतानागरी
टैगलाइन: Kharchaa Pani
परिचय
महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी कंपनी भविष्य में भी टेस्ला का मुकाबला करने के लिए तैयार है। 1991 से उनकी कंपनी को इसी सवाल का सामना करना पड़ रहा है। महिंद्रा ने कहा कि वे 100 साल बाद भी अपने व्यवसाय को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
महिंद्रा की प्रतिस्पर्धात्मक रणनीतियाँ
आनंद महिंद्रा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि महिंद्रा समूह भविष्य के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर रहा है। वे युवा प्रतिस्पर्धियों से लोहा लेने के लिए न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि टिकाऊ स्मार्ट सिटी के विकास पर भी जोर दे रहे हैं।
उनका कहना है कि महिंद्रा की पहचान ग्रामीण और सामुदायिक विकास पर आधारित है, जो कि कंपनी को नवाचार में अग्रणी बनाती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि टेस्ला की तकनीक को समझना और उसके साथ प्रतिस्पर्धा करना महत्वपूर्ण है।
1991 का संदर्भ
महिंद्रा ने कहा कि साल 1991 में उनकी कंपनी की पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की चर्चा हुई थी। तब से लेकर आज तक, उन्हें लगातार सवालों का सामना करना पड़ रहा है कि वे कैसे वैश्विक कंपनियों, जैसे टेस्ला, से मुकाबला करेंगे। ये सवाल उन्हें केवल तकनीकी क्षमता के लिहाज से नहीं, बल्कि उनके व्यापार मॉडल और स्थिरता के सन्दर्भ में भी पूछे जाते हैं।
भविष्य की तैयारी
महिंद्रा ने उल्लेख किया कि आगे बढ़ते हुए, उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में व्यापक निवेश करने की योजना बना रही है। इससे न केवल उनकी कंपनी को लाभ होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक योगदान होगा।
हाल ही में, महिंद्रा समूह ने कई नए इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो ग्राहकों की बढ़ती माँग को पूरा करेंगे। उनका मानना है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ेगी और यही कंपनी की रणनीति का सच्चा केंद्र होगा।
निष्कर्ष
आनंद महिंद्रा का विश्वास और उनकी रणनीतियाँ यह संकेत देती हैं कि महिंद्रा समूह भविष्य में भी अपने उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा। टेस्ला जैसी कंपनियों के साथ मुकाबला करने के लिए निरंतर नवाचार और भविष्य की योजना बनाना आवश्यक है। महिंद्रा का यह बयान यह साबित करता है कि वे उद्योग में दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं।
अब सवाल यह है कि क्या महिंद्रा अपनी योजनाओं को सफल बनाकर टेस्ला जैसी कंपनियों को चुनौती दे पाएंगे? समय ही बताएगा।
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