सेंसेक्स में 350 अंक से ज्यादा की गिरावट:निफ्टी भी 100 अंक गिरा, फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली
सेंसेक्स आज यानी 19 फरवरी को 350 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 75,610 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 100 अंक की गिरावट है, ये 22,830 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में गिरावट और 5 में तेजी है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 43 में गिरावट और 7 में तेजी है। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.81% की गिरावट है। एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार कल गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार इससे पहले कल यानी 18 फरवरी को सेंसेक्स 29 अंक की गिरावट के साथ 75,967 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 14 अंक की गिरावट रही, ये 22,945 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, BSE स्मॉलकैप 772 अंक गिरकर 44,384 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 17 में गिरावट और 13 में तेजी थी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 32 में गिरावट और 18 में तेजी थी। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में सबसे ज्यादा 1.36% की गिरावट थी।

सेंसेक्स में 350 अंक से ज्यादा की गिरावट: निफ्टी भी 100 अंक गिरा, फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली
Kharchaa Pani
लेखक: राधिका सेन, साक्षी मिश्रा, टीम नेटानगरी
परिचय
हाल ही में भारतीय शेयर बाजार ने एक बड़ी गिरावट का सामना किया है। सेंसेक्स में 350 अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी भी 100 अंक नीचे आ गया। इस गिरावट का मुख्य कारण फार्मा सेक्टर में आई भारी बिकवाली रही। इस लेख में हम इस घटना की गहन विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि इसका प्रभावित पहलुओं पर क्या असर पड़ा है।
सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट का विश्लेषण
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 350 अंक की गिरावट के साथ 60,000 अंक से नीचे कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 का इंडेक्स भी 100 अंक गिरकर 17,700 अंक पर पहुंच गया। इन दोनों इंडेक्स की गिरावट ने निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
फार्मा सेक्टर में बिकवाली
फार्मा सेक्टर, जो कोविड-19 महामारी के दौरान उभरकर आया था, अब बिकवाली के सबसे बड़े लक्ष्य में से एक बन गया है। प्रमुख कंपनियों जैसे कि सिपला और डॉ. रेड्डीज की शेयर कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती लागत और दैनिक खपत में कमी के चलते फार्मा क्षेत्र दबाव में है।
निवेशकों की चिंता
इस प्रकार की गिरावट ने निवेशकों के मन में चिंता पैदा कर दी है। कई छोटे और मंझले निवेशकों ने अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए बाजार से निकासी करने का निर्णय लिया है। वहीं, कुछ विशेषज्ञ इसे एक अनुकूल खरीदारी का अवसर मानते हैं।
क्या करें निवेशक?
निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और उन कंपनियों में निवेश जारी रखें जो भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। स्थिर कंपनियों की पहचान करना और दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
इस गिरावट ने एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार के अस्थिरता को उजागर किया है। निवेशकों को अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लेने की जरूरत है। किसी भी आर्थिक बदलाव पर नज़र रखें और आवश्यकतानुसार बदलाव करें। इस समय में धैर्य रखना और सही जानकारी के आधार पर निर्णय लेना ही सही कदम होगा।
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