सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागने की परंपरा क्यों है?:किसे कहते हैं ब्रह्म मुहूर्त? जागते ही कौन-कौन से शुभ काम करना चाहिए?
शास्त्र और साधु-संत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह देते हैं। माना जाता है कि जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में जागते हैं, उन्हें भाग्य का साथ मिलता है, उनकी सेहत अच्छी रहती है और वे पूरे दिन ऊर्जावान बने रहते हैं। जानिए ब्रह्म मुहूर्त में जागने की परंपरा से जुड़ी खास बातें... ब्रह्म मुहूर्त किसे कहते हैं? ब्रह्म का अर्थ है परमात्मा और मुहूर्त यानी शुभ समय, परमात्मा का शुभ समय। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं कि रात खत्म होने से ठीक पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। सूर्योदय से पहले करीब एक-डेढ़ घंटे पहले ब्रह्म मुहूर्त रहता है, इस समय में जागने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। ये समय सुबह 4 बजे से 5.30 बजे तक रहता है। जागने के बाद सबसे पहले कौन का काम करें? सुबह जागने के बाद सबसे पहले हमें अपनी हथेलियां देखनी चाहिए, इसे परंपरा को कर दर्शन कहते हैं। इसके बाद पलंग या बिस्तर से पैर नीचे रखने से पहले भूमि माता से क्षमा मांगनी चाहिए, क्योंकि हम भूमि माता पर अपना पैर रखने वाले हैं। स्नान के बाद उगते सूर्य को जल चढ़ाएं। पूजा-पाठ, ध्यान, मंत्र जप करें। ब्रह्म मुहूर्त के लिए शास्त्रों में लिखा है कि - वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति। ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा।। अर्थ - जो लोग सुबह जल्दी जागते हैं, उन्हें सुंदरता, लक्ष्मी (धन), बुद्धि, सेहत और लंबी आयु मिलती है। जल्दी जागने वाले लोगों का शरीर कमल के फूल की तरह सुंदर हो जाता है। जल्दी जागने से सेहत को कैसे लाभ मिलता है? ब्रह्म मुहूर्त में न जाग पाएं तो क्या करें? आजकल अधिकतर लोग रात में देर से सोते हैं, ऐसे में सुबह 5 बजे उठ पाना सभी के लिए संभव नहीं होता है, ऐसे में रात में जल्दी सोने की कोशिश करनी चाहिए। अगर रात में जल्दी नहीं सो पा रहे हैं तो सुबह 6-7 बजे तक जागने की कोशिश करनी चाहिए। इससे ज्यादा देर करेंगे तो ये सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। देर से जागने से कौन-कौन से नुकसान होते हैं? सुबह देर से जागने वाले लोगों के पास दिन में काम करने के लिए कम समय बचता है। ये लोग अपनी हेल्थ के लिए ध्यान, योग, व्यायाम, वॉकिंग सही समय पर नहीं कर पाते हैं, जिससे सेहत से जुड़ी बातों में तालमेल नहीं बन पाता है। देर से जागने पर आलस बना रहता है। जबकि जो लोग जल्दी जागते हैं, उन्हें दिनभर ताजगी और ऊर्जा महसूस होती है। ये बातें भी ध्यान रखें... सुबह जल्दी जागना चाहिए, लेकिन जल्दी उठने के लिए खुद से जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। अच्छी सेहत के लिए हमें रोज 6-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इससे कम या ज्यादा सोना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। अगर देर रात तक जागने वाले किसी व्यक्ति को सुबह जल्दी उठा देंगे तो वह दिनभर आलसी बना रहेगा। उसका मन काम में नहीं लगेगा, वह ऊर्जावान नहीं रहेगा। ऐसा लंबे समय तक होगा तो उसकी सेहत भी बिगड़ सकती है। इसलिए जल्दी जागना चाहते हैं तो रात को जल्दी सोने की आदत डालनी चाहिए।

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागने की परंपरा क्यों है?: किसे कहते हैं ब्रह्म मुहूर्त? जागते ही कौन-कौन से शुभ काम करना चाहिए?
खर्चा पानी - हमारे देश में सुबह के ब्रह्म मुहूर्त में जागने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह समय न केवल आध्यात्मिक जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी होता है। आज हम जानेंगे कि ब्रह्म मुहूर्त क्या है, इसके महत्व क्या हैं, और इस समय कौन से धार्मिक कार्य करने चाहिए। इस लेख को लिखा है समीरा, राधिका, और निधि की टीम नीतानागरी द्वारा।
ब्रह्म मुहूर्त क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त सुबह का वह समय है, जो सूर्योदय से पहले होता है। इसे आमतौर पर सुबह 4 से 6 बजे के बीच का समय कहा जाता है। यह समय विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इसे 'महा-पुण्य काल' कहा गया है, जब व्यक्ति की मनोवृत्तियां अधिक स्थिर और स्पष्ट रहती हैं।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागने के फायदे
ब्रह्म मुहूर्त में जागने के कई फायदे होते हैं। पहले तो, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस समय जागने से शरीर में ताजगी और मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा, यह समय ध्यान और योग करने के लिए आदर्श है, जो मानसिक तनाव को कम करता है और मन को सुकून प्रदान करता है।
कौन-कौन से शुभ काम करने चाहिए?
ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बाद कई शुभ कार्य करने का प्रावधान है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कार्यों की सूची दी जा रही है:
- स्नान और पूजा: सुबह उठ कर सबसे पहले स्नान करें और भगवान की पूजा करें। इससे मन शांत होता है और दिन की अच्छी शुरुआत होती है।
- प्राणायाम और ध्यान: यह समय योग और प्राणायाम के लिए उत्तम होता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- सकारात्मक सोच: इस समय अपने मन में सकारात्मक वाक्यांशों का जाप करना लाभकारी हो सकता है। इससे दिनभर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- सकारात्मक कार्य योजना बनाना: दिन की शुरुआत सकारात्मकता के साथ करने के लिए, अपने कार्यों की योजना बनाएं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने की परंपरा केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का एक साधन है। यदि आप इस समय के महत्व को समझते हैं और इसका पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सुख, शांति और स्वास्थ्य में सुधार होगा। तो, अगली बार जब आप सुबह जागें, तो ब्रह्म मुहूर्त का महत्व अवश्य याद रखें।
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