सपा नेता अबू आजमी का दावा- औरंगजेब ने मंदिर बनवाए:वह क्रूर शासक नहीं था; एकनाथ शिंदे बोले- देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी ने सोमवार को मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ कहते हुए कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता हूं। आजमी ने आगे कहा- छत्रपती संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। उधर, महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने बयान का विरोध करते हुए कहा- अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने उस औरंगजेब की तारीफ की, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना महापाप और अपराध है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। अबू आजमी के बयान की 2 बड़ी बातें विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा- इसे हिंदू-मुसलमान एंगल न दें औरंगजेब पर दिए बयान पर बढ़ते विवाद के बाद अबू आजमी ने कहा- मुगल सम्राट ने मंदिरों के साथ-साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो उसके साथ 34 प्रतिशत हिंदू नहीं होते और उसके सलाहकार भी हिंदू नहीं होते। यह सत्य है कि उसके शासनकाल में भारत को स्वर्ण चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। सपा नेता ने आगे कहा कि औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। 1857 की विद्रोह में जब मंगल पांडे लड़ाई शुरू की, तो उसका साथ सबसे पहले मुसलमान बहादुर शाह जफर ने दिया था। यह देश संविधान से चलेगा और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। आजमी के खिलाफ शिकायत दर्ज लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने ठाणे में अबू आजमी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 299, 302, 356(1) और 356(2) के तहत दर्ज की गई है। इनमें कहा गया कि आजमी के बयानों ने धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का प्रयास किया गया। इसके अलावा शिवसेना समर्थकों ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आजमी के बयानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच हो रही है। महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... फडणवीस बोले- अमित शाह से मेरी कोई शिकायत नहीं हुई:शिंदे से विवाद की खबरें गलत; संजय राउत कहानी लिखने में सलीम-जावेद से कंपटीशन कर रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी CM एकनाथ शिंदे से विवाद की खबरों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से मेरी कोई शिकायत नहीं की है। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत कहानी लिखने में बॉलीवुड के मशहूर लेखक सलीम-जावेद से कंपटीशन कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

सपा नेता अबू आजमी का दावा- औरंगजेब ने मंदिर बनवाए: वह क्रूर शासक नहीं था; एकनाथ शिंदे बोले- देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए
Kharchaa Pani
लेखक: राधिका शर्मा, टीम नेटानागरी
हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने मुग़ल बादशाह औरंगजेब को लेकर नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मंदिर बनवाए थे और वह एक क्रूर शासक नहीं थे। इस बयान के बाद राजनीतिक सर्कलों में हलचल मच गई है।
अबू आजमी का बयान
अबू आजमी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा किया कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। उनके अनुसार, ऐसे दावे सिर्फ़ धार्मिक आधार पर विभाजन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास को सही तरीके से समझना चाहिए और औरंगजेब को अन्यथा समझने से बचना चाहिए।
एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अबू आजमी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे देशद्रोह की एक संज्ञा दी है और कहा कि ऐसे बयानों के लिए अबू आजमी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। शिंदे ने यह भी कहा कि इस प्रकार के बयानों से सामाजिक सौहार्द्र में बाधा उत्पन्न होती है।
राजनीतिक संदर्भ
इस बयान को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। कई विपक्षी दलों ने अबू आजमी के आरोपों का समर्थन किया है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी ने इसका तीखा विरोध किया है। ऐसे विवादित बयानों का असर विधानसभा चुनावों में भी पड़ सकता है, जहां धार्मिक मुद्दे खास मौकों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समाज में प्रतिक्रिया
विभिन्न सामाजिक संगठनों और धार्मिक समूहों ने भी अबू आजमी के इस बयान पर अपनी विशेष प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ ने इसे ऐतिहासिक तथ्यों के विरुद्ध बताया है, वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक खेल करार दिया है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक दल इसे किस तरह से आगे बढ़ाएंगे।
निष्कर्ष
अबू आजमी का बयान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। यह बयान न केवल औरंगजेब के इतिहास की व्याख्या को लेकर है, बल्कि यह देश के वर्तमान राजनीतिक वातावरण में धार्मिक और सामाजिक मुद्दों के प्रति दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि इस विषय पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। आगे देखने वाली बात होगी कि यह मुद्दा देश की राजनीति में किस कदर प्रभाव डालता है।
यह निश्चित रूप से एक ऐसा विषय है, जिसे अभी और गहराई से जांचने और चर्चा करने की आवश्यकता है। ऐसे बयानों से न सिर्फ राजनीतिक सर्कल में हलचल पैदा होती है, बल्कि समाज में भी विविध प्रतिक्रियाएँ उभरती हैं।
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