लगातार 5वें महीने नीचे जा रहा सेंसेक्स:8 दिन और गिरा बाजार तो 30 साल का रिकॉर्ड टूटेगा, 24 साल का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका

शेयर बाजार में 20 फरवरी को गिरावट आई। सेंसेक्स 203 अंक गिरकर 75,736 और निफ्टी 20 अंकों की गिरावट के साथ 22,913 पर बंद हुआ। फरवरी में सेंसेक्स अब तक 2.3% और निफ्टी 2.5% गिर चुके हैं। गिरावट इसी तरह जारी रही तो 30 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। ऐसा हुआ तो यह लगातार पांचवां महीना होगा, जब शेयर बाजार ने गिरावट दर्ज की होगी। गिरावट का इतना लंबा दौर आखिरी बार करीब 30 साल पहले 1996 में देखा गया था। यदि फरवरी के बाकी दिनों में शेयर बाजार कुछ रिकवर हो जाए और सेंसेक्स-निफ्टी भी थोड़ी बढ़त बना ले तो भी 24 साल का रिकॉर्ड टूटेगा। हालांकि शेयर बाजार में गिरावट का ढाई दशक का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर, 2024 से लेकर जनवरी, 2025 के बीच लगातार चार महीने निफ्टी ने गिरावट देखी गई। पिछली बार 24 साल पहले 2001 में ऐसा हुआ था। सितंबर, 1994 से फरवरी, 1997 के दौरान बाजार ने इससे भी कमजोर दौर देखा था। इस दौरान 30 में से 20 महीने शेयर बाजार में गिरावट आई थी। निवेशकों का धैर्य टूट रहा, मजबूत सपोर्ट लेवल भी टूटा कोटक सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने बताया कि निफ्टी ने 22,950 और सेंसेक्स ने 75,800 का सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है। मतलब यह कि अब तक बाजार इस लेवल से नीचे नहीं आ रहा था। इससे संकेत मिलता है कि निवेशकों का धैर्य टूट रहा है। आने वाले दिनों में सेंटिमेंट नहीं सुधरता तो सेंसेक्स 75,500 तक नीचे आ सकता है। ऐसा होने पर बिकवाली तेज होगी क्योंकि निवेशक और ट्रेडर घबरा जाएंगे। यदि सेंसेक्स किसी तरह 76 हजार के लेवल से ऊपर निकलने में कामयाब होता है, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है। जल्द नहीं टूटती शेयर बाजार की सुस्ती अब तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि सितंबर 1994 से लेकर अप्रैल 1995 के बीच शेयर बाजार में 8 महीने गिरावट रही। इसके बाद बाजार संभला, लेकिन एक साल बाद ही बाजार ने लगातार 5 महीने निगेटिव रिटर्न दिया। यानी लंबी गिरावट के बाद निवेशकों का भरोसा लौटने में काफी समय लगता है। दिसंबर तक निफ्टी 4% रिटर्न दे सकता है: नोमुरा जापान की ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का अनुमान है कि दिसंबर, 2025 तक भारतीय शेयर बाजार रिकवरी दिखाएगा और निफ्टी 23,784 तक पहुंच जाएगा। यह मौजूदा लेवल से 3.8% ऊपर है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अभी निफ्टी-50 इंडेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेश्यो 19 गुना है। इसके इससे नीचे आने का अंदेशा कम है। सितंबर, 2024 में यह 21.3 गुना था। इकोनॉमी ने खोई गति हासिल की: रिजर्व बैंक रिजर्व बैंक का मानना है कि देश की इकोनॉमी ने खोई हुई रफ्तार हासिल कर ली है। मजबूत ग्रामीण मांग को कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से मदद मिलेगी। टैक्स राहत के चलते शहरी मांग में सुधार की उम्मीद है। इस बीच, अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भी भारत की विकास दर का अनुमान 0.10% बढ़ाकर 6.2% कर दिया है। इससे मार्केट सेंटीमेंट को मजबूती मिलेगी।

Feb 21, 2025 - 07:34
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लगातार 5वें महीने नीचे जा रहा सेंसेक्स:8 दिन और गिरा बाजार तो 30 साल का रिकॉर्ड टूटेगा, 24 साल का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका

लगातार 5वें महीने नीचे जा रहा सेंसेक्स: 8 दिन और गिरा बाजार तो 30 साल का रिकॉर्ड टूटेगा, 24 साल का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका

Kharchaa Pani

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

भारतीय शेयर बाजार की स्थिति इन दिनों चिंता का विषय बनी हुई है। सेंसेक्स, जो देश के वित्तीय स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, लगातार 5वें महीने गिरावट की राह पर है। यदि यह गिराव आने वाले 8 दिनों में जारी रहा, तो यह 30 साल का एक नया रिकॉर्ड तोड़ देगा। इसके पहले ही 24 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता और बढ़ गई है।

सेंसेक्स का क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव

शेयर बाजार की यह स्थिति न केवल भारत की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका असर दिख रहा है। सेंसेक्स के लगातार गिरने से विदेशी निवेशकों के मन में चिंता पैदा हो चुकी है। अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है। निवेशकों को इस स्थिति से बचने के लिए अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की सलाह दी जा रही है।

क्यों गिर रहा है सेंसेक्स?

हाल के दिनों में सेंसेक्स में गिरावट के कई कारण सामने आए हैं। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता, मुद्रास्फीति की बढ़ती दरें, और विभिन्न macroeconomic दबाव इस गिरावट के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियों में बदलाव भी निवेशकों के मन में अस्थिरता का कारण बना है। इस सारी स्थिति ने शेयर बाजार में मजबूती की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है।

आगामी चुनौतियाँ और संभावनाएँ

शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट के चलते भारत के वित्तीय सेक्टर में कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। निवेशकों को अब जोखिम प्रबंधन के नए तरीके अपनाने होंगे। इसके अलावा, भविष्य में आर्थिक सुधारों और सरकार की नीतियों का भी बड़ा असर देखने को मिलेगा। बाजार में स्थिरता लाने के लिए सही कदम उठाना समय की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, सेंसेक्स की लगातार गिरावट एक गंभीर संकेत है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। निवेशकों को समझदारी से निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि वे इस कठिन समय में सुरक्षित रह सकें। यदि आगामी 8 दिनों में गिरावट जारी रही, तो यह न केवल 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। सभी को चाहिए कि वे बाजार के संकेतों को धयानपूर्वक देखें और आवश्यक कार्रवाई करें।

Keywords

सेंसेक्स गिरावट, भारतीय शेयर बाजार, विदेशी निवेशक, आर्थिक स्थिरता, मुद्रास्फीति, वित्तीय स्वास्थ्य, निवेशकों की चिंताएँ For more updates, visit kharchaapani.com.

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