रिलेशनशिप- टॉडलर बच्चे की परवरिश कैसे करें:ये 10 एक्टिविटीज जरूरी, रखें 8 बातों का ध्यान, साइकोलॉजिस्ट ने दिए सुझाव
1 से 3 साल तक के बच्चे को अंग्रेजी में ‘टॉडलर’ कहा जाता है। इसका मतलब है- ‘एक छोटा बच्चा, जो चलना सीख रहा है।’ इस उम्र के बच्चे जिज्ञासा और ऊर्जा से भरे होते हैं। वे किसी भी बात या व्यवहार को तेजी से सीखते-समझते हैं। इस उम्र में बच्चों की फिजिकल, मेंटल और सोशल ग्रोथ तेजी से होती है। टॉडलर्स मजेदार व आकर्षक एक्टिविटीज के जरिए किसी भी चीज को आसानी से समझते हैं। इसलिए पेरेंट्स को उन्हें इसी तरीके से सिखाना चाहिए। आज रिलेशनशिप कॉलम में हम टॉडलर पेरेंटिंग के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- टॉडलर्स के लिए जरूरी फिजिकल और मेंटल एक्टिविटीज छोटे बच्चों में सीखने की क्षमता काफी तेज होती है। वे जो कुछ भी देखते-सुनते हैं, उसे तुरंत सीख जाते हैं। उन्हें बस सही गाइडलाइन की जरूरत होती है। ऐसे में छोटे बच्चों को मजेदार एक्टिविटीज के जरिए सिखाना आसान होता है। नीचे ग्राफिक में ऐसी 10 एक्टिविटीज दी गई हैं, जो बच्चों की ग्रोथ में मददगार हैं। आइए, अब ऊपर दी गई एक्टिविटीज के बारे में विस्तार से बताते हैं। कहानियां सुनना कहानियां सुनने से बच्चे पात्रों व घटनाओं के बारे में सोचते हैं। इससे उनकी भाषा की समझ और कल्पना शक्ति बढ़ती है। उनके शब्दकोश का भी विस्तार होता है। ड्रॉइंग और पेंटिंग इससे बच्चों में क्रिएटिविटी डेवलप होती है। वे रंगों के नाम और शेप के बारे में जानते-समझते हैं। ड्रॉइंग और पेंटिंग से वे एकाग्रता भी सीखते हैं। म्यूजिक और डांस बच्चों के विकास में म्यूजिक और डांस की अहम भूमिका है। यह उन्हें सकारात्मक रूप से संवेदनशील बनाता है। पजल गेम्स पजल गेम्स बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल भी डेवलप होती है। ब्लॉक प्ले गेम इसमें टॉडलर ब्लॉक्स को एड करके मनचाही शेप बनाते हैं। इससे उनमें इमेजिनेशन पॉवर डेवलप होती है। रोल-प्ले गेम बच्चे को अलग-अलग भूमिकाएं निभाने दें और काल्पनिक पात्रों के साथ बातचीत करने दें। टॉडलर्स को रोल-प्ले एक्टिविटीज में शामिल करें। जैसे डॉक्टर-डॉक्टर खेलना, किचन सेट से खाना बनाना खेलना या घर-घर खेलना। इस तरह के खेल से उनकी सोशल स्किल डेवलप होती है। खिलौनों से खेलना बच्चे जब किसी डॉल या खिलौनों के साथ खेलते हैं तो उनमें सोशल स्किल डेवलप होती है। इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना डेवलप होती है। क्ले से खेलना क्ले खेलने से बच्चों की मसल्स मजबूत होती है। इससे बच्चे शेप के साथ-साथ अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप देते हैं। उनमें कल्पना शक्ति भी बढ़ती है। गार्डनिंग अगर आपके पास गार्डन है तो बच्चे को पौधे लगाने या पानी देने के लिए प्रोत्साहित करें। यह न केवल उनमें जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें प्रकृति से जुड़ने का अच्छा मौका भी देता है। दौड़ना-भागना बच्चों को खेलने-कूदने दौड़ने-भागने पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए बल्कि खुद उनके साथ ऐसी एक्टिविटीज करनी चाहिए। इससे वे फिजिकली और मेंटली फिट रहते हैं। ढाई से 3 साल के बच्चे में होते ये विकास आमतौर पर ढाई साल का बच्चा आपकी मदद से अपने दांतों को ब्रश कर पाता है। हालांकि हर बच्चे का दिमाग अलग-अलग होता है और उनकी बॉडी डेवलेपमेंट भी एक-दूसरे से अलग होती है। इस उम्र में बच्चा खेलना शुरू कर देता है और उसके दोस्त भी बनने लगते हैं। वह मदद के बिना अन्य बच्चों के साथ बैठकर खिलौनों से खेल सकता है। वह पॉटी या टॉयलेट आने पर बता सकता है। वह अपना नाम सुनकर प्रतिक्रिया देने लगता है। उसे दूसरों की बातें समझ आने लगती हैं। वह आपसे तमाम तरह के सवाल भी पूछ सकता है। टॉडलर्स की परवरिश में इन बातों का रखें ख्याल टॉडलर्स को सही मार्गदर्शन, सपोर्ट और प्यार की जरूरत होती है। इससे उनकी ग्रोथ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस अवस्था में टॉडलर्स अपनी भावनाओं और व्यवहार को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। इससे वे चिड़चिड़े हो सकते हैं। ऐसे में टॉडलर्स की पेरेंटिंग में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि टॉडलर्स की पेरेंटिंग में कुछ और बातों का ख्याल रखना जरूरी है। जैसेकि- अंत में यही कहेंगे कि पेरेंट्स का समय और अटेंशन बच्चों के लिए बेहद कीमती होता है। इसलिए जितना संभव हो, उनके साथ समय बिताने की कोशिश करें।

रिलेशनशिप- टॉडलर बच्चे की परवरिश कैसे करें: ये 10 एक्टिविटीज जरूरी, रखें 8 बातों का ध्यान, साइकोलॉजिस्ट ने दिए सुझाव
Kharchaa Pani - बच्चों की परवरिश एक चुनौतीपूर्ण अनुभव है, खासकर जब बात टॉडलर बच्चों की होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे टॉडलर बच्चों की परवरिश में मदद कर सकते हैं। साथ ही, हम 10 जरूरी एक्टिविटीज और 8 बातों का ध्यान रखने के सुझाव पेश करेंगे, जो कि एक अनुभवी साइकोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए हैं। यह जानकारी न केवल उपयोगी है, बल्कि आपके बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास में भी सहायक होगी। लेख तैयार किया है टीम नेटानागरी ने।
टॉडलर बच्चों की परवरिश में क्या महत्वपूर्ण है?
जब बच्चे छोटे होते हैं, तो उनकी शारीरिक और मानसिक विकास की प्रक्रिया काफी तेजी से होती है। इस उम्र में बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए यह जरूरी है कि माता-पिता और देखभाल करने वाले उन्हें समझें और उनके साथ खेलें। बच्चों की परवरिश में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हमें उनके साथ संवाद स्थापित करना चाहिए, ताकि वे अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त कर सकें।
10 जरूरी एक्टिविटीज
नीचे कुछ ऐसी गतिविधियों का विवरण दिया गया है, जो टॉडलर बच्चों की परवरिश में मददगार साबित हो सकती हैं:
- कहानी सुनाना: बच्चों को कहानियाँ सुनाएं, इससे उनकी कल्पनाशक्ति और भाषा का विकास होगा।
- संगीत और नृत्य: विभिन्न धुनों पर बच्चों के साथ नृत्य करें, जिससे उनकी मोटर स्किल्स विकसित होंगी।
- पेंटिंग: बच्चे को पेंटिंग के लिए प्रेरित करें, इससे उनकी रचनात्मकता बढ़ेगी।
- साथ में खाना बनाना: छोटे-छोटे कामों में बच्चों को शामिल करें, जैसे सलाद काटना।
- बाहर खेलना: पार्क में या गार्डन में खेलने ले जाएं, जिससे वे शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे।
- पज़ल सॉल्व करना: सरल पज़ल्स के माध्यम से उनके समस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ावा दें।
- ट्रेनिंग खेल: बच्चों को खेल-खेल में सीखने के लिए तकनीकी खेलों का सहारा लें।
- गायन: बच्चों को गाने का मौका दें, इससे उनकी आवाज़ और आत्मविश्वास विकसित होगा।
- कला और शिल्प: छोटे-छोटे शिल्प कार्य आसानी से सीखने में मदद करेंगे।
- दृश्य गतिविधियाँ: रंगों और आकृतियों से संबंधित गतिविधियाँ बच्चों को सिखाने का बेहतरीन तरीका हैं।
8 बातों का ध्यान रखें
बच्चों की परवरिश करते समय इन 8 बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- सकारात्मक माहौल: बच्चों के लिए एक खुशहाल और सुरक्षित वातावरण बनाएं।
- भावनात्मक समर्थन: बच्चे की भावनाओं को समझें और उनकी आवश्यकता के अनुसार समर्थन करें।
- घंटा-घंटा बातचीत: छोटे बच्चों के साथ अक्सर बातें करें ताकि उनके संज्ञानात्मक विकास में मदद मिले।
- रूटीन बनाएं: नियमित दिनचर्या बच्चों को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है।
- अवरुद्ध न करें: बच्चे को अपने लिए निर्णय लेने का अवसर दें।
- सकारात्मक सजा: गलतियों के लिए बिना शारीरिक दंड के मार्गदर्शन करें।
- समय बिताएं: दैनिक जीवन में बच्चों के साथ समय बिताना आवश्यक है।
- धैर्य रखें: बच्चों के विकास में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें।
निष्कर्ष
टॉडलर बच्चों की परवरिश एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसमें धैर्य, समर्पण और सही दिशा का होना बेहद जरूरी है। इन 10 गतिविधियों और 8 बातों का ध्यान रखने से आप न केवल अपने बच्चे के विकास में मदद करेंगे बल्कि उनके साथ एक मजबूत बंधन भी बनाएंगे। याद रखें, यह सफर आसान नहीं है लेकिन यह बेहद rewarding है। बच्चों की परवरिश में और जानकारी के लिए, kharchaapani.com पर अधिक अपडेट्स के लिए जाएं।
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