राहुल गांधी की नागरिकता मामले की सुनवाई 26 मार्च को:दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा; सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाई है याचिका
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को तय की है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि राहुल गांधी द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों को सौंपे गए डॉक्यूमेंट में खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है। स्वामी ने तर्क दिया कि यह भारतीय संविधान और नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन है और यह ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के बराबर है। कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा से कहा कि याचिकाकर्ता (स्वामी) मूल मुद्दे पर कोई फैसला नहीं चाहते, बल्कि केवल यह जानना चाहते हैं कि उनके द्वारा भेजी गई एप्लीकेशन पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं। स्वामी बोले- एप्लीकेशन को PIL माना जाए या नहीं स्वामी ने अपनी याचिका में गृह मंत्रालय से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि उनकी एप्लीकेशन को जनहित याचिका (PIL) माना जाए या नहीं। दरअसल, अप्रैल 2019 में गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को एक पत्र भेजकर उनकी नागरिकता को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका कर्नाटक के बीजेपी कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि स्वामी की याचिका अब बेकार हो गई है। केंद्र सरकार ने पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया है कि इस मामले पर निर्णय लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। गृह मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी लिखी बीजेपी नेता एस. विग्नेश शिशिर ने भी राहुल की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका दायर किया था। मामले में 19 दिसंबर को लखनऊ बेंच ने सुनवाई की। चाचिका के दौरान उनका कहता था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि मैंने ब्रिटिश सरकार के कुछ ईमेल और दस्तावेज जुटाए हैं। ये राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता का सबूत हैं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में बताया कि उन्होंने यूके सरकार को पत्र लिखा है। भारतीय नागरिकता रद्द करने के अंतिम निर्णय के लिए उन्हें 8 सप्ताह का समय चाहिए। अगली सुनवाई 24 मार्च 2025 को होगी। ....................................... ये खबर भी पढ़ें.... आर्मी चीफ की राहुल को नसीहत: बोले- सेना को राजनीति में न घसीटें; राहुल गांधी ने उनके हवाले से कहा था- चीन ने घुसपैठ की आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा था कि सेना प्रमुख कह चुके हैं कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है। हालांकि राहुल के बयान का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खंडन किया था। आर्मी चीफ से न्यूज एजेंसी ANI के पॉडकास्ट में राहुल के इसी बयान पर सवाल किया गया था। पूरी खबर पढ़ें... राहुल गांधी के भारतीय होने पर शक- आचार्य प्रमोद कृष्णम्:संभल में बोले- जब बोलेंगे जहर उगलेंगे, देश को तोड़ने की बात करेंगे संभल के श्रीकल्कि धाम में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पोस्ट पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता का सम्मान नहीं करते, राष्ट्र का सम्मान नहीं करते वह राज्यपाल का सम्मान क्या करेंगे। पूरी खबर पढ़ें...

राहुल गांधी की नागरिकता मामले की सुनवाई 26 मार्च को: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा; सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाई है याचिका
Kharchaa Pani
लेखक: साक्षी शर्मा, राधिका वर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बने राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित मामले की सुनवाई अब 26 मार्च को होने जा रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। यह मामला सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की नागरिकता को सवालिया निशान पर रखा है।
क्या है मामला?
सुब्रमण्यम स्वामी, जो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, ने एक याचिका दाखिल करते हुए राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे को उठाया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त की थी, जो भारतीय संविधान के अनुकूल नहीं है। उनका यह आरोप भारतीय राजनीति में विवाद को जन्म दे रहा है। यह पहली बार नहीं है जब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने एक-दूसरे के खिलाफ ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट का रुख
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। यह सुनवाई इस बात को उजागर करेगी कि क्या राहुल गांधी की नागरिकता में कोई अनियमितता है या नहीं। काफी समय से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह मामला कितना संवेदनशील है। कोर्ट का फैसला सभी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो राजनीति में सक्रिय हैं।
सूब्रमण्यम स्वामी की भूमिका
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस याचिका को लेकर लगातार मीडिया में अपनी बात रखी है। उनका मानना है कि यह मुद्दा न केवल राहुल गांधी के लिए, बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी आवश्यक है। उनका कहना है कि ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो देश की अखंडता को प्रभावित कर सकते हैं।
आगे की संभावनाएँ
जैसे-जैसे मामले की सुनवाई की तारीख निकट आ रही है, राजनीतिक हलचलें भी तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को पूरी तरह से राजनीतिक ह swakshankh के रूप में खारिज कर दिया है। वहीं, भाजपा इसे अपने हित में उपयोग करने में कोई संकोच नहीं दिखा रही है। नतीजे के बारे में जो भी हो, यह सुनवाई भारतीय राजनीति में नया मोड़ लाने की संभावना रखती है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी की नागरिकता मामले की सुनवाई 26 मार्च को महत्त्वपूर्ण साबित होने वाली है। राजनीतिक विश्लेषक और आम नागरिक यह देख रहे हैं कि कोर्ट का निर्णय क्या होगा। इस मामले की गहराई में जाने के लिए हमें इंतजार करना होगा। हम सभी को इस मामले पर नजर बनाए रखनी चाहिए और आगे की घटनाओं का विश्लेषण करना चाहिए।
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