म्यूचुअल फंड में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा निवेश कर रहीं:एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट- इनकी हिस्सेदारी बढ़कर एक चौथाई हुई, AUM ₹11 लाख करोड़

म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले कुल इन्वेस्टर में महिलाओं की हिस्सेदारी एक चौथाई यानी 25% हो गई है। वहीं, इंडिविजुअल इन्वेस्टर एसेट में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी एक-तिहाई पहुंच गई है। इसका मतलब यह कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा निवेश कर रही है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) और क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक महिला निवेशकों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मार्च 2019 में 4.59 लाख करोड़ रुपए था, जो मार्च 2024 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 11.25 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। ब्रोकर की मदद के बिना निवेश का ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक महिला निवेशकों में ब्रोकर की मदद लिए बगैर सीधे निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। मार्च 2024 तक इनके AUM का लगभग 21% निवेश डायरेक्ट प्लान के जरिए आया। मार्च 2019 में यह आंकड़ा 14.20% था। युवा महिला निवेशकों में यह ट्रेंड सबसे तेज है। 25-44 साल के उम्र की महिलाओं में कुल AUM में सीधे प्लान के जरिए निवेश का हिस्सा 16% से बढ़कर 27.3% हो गया, जबकि 58 साल से ऊपर की कैटेगरी में यह 13.9% से बढ़कर 17.6% पहुंच गया। म्यूचुअल फंड में महिलाओं का निवेश 11 लाख करोड़ है। इसमें 25 साल से कम उम्र की महिलाओं का निवेश सबसे कम 1.6% है। म्यूचुअल फंड में 45+ महिलाओं की हिस्सेदारी 68% सोर्स: एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट लॉन्ग टर्म निवेश पर महिलाओं का पुरुषों से ज्यादा भरोसा महिला निवेशक पुरुष निवेशक सोर्स: एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट

Mar 28, 2025 - 12:34
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म्यूचुअल फंड में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा निवेश कर रहीं:एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट- इनकी हिस्सेदारी बढ़कर एक चौथाई हुई, AUM ₹11 लाख करोड़
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले कुल इन्वेस्टर में महिलाओं की हिस्सेदारी एक चौथाई यानी 25% हो गई है

म्यूचुअल फंड में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा निवेश कर रहीं: एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट

Kharchaa Pani. यह रिपोर्ट बताती है कि म्यूचुअल फंड में महिलाओं का निवेश अब पुरुषों से कहीं अधिक हो गया है, जो न केवल निवेश के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है बल्कि वित्तीय आत्मनिर्भरता की तस्वीर भी प्रस्तुत करता है।

रिपोर्ट का सारांश

हाल ही में एम्फी और क्रिसिल द्वारा एक अध्ययन पेश किया गया है, जिसमें सामने आया है कि म्यूचुअल फंड में महिलाओं की हिस्सेदारी मौजूदा समय में एक चौथाई यानी 25% तक पहुंच गई है। इस अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया है कि महिलाओं द्वारा म्यूचुअल फंड में कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹11 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है।

महिलाओं का बढ़ता निवेश

आसान भाषा में कहें तो, महिलाओं ने अब म्यूचुअल फंड में अपने निवेश को बढ़ावा देना शुरू किया है। यह एक सकारात्मक संकेत है, जो यह दर्शाता है कि महिलाएं वित्तीय मामलों में पहले से कहीं ज्यादा सचेत हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं अब भले ही भावनात्मक निर्णय लेने में अच्छी हों, लेकिन उनके निवेश का निर्णय अब तर्क और आंकड़ों पर आधारित नजर आ रहा है।

संभावना और चुनौतियां

हालांकि, यह आंकड़ा सुखद है, लेकिन महिलाओं के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं। वित्तीय शिक्षा की कमी, निवेश की सही जानकारी का अभाव और बाजार के प्रति आशंका जैसी समस्याएं उनका मार्ग रोकती हैं। इसके बावजूद, यह सिर्फ एक शुरुआत है, और आने वाले समय में महिलाएं इस क्षेत्र में और भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकती हैं।

निवेश के फायदे

महिलाओं के म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई लाभ हैं। सबसे प्रमुख लाभ यह है कि यह दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। साथ ही, इसमें सुरक्षा, तरलता और उच्च लाभ की उम्मीद भी होती है। यदि महिलाएं अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में म्यूचुअल फंड को प्राथमिकता देती हैं, तो वे निश्चित रूप से अपने सपनों को पूरा करने में और सक्षम हो सकती हैं।

निष्कर्ष

महिलाओं की म्यूचुअल फंड में बढ़ती हिस्सेदारी न केवल उनके वित्तीय ज्ञान में वृद्धि को दर्शाती है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव का भी संकेत है। अगर यह ट्रेंड अपनी गति बनाए रखता है, तो आने वाले सालों में म्यूचुअल फंड निवेश में महिलाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण बन जाएगी।

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