मोदी ने 'यमुना मैया की जय' का नारा लगाया:कहा- इसे दिल्ली की पहचान बनाएंगे; AAP की हार से अन्ना हजारे को पीड़ा से मुक्ति मिली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पीएम मोदी ने भाजपा हेडक्वॉर्टर में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत यमुना मैया की जय के नारे के साथ की। उन्होंने कहा- आज दिल्ली में दिल्ली के लोगों में एक उत्साह भी है और सुकून भी है। उत्साह विजय का है, सुकून दिल्ली को आप-दा से मुक्त कराने का है। आपने दिल खोलकर प्यार दिया। मैं दिल्लीवालों को नमन करता हूं। PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें... भाजपा की 40 सीटें बढ़ीं, AAP को 40 का ही नुकसान भाजपा ने दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से भाजपा ने 48 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 22 सीटें जीतीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। पूरी खबर पढ़ें.. प्रधानमंत्री मोदी की पूरी स्पीच पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

मोदी ने 'यमुना मैया की जय' का नारा लगाया: कहा- इसे दिल्ली की पहचान बनाएंगे; AAP की हार से अन्ना हजारे को पीड़ा से मुक्ति मिली
लेखिका: सुमिता राव, टीम नेतानागरी
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'यमुना मैया की जय' का नारा लगाकर एक नई दिशा देने का संकेत दिया। दिल्ली की पहचान में यमुना नदी को प्रमोट करने संबंधी उनके इस बयान ने कई राजनीतिक रस्साकशी को जन्म दिया। इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के हालिया चुनावी हार पर भी प्रतिक्रिया दी, जिससे अन्ना हजारे को एक नई राहत मिली।
यमुना नदी: दिल्ली का अभिन्न हिस्सा
मोदी ने अपने संबोधन में यमुना नदी को दिल्ली की आत्मा बताते हुए कहा कि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, "यमुना केवल एक नदी नहीं है, यह दिल्ली की पहचान है। हम इसे एक नया स्वरूप देंगे।" उनके इस बयान के द्वारा यमुना को फिर से जीवंत बनाने के लिए एक प्रोजेक्ट की भी जरूरत महसूस की गई है।
AAP की हार और अन्ना हजारे की पीड़ा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की हार ने राजनीतिक पटल पर कई सवाल खड़े किए हैं। अन्ना हजारे, जो पहले से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय रहे हैं, की यह हार उनके लिए उदासी का कारण बन सकती थी। लेकिन मोदी के बयान ने उनकी पीड़ा को कम करने में मदद की। हजारे ने कहा, "अगर Yumna Maa की पहचान को बढ़ावा दिया जाता है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा।"
यमुना के संरक्षण की आवश्यकता
कार्यक्रम के दौरान, मोदी ने यमुना नदी के संरक्षण और सफाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों को यमुना के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी भी है। "हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की आवश्यकता है ताकि हम अपनी नदी को स्वच्छ और सुरक्षित रख सकें।" यह बात नागरिकों के बीच एक नई जागरूकता लाने का संकेत देती है।
भविष्य के लिए आशा
यमुना नदी के संरक्षण एवं पहचान को लेकर मोदी के इस प्रयास ने न केवल राजनीतिक वातावरण को बदलने का संकेत दिया है, बल्कि यह दिल्लीवासियों के लिए एक नई आशा भी जगाता है। हजारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए यह मुद्दा अब और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। उनका मानना है कि यदि इस दिशा में सही प्रयास किए गए, तो भविष्य में यमुना को फिर से उसकी पुरानी महत्ता वापस मिल सकती है।
निष्कर्ष
अंततः, प्रधानमंत्री मोदी के कथन ने ये सिद्ध किया है कि यमुना का महत्व केवल एक नदी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान का एक अहम हिस्सा है। इस संवेदनशील मुद्दे पर सभी की जिम्मेदारी बनती है कि उसका संरक्षण और उत्थान हो।
इस प्रकार, मोदी का यह बयान न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमें यमुना की पहचान को मजबूत करना चाहिए।
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