मियर कमोडिटी ने सेबी के पास फाइल किए ड्राफ्ट पेपर्स:IPO से कंपनी ₹48.75 करोड़ जुटाएगी, 15 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट बिजनेस

मुंबई बेस्ड एक्सपोर्ट बिजनेस कंपनी मियर कमोडिटी इंडिया लिमिटेड इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानि IPO लाने की तैयारी में है। कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया है। मियर कमोडिटी लिमिटेड IPO से 48.75 करोड़ रुपए जुटाएगी। IPO में 10 रुपए की फेस वैल्यू पर 35.29 लाख ऑफर फोर सेल और 52.94 लाख नए इक्विटी शेयर जारी करेगी। कंपनी शुगर, खंडसारी और इसने जुड़े प्रोडेक्टस का एक्सपोर्ट बिजनेस करती है। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। 15 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट बिजनेस 2018 में शुरू हुई मियर कमोडिटी इंडिया लिमिटेड एग्री कमोडिटीज का एक्सपोर्ट बिजनेस करती है। शुगर से जुड़े हुए प्रोडक्ट्स के साथ साथ कंपनी चावल, दालें, मसाले और दूसरे एग्री प्रोडक्ट्स को तंजानिया, रूस, दक्षिण अफ्रीका, यूएई, कनाडा और सिंगापुर जैसे 15 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट करती है। FY24 में ₹910.65 करोड़ का रेवेन्यू मियर कमोडिटी इंडिया लिमिटेड वित्त वर्ष 2024 में अब तक 910.65 करोड़ रुपए का कंसोलिडेट रेवेन्यू जनरेट कर चुकी है। इसमें कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 7.87 करोड़ रूपए रहा। FY24 के शुरूआती 6 महीनों में कंपनी का रेवेन्यू 541.64 करोड़ रुपए और मुनाफा (PAT) 2.27 करोड़ रुपए था। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

Mar 2, 2025 - 15:34
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मियर कमोडिटी ने सेबी के पास फाइल किए ड्राफ्ट पेपर्स:IPO से कंपनी ₹48.75 करोड़ जुटाएगी, 15 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट बिजनेस

मियर कमोडिटी ने सेबी के पास फाइल किए ड्राफ्ट पेपर्स:IPO से कंपनी ₹48.75 करोड़ जुटाएगी, 15 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट बिजनेस

लेखिका: स्नेहा वर्मा, टीम नेतानागरी

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परिचय

भारत की प्रमुख खाद्य सामग्री आपूर्तिकर्ता मियर कमोडिटी ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर्स प्रस्तुत किए हैं। इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी ₹48.75 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखती है। मियर कमोडिटी की यह योजना न केवल भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए है, बल्कि वह 15 से अधिक देशों में अपने एक्सपोर्ट बिजनेस का विस्तार करने की भी तैयारी कर रही है।

आईपीओ का महत्व

मियर कमोडिटी के आईपीओ का उद्देश्य कंपनी के धन संग्रह को बढ़ाना है जिससे वह अपने व्यवसाय को बेहतर बनाने में सक्षम हो सके। कंपनी का मानना है कि यह धन न केवल उसे अपने घरेलू ऑपरेशंस को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उसकी पहुँच बढ़ाएगा। यह कदम भारतीय कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जो अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रही हैं।

एक्सपोर्ट बिजनेस का विस्तार

मियर कमोडिटी ने बताया कि वह 15 से अधिक देशों में अपने एक्सपोर्ट बिजनेस को बढ़ाने के लिए आवश्यक तैयारियों को पूरा करने के लिए प्रेरित है। कंपनी का ध्यान विशेषत: एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बाजारों पर है। पहले से ही सकारात्मक संकेत और ग्राहक प्रतिक्रिया पाकर, यह कंपनी अगले कुछ वर्षों में अपनी उपस्थिति और बिक्री को दोगुना करने का लक्ष्य बना रही है।

ड्राफ्ट पेपर्स के प्रमुख बिंदु

सेबी के पास जमा किए गए ड्राफ्ट पेपर्स में कंपनी की वित्तीय जानकारी, बिजनेस मॉडल तथा योजना का विस्तृत विवरण शामिल है। मियर कमोडिटी के द्वारा दिए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके अलावा, कंपनी ने अपनी लाभकारीता को भी बनाए रखा है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

निष्कर्ष

मियर कमोडिटी का आईपीओ न केवल भारतीय कमोडिटी बाजार के लिए एक आशाजनक कदम है, बल्कि यह विदेशी बाजारों में विस्तार की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस संभावित धन जुटाने और वैश्विक पहचान को ध्यान में रखते हुए, अगले कुछ महीने मियर कमोडिटी के लिए काफी निर्णायक रहने वाले हैं। इसके साथ ही, स्थितियाँ यह भी तय करेंगी कि कंपनी अपनी योजना को सफलतापूर्वक लागू कर पाती है या नहीं।

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