महाकुंभ पर वर्ल्ड मीडिया:वॉल स्ट्रीट ने लिखा- अमेरिका की आबादी से ज्यादा तीर्थयात्री आए, CNN की खबर- रंगों और आस्था का शानदार नजारा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का बुधवार को समापन हो गया। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। यह संख्या अमेरिका की आबादी से दोगुनी है। ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। अमेरिका में द न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर CNN और फ्रांस 24 तक ने 45 दिन के इस आयोजन को प्रमुखता से कवर किया। पढ़िए किसने क्या लिखा... ----------------------------- ये खबरें भी पढ़ें... महाकुंभ में बने महारिकॉर्ड: 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान, ये अमेरिका की आबादी से दोगुना 13 जनवरी से शुरू हुए इस महाकुंभ में अब तक 66 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यानी अमेरिका की आबादी से दोगुने लोग। ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। केवल यही एक रिकॉर्ड नहीं है। इस महाकुंभ में और भी महारिकॉर्ड बने हैं। जानते हैं इस स्टोरी में….

महाकुंभ पर वर्ल्ड मीडिया:वॉल स्ट्रीट ने लिखा- अमेरिका की आबादी से ज्यादा तीर्थयात्री आए, CNN की खबर- रंगों और आस्था का शानदार नजारा
“Kharchaa Pani”
लेखिका: सृष्टि शर्मा, नेहा वर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
महाकुंभ मेले का महत्व ना केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी है। इस बार का महाकुंभ अपनी भव्यता और संख्या के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। वर्ल्ड मीडिया में इसकी गूंज सुनाई दे रही है, खासकर वॉल स्ट्रीट जर्नल और CNN जैसे प्रमुख समाचार संस्थानों द्वारा।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि इस महाकुंभ में तीर्थयात्रियों की संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी अधिक है। यह एक अद्भुत दृश्य है, जिसमें हर कोई अपने-अपने धार्मिक विश्वासों के साथ शामिल हुआ है। यह एक ऐसा मेला है जहाँ दुनिया भर के लोग आस्था के साथ एकत्र होते हैं।
CNN की खबर: रंगों और आस्था का नजारा
CNN ने महाकुंभ के बारे में लिखा है कि यह केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि रंगों, उत्साह और संस्कृति का एक साथ आना है। यहां के हर एक रंग और हर एक चेहरे में एक अलग कहानी है जो आस्था की गहराई को दर्शाती है। महाकुंभ का यह नजारा न केवल भारतीयों, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
त्यौहार की तैयारियां
महाकुंभ की तैयारियों में लाखों लोगों की मेहनत शामिल है। तंबुओं का निर्माण, सुरक्षा के उपाय और भक्तों के लिए व्यवस्था ऐसे कई पहलू हैं, जो इसे विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण आयोजन बनाते हैं। यहां आने वाले तीर्थयात्री न केवल पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं से भी जुड़ते हैं।
विश्व भर से तीर्थयात्रियों की भागीदारी
इस साल का महाकुंभ विभिन्न देशों से आए तीर्थयात्रियों के साथ नया मापदंड स्थापित कर रहा है। सारे विश्व के लोग यहां अपनी आस्था के प्रतीक, गंगा में स्नान करने आते हैं। यह भारतीय संस्कृति का एक बेहतरीन प्रदर्शन है, जिसे वर्ल्ड मीडिया भी सराह रहा है।
निष्कर्ष
महाकुंभ केवल धार्मिक महत्व का स्थल नहीं है, बल्कि यह मानवता के अद्भुत मेलजोल का भी प्रतीक है। इस मेले को देखकर यह साफ होता है कि आज की दुनिया में भी आस्था और विश्वास की गहराई में कोई कमी नहीं आई है। जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ आते हैं, तो यह दर्शाता है कि भक्ति का यह जज्बा हमेशा जिंदा रहेगा।
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