मणिपुर में फ्री ट्रैफिक के पहले दिन हिंसा भड़की:कुकी समुदाय के लोगों ने बसों को रोका; सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया, आंसूगैस छोड़ी

मणिपुर में कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में करीब 2 साल बाद फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू होते ही हिंसा भड़क उठी। इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर शनिवार को जैसे ही बसें चलनी शुरू हुईं, कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आवाजाही रोकने के लिए सड़कों पर पत्थर बिछा दिए। बसों, कारों में आग लगा दी। हिंसा कर रहे लोगों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे गए। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। पैलेट गन के इस्तेमाल होने की जानकारी भी आई है। कुछ तस्वीरों और वीडियोज में घायलों के शरीर पर पैलेट गन के छर्रों के निशान दिख रहे हैं। हालांकि, अभी तक पुलिस ने कन्फर्म नहीं किया है। इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति इलाकों में जा रही सरकारी बसों को CRPF और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में चलाया जा रहा है। इसके अलावा रेड जोन वाले इलाकों में जगह-जगह सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के पहले दिन की तस्वीरें... अमित शाह ने फ्री मूवमेंट का ऐलान किया था गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव बोले- सामान्य स्थिति बहाल होगी मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं। राजधानी इंफाल से चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। CM बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें... --------------------------- मणिपुर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मणिपुर में 21 महीने बाद हालात सामान्य होने के आसार, शाह बोले- 8 मार्च से लोग कहीं भी आ-जा सकेंगे मणिपुर में 21 महीनों बाद हालात सामान्य होने के आसार हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य के हालात पर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा है। पूरी खबर पढ़ें…

Mar 8, 2025 - 16:34
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मणिपुर में फ्री ट्रैफिक के पहले दिन हिंसा भड़की:कुकी समुदाय के लोगों ने बसों को रोका; सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया, आंसूगैस छोड़ी

मणिपुर में फ्री ट्रैफिक के पहले दिन हिंसा भड़की: कुकी समुदाय के लोगों ने बसों को रोका; सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया, आंसूगैस छोड़ी

Kharchaa Pani द्वारा प्रस्तुत, लेख: निधि शर्मा, सुषमा रावत, और टीम नेतानागरी।

परिचय

मणिपुर में हाल ही में शुरू हुए फ्री ट्रैफिक के पहले दिन एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी। कुकी समुदाय के लोगों ने बसों को रोका और इसके परिणामस्वरूप सुरक्षाबलों को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। यह घटना अपने आप में कई प्रश्न उठाती है, जिसमें समाज का ध्रुवीकरण और सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता शामिल हैं।

घटना का विवरण

फ्री ट्रैफिक की शुरुआत के दिन, सुबह से ही कुकी समुदाय के लोग अपने विरोध को व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने विभिन्न स्थलों पर बसों को रोक दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ। यह लोग अपनी मांगों को लेकर बहुत मुखर थे और उन्होंने संवाददाता से कहा कि "हमें अपने अधिकारों का मिलना जरूरी है।"

सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। इसके साथ ही, आंसू गैस के गोलों का प्रयोग किया गया, जिससे न केवल भीड़ को तितर-बितर करने में मदद मिली बल्कि स्थानीय निवासियों में दहशत भी फैल गई।

कुकी समुदाय की मांगें

कुकी समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से वंचित रखा गया है। उनका मुख्य आरोप है कि सरकार उनके मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। इसके चलते वे लगातार विरोध प्रकट कर रहे हैं। इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ इस समुदाय की बेहतरी के लिए बेहद क्षति दायक होती हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने घटनाओं पर ध्यान दिया और कहा कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएँगे। अधिकारियों का यह कहना है कि संवाद के माध्यम से कुकी समुदाय की समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। लेकिन क्या यह समाधान सही तरीके से होगा, यह समय ही बताएगा।

निष्कर्ष

मणिपुर की यह घटना अकेली नहीं है। इसके पीछे की जड़ें सामाजिक और राजनीतिक हैं। अगर सही तरीके से बातचीत और संवाद न किया गया, तो ऐसी घटनाएँ भविष्य में भी हो सकती हैं। इसलिए, सरकार को यथाशीघ्र कुकी समुदाय के साथ बैठकर उनके मुद्दों को समझने की आवश्यकता है।

समाज को हिंसा से दूर रहने की आवश्यकता है और इसे समाप्त करने के लिए एक सामूहिक प्रयास करना होगा। इस दिशा में सही कदम उठाए जाने से ही मणिपुर का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।

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