मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया:दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फैसला; राज्य में 21 महीने से हिंसा जारी

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार शाम अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया। गवर्नर अजय कुमार भल्ला ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और बीरेन सिंह से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभालने के लिए कहा है। बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार NDA से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं। इस्तीफे का फैसला लेने से पहले बीरेन सिंह ने रविवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। नए मुख्यमंत्री पर फैसला एक-दो दिन के भीतर लिया जाएगा। एक महीने पहले मणिपुर हिंसा पर बीरेन सिंह ने कहा था- मुझे माफ करें एक महीने पहले मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने राज्य में हुई हिंसा और उसमें हुई जनहानि को लेकर माफी मांगी थी। बीरेन सिंह ने कहा था कि पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। इसका मुझे बहुत दुख है। 3 मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। CM बीरेन सिंह ने सेक्रेटेरिएट में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा- कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वास्तव में खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं। मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। मैतेई-कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा को 600 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। बीरेन ने बताया, 'मणिपुर में मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं। नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं। मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आई हैं।' हालांकि राज्य में पिछले महीने से शांति है। हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। छिटपुट प्रदर्शन के लिए भी लोग सड़कों पर नहीं उतरे। सरकारी दफ्तर रोजाना खुल रहे हैं और स्कूल में बच्चों की तादाद बढ़ रही है। लीक ऑडियो क्लिप में CM पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई की थी। कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल करके कुछ ऑडियो क्लिप्स की जांच की मांग की थी। दावा किया गया था कि ऑडियो में CM कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा- जो टेप सामने आए हैं, वे बहुत गंभीर हैं। इस पर CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा न बने। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) से सीलबंद लिफाफे में 6 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। पूरी खबर यहां पढ़ें... ........................................ मणिपुर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मणिपुर में सुरक्षाबलों ने 4 बंकर नष्ट किए: 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन; 9 हथियार, गोला-बारूद बरामद मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों ने इंफाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों में बने बंकरों को नष्ट किया। ये बंकर थम्नापोकपी और सनसाबी गांवों की सीमा से लगे इलाकों में बनाए गए थे। जहां से पहाड़ियों पर रहने वाले बंदूकधारी निचले इलाकों के गांवों पर हमला कर रहे थे। इसके अलावा 5 दिनों से सेना-पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन भी चल रहा था। सेना ने 23 दिसंबर से 27 दिसंबर तक इंफाल ईस्ट, टेंग्नौपाल, यांगियांगपोकपी और चुराचांदपुर से 9 हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था। पूरी खबर पढ़ें...

Feb 9, 2025 - 20:34
 142  501.8k
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया:दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फैसला; राज्य में 21 महीने से हिंसा जारी

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया:दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फैसला; राज्य में 21 महीने से हिंसा जारी

Kharchaa Pani | लेखिका: सीमा कुमारी, टीम नेटानागरी

मणिपुर में हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं और इसी बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब राज्य में 21 महीनों से चल रही हिंसा ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। आइए जानते हैं इस घटनाक्रम के पीछे की वजहें और मणिपुर के भविष्य के लिए इसका क्या अर्थ है।

मुख्यमंत्री का इस्तीफा: क्या है कारण?

एन बीरेन सिंह का इस्तीफा कई जानकारों के अनुसार इस बात का संकेत है कि सरकार के पास हिंसा की स्थिति को नियंत्रण में लाने का कोई ठोस उपाय नहीं है। मणिपुर में पिछले साल से चल रही जातीय हिंसा, जिसमें कई लोगों की जान गई है और लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं, ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए हैं। एन बीरेन सिंह ने कहा, "यह निर्णय आसान नहीं था, लेकिन मणिपुर की भलाई के लिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा।" उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात

एन बीरेन सिंह और अमित शाह की मुलाकात के दौरान राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को इस स्थिति को बेहतर करने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी थी। शाह के साथ इस बैठक के बाद, सीएम ने इस्तीफा देने का फैसला लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार भी मणिपुर की स्थिति को लेकर गंभीर है।

राज्य में जारी हिंसा का प्रभाव

मणिपुर में 21 महीने से जारी हिंसा ने न केवल लोगों के जीवन को प्रभावित किया है बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। कई व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं, और शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी संकट मंडरा रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर हालात को जल्द ही नियंत्रित नहीं किया गया तो यह स्थिति राज्य में और भी विकराल रूप लेने का खतरा पैदा कर सकती है।

भविष्य की दिशा: मणिपुर को कैसे आगे बढ़ाया जाए?

एसी स्थिति में, नया नेतृत्व लाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इसका मतलब यह है कि आगामी दिनों में नए सीएम का चुनाव और नीतियों का निर्माण होना होगा ताकि मणिपुर में शांति और विकास की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि परिवर्तन के साथ ही मणिपुर में स्थाई शांति और विकास को आगे बढ़ाने के लिए रणनीतिक कदम उठाना अत्यावश्यक है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा लगातार बढ़ती हिंसा और सरकार की असफलता का संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली सरकार किस प्रकार मणिपुर के लोगों को राहत देती है। केंद्र सरकार की भूमिका और नीतियों का भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा। उम्मीद है कि मणिपुर को शांति और विकास के मार्ग पर लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

For more updates, visit kharchaapani.com.

Keywords

Resignation of CM, Manipur violence, N Biren Singh, Amit Shah meeting, Manipuri politics, government crisis, ethnic conflict, state leadership, peace in Manipur, national news, India political updates

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow