प्रहलाद पटेल बोले-शुचिता की राजनीति बेईमानों को कैसे रास आएगी:नड्डा को टैग कर पोस्ट डिलीट किया;कांग्रेस ने कहा-समाज की राजनीति के लिए पद छोड़ें
मध्यप्रदेश के पंचायत और श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल का राजगढ़ के सुठालिया में लोधी-लोधा समाज के सम्मेलन में भीख वाला बयान उनके ऊपर भारी पड़ता नजर आ रहा है। मंत्री पटेल ने अपने इस बयान पर बवाल मचने के बाद जबलपुर में कहा कि, वे अपने इस बयान पर कायम हैं। ये पार्टी का कार्यक्रम नहीं, सामाजिक मंच पर कही गई बात है। जिसे जीतू पटवारी तूल दे रहे हैं। इस मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर है। वहीं अब मंत्री बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। नड्डा को टैग कर पोस्ट किया, फिर डिलीट कर दिया मंगलवार रात 8:14 बजे पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने X पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग करते हुए लिखा- मेरे मन में जनता सदैव जनार्दन रही, उसने नकारा हो या स्वीकारा हो, यह मेरी निष्ठा का अतीत है, वह आज भी है, लेकिन शुचिता की राजनीति, भ्रष्ट और बेईमानों को कैसे रास आएगी। अगले पोस्ट में जेपी नड्डा को टैग नहीं किया मंत्री पटेल ने अपना पोस्ट डिलीट कर करीब सवा घंटे बाद 9:36 बजे दूसरा पोस्ट किया। उसमें लिखा- मेरे मन में सदैव जनता जनार्दन रही है, चाहे उसने मुझे नकारा है या स्वीकारा है। यह मेरी निष्ठा का अतीत है, लेकिन शुचिता की राजनीति भ्रष्ट और बेईमानों को कैसे रास आती? इसलिए मेरी बात को तूल दिया गया। इस पोस्ट में उन्होंने जेपी नड्डा को टैग नहीं किया। जबलपुर में सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मंत्री पटेल ने कहा था- मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है । इसे राजनीतिक रंग दिया गया है। मैंने अपने स्वजातीय लोगों के बीच यह बात कही थी, जिसे मैं वर्षों से कहता आ रहा हूं और आगे भी कहूंगा। लक्ष्मण बोले- समाज की राजनीति करनी है तो पद छोड़ें मंत्री पटेल के बयान पर दिग्विजय सिंह के भाई और पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा- प्रहलाद पटेल का ये वक्तव्य आया है कि वे अपना बयान पुन: दोहराएंगे। ये अति दुर्भाग्यपूर्ण है। आप केंद्र में मंत्री रहे हैं। वर्तमान में मंत्री हैं। अगर आपको केवल समाज की राजनीति ही करना है तो फिर इस्तीफा दे दीजिए। जीतू ने कहा था- पीएम क्या यही ट्रेनिंग देकर गए इससे जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें...। मंत्री बोले- लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ी मंत्री प्रहलाद पटेल ने शनिवार को जनता के मांग पत्रों को ही भीख करार दे दिया। उन्होंने कहा- ‘अब तो लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं, एक टोकना (टोकरी) तो कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। पढ़ें पूरी खबर... मंत्री पटेल बोले- मैंने वही कहा, जिसे मैं वर्षों से कहता आ रहा हूं भीख वाले बयान पर हंगामा मचने के बाद जबलपुर में मंत्री प्रहलाद पटेल ने सफाई दी। मंत्री पटेल ने कहा- मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है । इसे राजनीतिक रंग दिया गया है। मैंने अपने स्वजातीय लोगों के बीच यह बात कही थी, जिसे मैं वर्षों से कहता आ रहा हूं और आगे भी कहूंगा। पढ़ें पूरी खबर...

प्रहलाद पटेल बोले-शुचिता की राजनीति बेईमानों को कैसे रास आएगी
लेखक: सुमन देसाई, टीम नेतानागरी
खरचा पानी
परिचय
हाल ही में मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शुचिता की राजनीति बेईमानों को कैसे रास आएगी। इस बयान के चलते राजनैतिक हलकों में हलचल मच गई है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि प्रहलाद पटेल को समाज की राजनीति के लिए अपना पद छोड़ देना चाहिए। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से।
प्रहलाद पटेल का मुद्दा
प्रहलाद पटेल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग कर एक पोस्ट डिलीट किया, जिसमें उन्होंने अपनी बात रखी। जब उन्होंने शुचिता की राजनीति पर जोर दिया, तो इस समय कांग्रेस ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक नेता खुद ईमानदार नहीं होंगे, तब तक उनके बयानों का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रहलाद पटेल का यह बयान एक असंगत प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पटेल सच में शुचिता की राजनीति में विश्वास करते हैं, तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा के नेता जानते हैं कि उनके आपसी विवादों के चलते उनकी विश्वसनीयता खतरे में है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
प्रहलाद पटेल का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में राजनीतिक स्थितियों में अस्थिरता है। कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मतभेद की स्थिति बनी हुई है। इस सब के बीच, प्रहलाद पटेल का बयान कई सवाल उठाता है। क्या अब शुचिता की राजनीति वास्तव में संभव है?
समाज की राजनीति और जिम्मेदारी
कांग्रेस का तर्क है कि राजनेताओं को समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए और इस मुद्दे पर संजीदगी से विचार करना चाहिए। यदि नेता सचमुच अपने बयानों को लेकर प्रतिबद्ध हैं, तो उन्हें अपने कार्यों में भी शुचिता दिखानी चाहिए। प्रहलाद पटेल के बयान का समाज पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना होगा।
निष्कर्ष
प्रहलाद पटेल के बयान ने एक बार फिर शुचिता की राजनीति के मुद्दे को उभार दिया है। राजनीतिक आलोचना के इस दौर में राजनेताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने शब्दों के प्रति सच्चे रहें। यह समय है जब नेता अपनी ज़िम्मेदारियों को समझें और समाज की भलाई के लिए काम करें।
कम शब्दों में कहें तो, प्रहलाद पटेल का बयान सामाजिक और राजनीतिक जिम्मेदारी का एक बड़ा उदाहरण प्रदान करता है।
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