पीएम मोदी ने जिबली ट्रेंड में हिस्सा लिया:ट्रम्प और मैक्रों के साथ AI से बनी तस्वीरें शेयर कीं; सोशल मीडिया पर छाया ट्रेंड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया ट्रेंड जिबली में हिस्सा लिया है। भारत सरकार के आधिकारिक X हैंडल ने AI की मदद से जिबली स्टूडियों की थीम पर बनी पीएम मोदी की तस्वीरों को शेयर किया है। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ तस्वीरें भी हैं। बीते दों दिन से यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। दुनिया भर के नेताओं, सेलिब्रिटी और आम लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है। पीएम मोदी की ट्रम्प और मेक्रो के अलावा इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म, अयोध्या के राम मंदिर और वंदे भारत ट्रेन के साथ भी जिबली तस्वीर सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी की जिबली तस्वीरें... 1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ व्हाइट हाउस में 2. 2023 में पेरिस दौरे पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने मोदी के साथ सेल्फी ली थी 3. पिछले साल मोदी ने आर्मी यूनिफॉर्म में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी 4. जून 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तस्वीर 5. मई 2023 में नई संसद के उद्घाटन के वक्त मोदी ने लोकसभा में सेंगोल स्थापित किया 6. जनवरी 2024 में अयोध्या के राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे मोदी 7. जनवरी 2024 में लक्ष्यद्वीप के दौरे पर पहुंचे थे मोदी जिबली ट्रेंड क्या है और कैसे छाया? जिबली ट्रेंड हाल ही में (मार्च 2025) तब वायरल जब ChatGPT ने नए इमेज जनरेशनल टूल से यूजर्स को स्टूडियो जिबली की तर्ज पर एनिमेटेड तस्वीरें बनाने की सुविधा दी। इस ट्रेंड में यूजर्स अपनी तस्वीरें, इंटरनेट मीम्स, और विभिन्न पॉप कल्चर कैरेक्टर्स को हायाओ मियाजाकी की तरह एनिमेशन स्टाइल में बदल रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे जिबलीफिकेशन नाम दिया है। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भी अपनी प्रोफाइल पिक्चर को जिबली किया है। जिबली क्या है? स्टूडियो जिबली जापान का एक फेमस एनिमेशन स्टूडियो है। इसे 1985 में हायाओ मियाजाकी और इसाओ ताकाहाता ने बनाया था। इसकी खासियत इसके हाथ से बने एनिमेशन हैं। स्टूडियो अपने बारीक और डिटेल्ड 2D एनिमेशन के लिए मशहूर है। इसकी कहानियां जादुई दुनिया, सामाजिक मुद्दों और मानवीय भावनाओं को दिखाती हैं। इन कहानियों में अक्सर उड़ने वाले शहर, विशाल जानवर दिखाए जाते हैं। AI से बनी आर्ट का विरोध करते हैं मियाजाकी हायाओ मियाजाकी AI जनरेटेड आर्ट यानी AI से बनने वाली आर्ट का विरोध करते रहे हैं। मियाजाकी को 2016 में एक AI से बना एनिमेशन दिखाया गया था। तब मियाजाकी ने इस जीवन का अपमान कहा था। मियाजाकी के मुताबिक आर्ट इंसानों की संवेदनाओं से बनती है। इसे मशीनों से नहीं बनाया जा सकता।

पीएम मोदी ने जिबली ट्रेंड में हिस्सा लिया: ट्रम्प और मैक्रों के साथ AI से बनी तस्वीरें शेयर कीं; सोशल मीडिया पर छाया ट्रेंड
Kharchaa Pani
लेखक: सृष्टि मेहरा, नेहा शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जिबली ट्रेंड' में शामिल होकर सोशल मीडिया पर एक नया रूप पेश किया है। इस ट्रेंड के तहत उन्होंने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों के साथ AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से तैयार की गई तस्वीरें साझा की हैं। इस कदम ने ना केवल डिजिटल प्लेटफार्मों पर चर्चा को बढ़ावा दिया है, बल्कि इसकी वजह से यह ट्रेंड सोशल मीडिया में तेजी से फैल रहा है।
जिबली ट्रेंड का महत्व
जिबली ट्रेंड, जिसे 'AI generated images' ट्रेंड भी कहा जाता है, दरअसल कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह तकनीक किसी भी तस्वीर को बेहद रोचक और वास्तविकता के करीब बना सकती है। पीएम मोदी द्वारा इस ट्रेंड में भाग लेने से यह दर्शाता है कि कैसे तकनीक और नेतृत्व का संगठन एक साथ मिलकर नए आयाम खोल सकता है।
AI चित्रों का जादू
पीएम मोदी ने अपनी साझा की गई तस्वीरों में एक नए और अनूठे नज़रिए से दिखाया कि कैसे AI तकनीक का उपयोग दुनिया के नेताओं की छवियों को एक नई पहचान दे सकता है। इन तस्वीरों में उनकी और उनके दोनों सहयोगियों के चेहरे का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न काल्पनिक परिदृश्यों को उकेरा गया है। यह न केवल रचनात्मकता को दर्शाता है, बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल होने के लिए एक बेहतरीन सामग्री भी तैयार करता है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड
सोशल मीडिया पर जिबली ट्रेंड ने जबरदस्त हलचल मचाई है। यूजर्स ने इस ट्रेंड को अपनाते हुए खुद की AI-generated छवियाँ बनाने में सक्रियता दिखाई है। इस क्रम में कई नवोदित कला और डिज़ाइन प्रतिभाओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और ट्रेंड को संजीवनी दी। लोगों ने ट्रेंड को लेकर उत्साह जाहिर करते हुए ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर वायरल सामग्री साझा की।
निष्कर्ष
पीएम मोदी का जिबली ट्रेंड में शामिल होना न केवल एक तकनीकी अवलोकन है, बल्कि यह एक संकेत है कि भारतीय नेतृत्व भी नई तकनीक और सोशल मीडिया के विकास के प्रति सजग है। यह ट्रेंड न केवल एक सरल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे समकालीन संस्कृति और तकनीक के मेलजोल से एक नई समाजिकता का निर्माण हो सकता है। समय के साथ, ऐसे और भी ट्रेंड्स का आना निश्चित है जो डिजिटल प्लेटफार्म पर धूम मचाएंगे।
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