पंजाब में एजेंटों पर कार्रवाई शुरू:अमृतसर में पहली FIR, 2 दिन पहले अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय

अमेरिका से जबरन भारत भेजे गए 104 भारतीयों में से 31 पंजाब के नागरिक थे। इनकी शिकायतों के आधार पर अब पंजाब में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पहला मामला पंजाब के अमृतसर जिले के राजासांसी थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस ने कोटली खेहरा गांव निवासी एजेंट सतनाम सिंह पुत्र तरसेम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला अमेरिका से डिपोर्ट किए गए सलेमपुर निवासी दिलेर सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया है। पुलिस ने दिलेर सिंह को अवैध रूप से अमेरिका भेजने के मामले में यह कार्रवाई की है। कल कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी दिलेर सिंह से मिलने पहुंचे थे। वैद वीजा पर भेजने का वादा कर ऐंठे थे 45 लाख दलेर सिंह ने बताया था कि उनका सफर 15 अगस्त 2024 को शुरू हुआ था, जब वे घर से निकले थे। एक एजेंट ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह एक नंबर में उन्हें अमेरिका पहुंचा देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले उन्हें दुबई ले जाया गया और फिर ब्राजील पहुंचाया गया। ब्राजील में उन्हें 2 महीने तक रोका गया। एजेंटों ने पहले वीजा लगवाने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में कहा कि वीजा संभव नहीं है और अब "डंकी रूट" अपनाना पड़ेगा। अंत में हमें कहा गया कि पनामा के जंगलों से होकर जाना होगा। इस रूट को निचला डंकी रूट कहा जाता है। हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था। हमें हां करनी पड़ी और हम पनामा के जंगलों से अमेरिका के लिए निकल पड़े। 120 किलोमीटर का पनामा के जंगल का सफर दलेर सिंह ने पनामा के जंगलों को दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक बताया। 120 किलोमीटर लंबे जंगल को पार करने में साढ़े तीन दिन लगते हैं। हमें अपना खाना-पीना खुद लेकर चलना पड़ता था। जो फिल्में इस सफर पर बनी हैं, वे पूरी तरह सच्ची हैं। उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप में 8-10 लोग थे, जिनमें नेपाल के नागरिक और महिलाएं भी शामिल थीं। हमारे साथ एक गाइड (डोंकर) था, जो रास्ता दिखाता था। लेकिन यह सफर इतना खतरनाक था कि हर कदम पर जान का खतरा बना रहता था। एक भारत व दूसरा दुबाई का था एजेंट पनामा के जंगल को पार करने के बाद वे मैक्सिको पहुंचे और वहां से अमेरिका के तेजवाना बॉर्डर की ओर बढ़े। लेकिन 15 जनवरी 2025 को उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। हमारे सारे सपने यहीं खत्म हो गए। हमें उम्मीद थी कि हम सही तरीके से अमेरिका पहुंचेंगे, लेकिन हमें ठगा गया। दलेर सिंह ने बताया कि इस पूरे सफर में लाखों रुपए खर्च हो गए, जिनमें से अधिकांश पैसे एजेंटों ने ठगे। हमें दो एजेंटों ने धोखा दिया, एक दुबई का और एक भारत का। हमें कहा गया था कि सब कुछ सही तरीके से होगा, लेकिन हमें खतरनाक रास्ते पर धकेल दिया गया।

Feb 7, 2025 - 12:34
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पंजाब में एजेंटों पर कार्रवाई शुरू:अमृतसर में पहली FIR, 2 दिन पहले अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय

पंजाब में एजेंटों पर कार्रवाई शुरू: अमृतसर में पहली FIR, 2 दिन पहले अमेरिका से डिपोर्ट हुए 104 भारतीय

लेखिका: राधिका शर्मा, टीम नीतानागरी

खर्चा पानी

परिचय

हाल ही में पंजाब में जालसाजों के खिलाफ एक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। अमृतसर में दर्ज की गई पहली FIR, जिसमें 104 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट करने वालों का पर्दाफाश किया गया है, ने इस मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है। यह कार्रवाई पंजाब सरकार द्वारा भारत में हो रही सभी अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से की जा रही है।

घटनाक्रम का संक्षेप

पंजाब में हाल के दिनों में अवैध रूप से विदेश भेजने वाले एजेंटों की बाढ़ आ गई है। इनमें से कई एजेंट अमेरिकी वीजा के लिए झूठी जानकारी देकर लोगों को धोखा दे रहे थे। हाल ही में अमृतसर की पुलिस ने पहली FIR दर्ज की, जिसमें उन एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने 104 भारतीयों को अमेरिका भेजने का वादा किया था। लेकिन यह सभी लोग को वापस भारत भेज दिए गए।

अमृतसर में पहली FIR की अहमियत

यह FIR सिर्फ एक कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संकेत है कि पंजाब में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस FIR में उन सभी एजेंटों को नामजद किया गया है, जो इस अपराध में लिप्त थे। पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई आगे बढ़ेगी और सभी एजेंटों को पकड़ा जाएगा।

डिपोर्टेशन का कारण

इन 104 भारतीय नागरिकों को अमेरिका में अवैध गतिविधियों के चलते डिपोर्ट किया गया। इनमें से कई ने गलत जानकारी दी थी, जबकि अन्य अवैध रूप से निवास कर रहे थे। अमेरिका में रह रहे भारतीयों की बढ़ती संख्या और विभिन्न कारणों से डिपोर्टेशन का सामना कर रहे लोगों की जानकारी चिंता का विषय बना हुआ है।

सरकारी कार्रवाई की अपेक्षा

पंजाब सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और सभी एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई है। सरकार का उद्देश्य न केवल प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उन्हें सुरक्षित तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों की भी पहचान करना है। साथ ही, यह अभियान अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का एक हिस्सा है।

निष्कर्ष

पंजाब में एजेंटों के खिलाफ चल रही यह कार्रवाई न केवल स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि सरकार अवैध प्रवासन के मुद्दे को पूरी गंभीरता से ले रही है। हम सभी को इस मुद्दे पर अपनी जागरूकता बढ़ानी होगी और ऐसी गतिविधियों के प्रति सचेत रहना होगा। For more updates, visit kharchaapani.com.

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