दिल्ली CM ने विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की:AAP सरकार की शराब नीति से ₹2000 करोड़ का घाटा हुआ, सिसोदिया ने सुझाव नजरअंदाज किए

दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में शराब नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की गई। दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट सदन में रखी। LG वीके सक्सेना ने कहा कि पिछली सरकार ने इस रिपोर्ट को रोककर रखा था। इसे सदन में नहीं रखा। उन्होंने संविधान का खुलेआम उल्लंघन किया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ का घाटा हुआ। पॉलिसी कमजोर थी और लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिस में कुछ बदलाव के सुझाव दिए थे, जिन्हें तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया। इससे पहले सदन में विपक्षी पार्टी AAP ने सीएम हाउस में भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीरों के मुद्दे पर हंगामा किया। LG वीके सक्सेना जब भाषण दे रहे थे, तब आप विधायकों ने मोदी-मोदी की नारेबाजी की। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत 12 AAP विधायकों को पूरे दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। सदन में बाहर आने के बाद आतिशी ने कहा कि सीएम हाउस से भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीरें क्यों हटाई गईं। क्या पीएम मोदी बाबा साहेब अंबेडकर से भी बड़े हैं। उन्होंने कहा कि AAP सरकार के वक्त हर सरकारी दफ्तर में भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई गई थीं।

Feb 25, 2025 - 14:34
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दिल्ली CM ने विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की:AAP सरकार की शराब नीति से ₹2000 करोड़ का घाटा हुआ, सिसोदिया ने सुझाव नजरअंदाज किए

दिल्ली CM ने विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की: AAP सरकार की शराब नीति से ₹2000 करोड़ का घाटा हुआ, सिसोदिया ने सुझाव नजरअंदाज किए

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

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प्रस्तावना

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि AAP सरकार की शराब नीति के कारण दिल्ली को ₹2000 करोड़ का घाटा हुआ है। यह रिपोर्ट न केवल सरकारी नीतियों की विसंगतियों को उजागर करती है, बल्कि इस पर भी सवाल खड़े करती है कि कैसे वित्तीय अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया।

CAG रिपोर्ट का मुख्य बिंदु

CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति में कई कमियाँ पाई गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नीति का उद्देश्य न केवल राजस्व बढ़ाना था, बल्कि अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लगाना था। लेकिन परिणाम बिल्कुल उलटा आया। यह घाटा जहां एक ओर दिल्ली के आर्थिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, वहीं दूसरी ओर, इसे AAP सरकार की नीतियों की असफलताओं का स्पष्ट संकेत भी माना जा रहा है।

शराब नीति से जुड़े विवाद

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझावों को नजरअंदाज किया गया था। सिसोदिया ने पहले ही केंद्र सरकार को चेताया था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो दिल्ली की आमदनी में भारी गिरावट आ सकती है। बावजूद इसके, उनकी बातों को अनसुना किया गया। इसके फलस्वरूप आज दिल्ली को भारी घाटा झेलना पड़ रहा है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

विपक्ष ने इस रिपोर्ट के बाद AAP सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा कि यह रिपोर्ट AAP सरकार की असफलताओं का दस्तावेज है और इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए। वहीं, AAP ने अपने बचाव में कहा है कि यह रिपोर्ट केवल आधी सच्चाई प्रस्तुत कर रही है।

भविष्य के लिए सुझाव

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार को अपनी नीतियों में सुधार करने की ज़रूरत है। उन्हें पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए और सरकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही, अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

दिल्ली CM द्वारा पेश CAG रिपोर्ट ने AAP सरकार के लिए चुनौतियाँ खड़ी की हैं। यह स्पष्ट है कि यदि AAP को ढाई करोड़ दिल्लीवासियों का विश्वास फिर से हासिल करना है, तो उन्हें अपनी नीतियों पर गंभीरता से विचार करना होगा। कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट AAP सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

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