तेलंगाना टनल हादसा, डरे मजदूर काम छोड़ रहे:SP बोले- 8 लोग आज मिलेंगे कह नहीं सकता; 5वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
तेलंगाना के नागरकुर्नूल में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह गया। इसमें 8 मजदूर फंस गए। इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए आज पांचवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। ताजा अपडेट के अनुसार, रेस्क्यू टीमों ने फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए अब टनल बोरिंग मशीन (TBM) के हिस्से और अन्य बाधाओं काटकर रास्ते से हटाना शुरू कर दिया है। वहीं, हादसे के बाद टनल में काम कर रहे कुछ मजदूर डर के मारे काम छोड़कर जा रहे हैं। इधर, नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक (SP) वैभव गायकवाड़ ने कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि फंसे हुए लोग आज मिल जाएंगे या नहीं। टनल के अंदर क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट के आज ठीक होने की उम्मीद है। इसके बाद मलबे को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें... टनल बोरिंग मशीन (TBM) को काटा जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि गैस कटिंग मशीनें अंदर ले जाए गए हैं। रात में भी टनल बोरिंग मशीन (TBM) और अन्य रुकावटों को रास्ते से काटकर हटाया गया। तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बुधवार को बताया कि टनल में फंसी TBM को गैस कटर से काटकर हटाया जाएगा। इसके बाद आर्मी, नेवी , रैट माइनर्स और NDRF की टीम फिर से आठ लोगों को बचाने का के लिए गंभीर प्रयास करेगी। हालांकि उनकी सुरक्षा को लेकर भी समझौता नहीं किया जाएगा। डरे हुए मजदूरों ने काम छोड़ना शुरू किया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे के बाद टनल में काम कर रहे कुछ मजदूर डर के कारण काम छोड़कर चले गए हैं। सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट में 800 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 300 लोकल और बाकी झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश से हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि शुरुआत में मजदूरों में डर जरूर है। हालांकि कंपनी ने उनके लिए आवासीय कैंप बनाए हैं। कुछ लोग वापस जाना चाह सकते हैं, लेकिन हमारे पास इस बात की कोई रिपोर्ट नहीं है कि सभी मजदूर एक साथ छोड़कर जा रहे हैं। रेस्क्यू में NDRF-SDRF और आर्मी के जवान रेस्क्यू के लिए NDRF के 145 और SDRF के 120 जवान तैनात हैं। सेना की एक इंजीनियर रेजिमेंट, जो सिकंदराबाद में इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा है। उसे भी रेस्क्यू में लगाया गया है। हादसा 22 फरवरी की सुबह करीब 8:30 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 14 किमी अंदर टनल की छत का करीब 3 मीटर हिस्सा ढहा है। इस दौरान टनल के अंदर करीब 60 लोग काम कर रहे थे। 52 लोग किसी तरह जान बचाकर निकल आए, लेकिन टनल बोरिंग मशीन (TBM) चला रहे 8 लोग फंस गए। इनमें 2 इंजीनियर, 2 मशीन ऑपरेटर और चार मजदूर हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। टनल में फंसे 8 मजदूर- 4 झारखंड, दो UP और एक-एक पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... असम खदान रेस्क्यू- 44 दिन बाद बाकी 5 शव बरामद, पहचान के लिए DNA टेस्ट होगा असम अवैध खदान हादसे में मारे गए 5 और मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। रेस्क्यू टीम को सर्च ऑपरेशन में 44 दिन लग गए। पुलिस ने भास्कर को बताया कि शव बुरी तरह सड़-गल चुके हैं। मजदूरों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...

तेलंगाना टनल हादसा, डरे मजदूर काम छोड़ रहे: SP बोले- 8 लोग आज मिलेंगे कह नहीं सकता; 5वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Kharchaa Pani
लेखक: सुषमा दास, नेशनल न्यूज टीम, नेतानागरी
तेलंगाना में हुए एक दर्दनाक टनल हादसे के बाद से क्षेत्र में चिंता का माहौल है। स्थानीय मजदूर इस घटना से इतने डरे हुए हैं कि कई ने काम करना बंद कर दिया है। लगातार 5 दिनों से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद, एसपी ने यह स्पष्ट किया है कि उन्हें नहीं पता कि क्या आज 8 लापता लोगों का पता चलेगा। यह स्थिति सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
हादसे की पृष्ठभूमि
बीते हफ्ते, तेलंगाना के एक निर्माण स्थल पर टनल गिरने से 8 मजदूरों के लापता होने की खबर आई थी। यह हादसा तब हुआ जब एक निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा अचानक गिर गया। घटना के समय मजदूर अपनी नियमित दिनचर्या में व्यस्त थे। जैसे ही अधिकारियों को इस घटना की जानकारी मिली, तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौती
5वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था, लेकिन अभी तक किसी भी लापता मजदूर का पता नहीं चला है। एसपी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "हम लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मिट्टी और मलबे के कारण स्थिति कठिन हो गई है।" बचाव कार्य में कई स्थानीय लोगों और आपातकालीन सेवाओं के कर्मियों ने भाग लिया है।
मजदूरों में डर का माहौल
इस घटना के बाद से स्थानीय मजदूरों में भय का माहौल है। कई मजदूरों ने काम छोड़ने का निर्णय लिया है, और उनका कहना है कि "हम जान का जोखिम नहीं लेना चाहते।" इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी चिंतित है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि काम सुरक्षित होने पर ही जारी रखा जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए एक समिति बनाई है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस दौरान, अधिकारियों ने मजदूरों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों पर भी विचार करने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
तेलंगाना में यह टनल हादसा न केवल स्थानीय मजदूरों के लिए एक बड़ा संकट है, बल्कि यह पूरे समुदाय के लिए चिंता का विषय है। इस घटना से सुरक्षा मानकों की जांच की आवश्यकता भी महसूस होती है। जैसा कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, हम सभी की प्रार्थनाएं लापता व्यक्तियों के परिवारों के साथ हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि काम के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
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