तीसरी-तिमाही में अडाणी पोर्ट्स का मुनाफा 14% बढ़कर ₹2,520 करोड़:रेवेन्यू 15% बढ़कर ₹7,964 करोड़ रहा; 6 महीने में 31% गिरा शेयर
अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 2,520 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार (YOY) पर इसमें 14.13% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 2,208 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में संचालन से कंपनी का कॉसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 15% बढ़कर 7,964 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल तीसरी तिमाही में कंपनी ने 6,920 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। 6 महीने में 31% गिरा अडाणी पोर्ट्स का शेयर तिमाही नतीजों के बाद अडाणी पोर्ट्स का शेयर गुरुवार, 30 जनवरी को 2.09% गिरकर 1,074 के स्तर पर बंद हुआ। बीते 5 दिन में कंपनी का शेयर 2.69%, एक महीने में 11.86%, छह महीने में 30.54% और एक साल में 9.55% गिरा है। अडाणी पोर्ट्स एंड सेज का मार्केट कैप 2.33 लाख करोड़ रुपए है। देश का सबसे बड़ा पोर्ट्स ऑपरेटर है अडाणी पोर्ट्स अडाणी पोर्ट्स भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट पोर्ट्स ऑपरेटर और एंड-टु-एंड लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर है। इसके 13 पोर्ट्स और टर्मिनल देश की पोर्ट्स कैपेसिटी का करीब 24% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी कैपेसिटी 580 MMTPA से ज्यादा है। पहले इसका नाम गुजरात अडाणी पोर्ट्स लिमिटेड था। गौतम अडाणी ने 1998 में स्थापित की थी कंपनी अडाणी पोर्ट्स्स के फाउंडर और चेयरमैन गौतम अडाणी हैं। उन्होंने 1998 में इस कंपनी को स्थापित किया था। गौतण अडाणी के बेटे करण अडाणी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO अश्वनी गुप्ता हैं। कंपनी में 1900 से ज्यादा एम्प्लॉइज काम करते हैं। अडाणी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स्स की सब्सिडियरी है। ----------------------------------- अडाणी ग्रुप की अन्य कंपनियों के नतीजे भी देखें... तीसरी तिमाही में अडाणी पावर का मुनाफा 7.40% बढ़ा: ₹2940 करोड़ रहा, रेवेन्यू 5.23% बढ़कर 13,671 करोड़ रुपए; नतीजों के बाद 5% चढ़ा शेयर थर्मल पावर प्रोड्यूस करने वाली अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 2,940 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 7.40% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 2,738 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। ऑपरेशनल रेवेन्यू की बात करें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 13,671.18 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर इसमें 5.23% की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 12,991 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... अडाणी विल्मर का मुनाफा तीसरी तिमाही में दोगुना हुआ: ₹201 करोड़ से बढ़कर ₹411 करोड़ पहुंचा, रेवेन्यू 24% बढ़ा; 6 महीने में 25% गिरा शेयर अडाणी ग्रुप की FMCG कंपनी अडाणी विल्मर का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) 104% बढ़कर 411 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 201 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 15,859 करोड़ रुपए रहा। सालाना आधार पर इसमें 23.62% की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 12,828 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाले पैसे को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

तीसरी-तिमाही में अडाणी पोर्ट्स का मुनाफा 14% बढ़कर ₹2,520 करोड़: रेवेन्यू 15% बढ़कर ₹7,964 करोड़ रहा; 6 महीने में 31% गिरा शेयर
Kharchaa Pani
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीना कपूर, और नेहा गुप्ता, टीम नेटानागरी
परिचय
भारत के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर समूह अडाणी ग्रुप की सहायक कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने तीसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा की है। तिमाही में कंपनी का मुनाफा 14% बढ़कर ₹2,520 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि उसका कुल रेवेन्यू 15% बढ़कर ₹7,964 करोड़ रहा। हालांकि, पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 31% की गिरावट आई है।
मुनाफा और रेवेन्यू में वृद्धि
अडाणी पोर्ट्स की इस तिमाही की रिपोर्ट दर्शाती है कि कैसे कंपनी ने अपने कारोबार को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। मुनाफे में वृद्धि को मुख्य रूप से मजबूत टारिफ वृद्धि और समुद्री परिचालन में वृद्धि के चलते बताया गया है। कंपनी ने अपने विविध पोर्टफोलियो के माध्यम से विभिन्न सेवाओं को उत्कृष्ट तरीके से प्रदान किया है, जिसने उसे इस वृद्धि में सहायता प्रदान की है।
शेयर की गिरावट पर चिंतन
हालांकि, अच्छे परिणामों के बावजूद अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में निरंतर गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयर में 31% की गिरावट आई है। इससे निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार के हालात और अन्य वित्तीय चुनौतियाँ इस गिरावट का कारण बनी हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
कंपनी के प्रबंधन ने कहा है कि वे भविष्य में अपने बाजार हिस्सेदारी को और बढ़ाने और नई योजनाओं की शुरुआत के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले वर्षों में कंपनी के पास कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ हैं, जो उसके विकास में सहायक हो सकती हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनी अपने विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में सफल रहती है, तो यह शेयर बाजार में पुनः अपनी स्थिति को मजबूत कर सकती है।
निष्कर्ष
अडाणी पोर्ट्स की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि कंपनी ने अपने मुनाफे और रेवेन्यू में वृद्धि की है, लेकिन शेयर की गिरावट ने कुछ हद तक संतुलन बिगाड़ दिया है। आगे का समय देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी अपनी रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू कर पाती है या नहीं। निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निर्णयों को सोच-समझकर लें।
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