जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 3 लापता लोगों के शव मिले:आतंकवादियों पर हत्या का शक; भाजपा ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तीन लापता लोगों के शव बिलिवार की ऊपरी पहाड़ियों पर मिले। इनमें एक बच्चा भी शामिल है। सभी तीन दिन पहले आतंकवाद प्रभावित इलाके से लापता हुए थे। इनकी पहचान जोगेश सिंह (35 साल), दर्शन सिंह (40 साल) और वरुण सिंह (14 साल) के रूप में हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक तीनों 6 मार्च की रात करीब 8:30 बजे एक शादी में शामिल होने के लिए निकले थे। इसके बाद से ही गायब थे। इनमें से एक ने दो दिन पहले अपने परिवार से संपर्क किया था। उसने बताया था कि वे शादी से वापस आते समय जंगल में रास्ता भटक गए हैं। तलाश के लिए ड्रोन लगाए गए लापता लोगों का पता लगाने के लिए सेना और पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया। ऊपरी इलाकों में तलाश के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। करीब 60 घंटे की मशक्कत के बाद लोहाई मल्हार इलाके में पहाड़ी नाले के पास तीनों के शव बरामद हुए। सूत्रों के मुताबिक इस इलाके में आतंकवादी की मौजूदगी रहती है। पिछले दो सालों में यहां कई आतंकी हमले हुए हैं। पिछले महीने भी इस इलाके में दो लोगों के शव पाए गए थे। भाजपा विधायक सतीश शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। --------------------------------------- आतंकी घटना से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... कश्मीर हमले का चश्मदीद बोला- दो आतंकी शॉल ओढ़कर आए, मेस में खाना खा रहे मजदूरों को मारा जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर को हुए आतंकी हमले के चश्मदीद ने बताया कि 2 आतंकी शॉल ओढ़कर आए थे। उन्होंने हथियार छिपा रखे थे। मेस में मजदूर खाना खा रहे थे, तभी आतंकी वहां पहुंचे और उन्होंने मजदूरों पर फायरिंग की। आतंकियों ने मेस के अलावा 2 और जगहों पर फायरिंग की। पूरी खबर पढ़ें...

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 3 लापता लोगों के शव मिले: आतंकवादियों पर हत्या का शक; भाजपा ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था
Kharchaa Pani - जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में तीन लापता व्यक्तियों के शव मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब स्थानीय निवासियों ने शनिवार को शवों को एक सुनसान इलाके में 발견 किया। इस खौफनाक घटना को लेकर भाजपा ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है।
घटनास्थल और शवों की पहचान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। प्रारंभिक जांच में साफ हुआ है कि ये शव स्थानीय ग्रामीणों के हैं, जो पिछले कुछ दिनों से लापता थे। शवों की बरामदगी ने यह आशंका जताई है कि आतंकवादी इन विचाराधीन व्यक्तियों की हत्या में शामिल हो सकते हैं। स्थानीय पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और रिहायशी इलाकों में गस्त बढ़ा दी गई है।
भाजपा का विधानसभा में विरोध
इस घटना के बाद भाजपा के नेताओं ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया है। पार्टी ने मांग की है कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाए। भाजपा के प्रवक्ता सुनील शर्मा ने कहा, “कठुआ में हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।”
स्थिति की गंभीरता
कठुआ जिला, जो पहले भी आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है, अब इस हत्याकांड के बाद भय और चिंता के साया में है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें आशा थी कि सरकार और पुलिस मिलकर ऐसे मामलों पर नियंत्रण पाने में सफल होंगे।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद समुदाय में गहरा आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकार को आतंकवादियों से निपटने के लिए कठोर वैकल्पिक उपाय करने चाहिए। कई संगठनों ने शोक सभा का आयोजन किया है और हत्यारों को पकड़ने का सार्वजनिक आह्वान किया है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर का यह मामला केवल कठुआ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य में सुरक्षा की चिंता बढ़ाने वाला है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि आतंकवाद का संकट अब भी मौजूद है। सरकार और सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे इस समस्या का समाधान करें ताकि स्थानीय निवासियों में सुरक्षा का भावना बहाल हो सके।
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