चारधाम हेली सेवा पर रोक, हेलिकॉप्टर दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश

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Jun 17, 2025 - 19:18
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चारधाम हेली सेवा पर रोक, हेलिकॉप्टर दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश
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चारधाम हेली सेवा पर रोक, हेलिकॉप्टर दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश

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कम शब्दों में कहें तो, सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। हाल ही में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद यह निर्णय लिया गया है। उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले सभी हेली ऑपरेटरों और पायलटों के अनुभव की जांच की जाएगी। हेली सेवा पुनः शुरू करने से पहले सभी ऑपरेटरों के साथ एक बैठक की जाएगी।

राज्य के अंदर हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए अब देहरादून में एक नया "कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर" स्थापित किया जाएगा। इसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा और हेली ऑपरेटर कंपनियों के अधिकारी शामिल होंगे, जो उच्चतम स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने उत्तराखंड के गृह सचिव की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन करने का आदेश दिया है। इस समिति में डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग और एटीसी के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। समिति जन सुरक्षा के लिए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप भी तैयार करेगी। उनकी रिपोर्ट सितंबर से पहले प्रस्तुत की जाएगी।

दुर्घटना की जांच की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में हाल ही में हुए हेलीकॉप्टर हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की लापरवाही साबित हो, उन्हें चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य आम जन के जीवन का सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल उन पायलटों को उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में पर्याप्त अनुभव होगा। इस संदर्भ में, डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस को सख्ती से लागू किया जाएगा।

भविष्य की तैयारी और सुरक्षा उपाय

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि उच्च हिमालय क्षेत्रों में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरणों की तैनाती की जाए, ताकि मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने जिला प्रशासन से यह भी कहा कि दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारवालों से संपर्क किया जाए और उनके पार्थिव शरीर भेजने की व्यवस्था की जाए।

यह घटनाक्रम केवल एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह हवाई यातायात प्रणाली की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक गंभीर संकेत है। आने वाली जांच और सुधारात्मक कदमों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। सरकारी अधिकारियों की सक्रियता और प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता ही सुरक्षा उपायों में सुधार के लिए आवश्यक है।

विशेषज्ञों की राय

विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में तकनीकी अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों के प्रशिक्षण को और अधिक सख्त करने की आवश्यकता है। इस स्रोत से पायलट हर स्थिति से निपटने में सक्षम हो सकेंगे।

इससे पहले, वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा और डीजीसीए के महानिदेशक फैज अहमद किदवई ने भी बैठक में भाग लिया।

हमारी टीम “Kharchaa Pani” इस रिपोर्ट को लगातार अपडेट करती रहेगी। भविष्य के घटनाक्रमों पर नज़र रखने के लिए, हमारे साथ जुड़े रहें।

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