उत्तराखंड में ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना की पहल, CM धामी का महत्वपूर्ण कदम
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उत्तराखंड में ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना की पहल, CM धामी का महत्वपूर्ण कदम
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए राज्य में एक उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना का अनुरोध किया। यह पहल वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में की गई, जहां मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की जलवायु, जैव विविधता और साहसिक पर्यटन के संदर्भ में व्यापक अध्ययन करने का महत्व बताया। कम शब्दों में कहें तो, यह केंद्र न केवल पर्यावरण के अध्ययन में मदद करेगा बल्कि स्थानीय विकास को भी संजीवनी प्रदान करेगा।
ग्लेशियर अध्ययन का महत्व
ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना का एक प्रमुख लक्ष्य जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर गहन अध्ययन करना है, जो उत्तराखंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड के 80 प्रतिशत भू-भाग में पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण, यहाँ के ग्लेशियरों और बर्फ के पिघलने की दर स्थानीय जलवायु और जनजीवन पर सीधा असर डालती है। इस अध्ययन का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार-विमर्श करना और स्थानीय नीतियों में सुधार के अवसर खोजना है।
मुख्यमंत्री की दृष्टि
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के दौरान आने वाले वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ग्लेशियर अध्ययन के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण के लिए तकनीकी सहयोग की मांग की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की भी बात की, जिससे राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकें। राज्य की विशेष भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने केंद्र सरकार से नीतिगत लचीलापन की भी अपील की।
राज्य की डिजीटल नीति एवं आर्थिक विकास
मुख्यमंत्री धामी के अनुसार, उत्तराखंड की संभावनाओं को समझते हुए, संरक्षण और विकास के उचित उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राज्य की 71 प्रतिशत भूमि वनस्पतियों से ढकी हुई है, जो जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही, धामी ने 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में राज्य को प्रथम स्थान प्राप्त करने की जानकारी साझा की, जो राज्य के विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
आगे की राह
ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए उठाया गया यह कदम जलवायु परिवर्तन का सामना करने में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल स्थानीय समुदायों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा। क्या यह केंद्र उत्तराखंड में जलवायु के अध्ययन और प्रबंधन के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा? इस महत्वपूर्ण पहल पर हमें ध्यान देना होगा।
अंत में, हम आशा करते हैं कि इस प्रकार की पहलों से उत्तराखंड नई ऊंचाइयों को छू पाएगा और स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
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सादर,
टीम खरचा पानी, (भारतीय महिला नाम)
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