कोलकाता में रामनवमी रैली पर टारगेट हमला:बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का दावा- गाड़ियों पर पत्थर बरसाए गए, पुलिस ने कहा- परमिशन नहीं थी
पश्चिम बंगाल के BJP अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार ने रविवार को दावा किया कि कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में रामनवमी की रैली पर हमला हुआ। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर वीडियो शेयर कर मजूमदार ने लिखा- सिर्फ भगवा झंडा ले जाने पर गाड़ियों पर पत्थर बरसाए गए। शीशे ( विंडशील्ड) तोड़ दिए गए। अराजकता फैलाई गई। यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि टारगेट हिंसा थी। जवाब में कोलकाता पुलिस ने कहा- किसी भी जुलूस के लिए परमिशन नहीं ली गई थी। न ही इलाके में ऐसी कोई ऐसी गतिविधि हुई। गाड़ी को नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और स्थिति सामान्य है। जांच के लिए केस दर्ज किया जा रहा है। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। देशभर में रविवार को रामनवमी मनाई गई। यूपी, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में रामनवमी पर जुलूस निकाले गए। पश्चिम बंगाल में भाजपा और TMC की लगभग 2500 जुलूस निर्धारित थे। राज्य में 6 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। ड्रोन और CCTV से नजर रखी गई। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार की पोस्ट की 2 बड़ी बातें पश्चिम बंगाल से रामनवमी की तस्वीरें... पश्चिम बंगाल में हाईअलर्ट के बीच मनाई गई रामनवमी रामनवमी को लेकर पश्चिम बंगाल में हाईअलर्ट जारी किया गया था। बंगाल सरकार ने भी 9 अप्रैल तक पुलिसकर्मियों की छुटि्टयां रद्द कर दी थी। CM ममता बनर्जी ने सभी समुदाय के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतिम सरकार ने बताया कि हमें रामनवमी की आड़ में अशांति फैलाने की साजिश का खुफिया इनपुट मिला है। कोलकाता, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, पूर्व और पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, सिलिगुड़ी, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार में अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती गुरुवार से शुरू कर दी गई। इन जिलों में बीते दो दिन से हिंसा की छुटपुट घटनाएं हुई हैं। रामनवमी को लेकर सियासत तेज 7 साल से बंगाल में रामनवमी राजनीति का नया हथियार बन गया है। बीते दिनों मालदा के मोथाबाड़ी में रामनवमी रैली रिहर्सल के तौर पर निकाली गई, जिससे सांप्रदायिक तनाव हुआ। पुलिस ने भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी को मौके पर नहीं जाने दिया। विहिप ने एक लाख श्रीराम महोत्सव आयोजन का ऐलान किया। शुभेंदु ने नंदीग्राम में अयोध्या की तर्ज पर एक विशाल राम मंदिर बनाने का ऐलान कर दिया है। इसकी आधारशिला वे रामनवमी को रखेंगे। भाजपा ने भी चेतावनी दी है कि यदि रैलियों पर हमले हुए तो हिंदू चुप नहीं बैठेंगे। जवाबी हमले करेंगे। विहिप के पूर्वी क्षेत्र के सचिव अमिय सरकार ने भास्कर को बताया कि रामनवमी पर पूरे बंगाल में दो हजार रैलियां निकालेंगे। इसमें 5 लाख तक लोग आएंगे। राज्य में पिछले 2 सालों में हुई रामनवमी जुलूस में हिंसा हिंदू सेना ने 'श्री राम राज्य विजय संकल्प' यात्रा शुरू की ---------------------------- पश्चिम बंगाल में रामनवमी विवाद को लेकर ये ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें... रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में BJP-TMC आमने-सामने:BJP बोली- 1 करोड़ हिंदू सड़कों पर उतरेंगे, TMC ने कहा- ये दंगे कराने आए हैं पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में रामनवमी को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठन 6 अप्रैल को रामनवमी पर हर विधानसभा में शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें BJP का समर्थन भी हासिल है। TMC के कार्यकर्ता भी शोभायात्रा निकालने जा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

कोलकाता में रामनवमी रैली पर टारगेट हमला
Kharchaa Pani
लेखिका: सृष्टि झा, टीम नेतनागरी
परिचय
कोलकाता में हाल ही में आयोजित रामनवमी रैली पर हुए टारगेट हमले ने स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया है कि रैली में शामिल लोगों की गाड़ियों पर पत्थरबाजी की गई। वहीं, पुलिस का दावा है कि रैली की अनुमति नहीं थी। यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है, और हर किसी की निगाहें अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
घटना का विवरण
सोमवार को, कोलकाता में रामनवमी की रैली में शामिल लोगों पर अचानक हमला हुआ। सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने गाड़ियों पर पत्थर फेंके, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। यह रैली शहर के विभिन्न हिस्सों से निकल रही थी, और एकजुटता का प्रतीक मानी जा रही थी। मजूमदार ने कहा, "यह हमला हमारी धार्मिक भावनाओं पर सीधा आक्रमण है।"
पुलिस का बयान
वहीं, पुलिस ने बयान दिया है कि रैली के आयोजकों ने कोई अनुमति नहीं ली थी। पुलिस आयुक्त ने कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार, रैली बिना अनुमति के आयोजित की जा रही थी। ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में रखना हमारे लिए आवश्यक था।" यह बयान उन लोगों के लिए सवाल उठाता है जो रैली की अनुमति न होने के दृष्टिकोण को लेकर चिंतित थे।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने राज्य के राजनीतिक माहौल को और कड़ा कर दिया है। स्थानीय निवासियों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना राज्य में बढ़ती राजनीतिक विभाजन को दर्शाती है। कई लोगों ने इसे धार्मिक संघर्ष के रूप में भी देखा है। पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को लेकर विभिन्न दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की होड़ शुरू हो गई है।
निष्कर्ष
कोलकाता में रामनवमी रैली पर हुए हमले ने एक बार फिर राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। यह घटना न केवल सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठाती है, बल्कि बेरोक-टोक धार्मिक रैलियों की अनुमति को लेकर भी चिंता पैदा करती है। देखते हैं कि इस मामले पर अगली कार्रवाई क्या होती है। आगे की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। खर्चा पानी पर और अपडेट के लिए पढ़ें।
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