कर्नाटक में क्लास 2 की लड़की से छेड़छाड़:बॉथरूम में ले गए, जबरदस्ती कपड़े उतरवाए; प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई
कर्नाटक के मांड्या में 8 साल की लड़की से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। दोनों आरोपी साथ में पढ़ते हैं। वे पहले लड़की को स्कूल के बॉथरूम में ले गए। धमकाकर लड़की के कपड़े उतरवाए। फिर उसके प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई। घटना 31 जनवरी की है लेकिन मामला रविवार को सामने आया। जब लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एक आरोपी क्लासमेट, दूसरा सीनियर एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पीड़ित नाबालिग क्लास 2 में पढ़ती है। एक आरोपी उसका क्लासमेट है वहीं दूसरा अन्य क्लास का है। लड़की ने आरोप लगाया कि आरोपी छात्रों ने उसे घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी, लेकिन बाद में उसने अपनी मां को इस बारे में बताया। पुलिस बोली- पीड़ित के बयान में अंतर मांड्या SP मल्लिकार्जुन बालादंडी ने बताया कि लड़की के बयान के आधार पर दोनों लड़कों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस स्कूल कैंपस में लगे CCTV फुटेज की जांच कर रही है। हालांकि, पुलिस ने बताया कि लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में उसके प्राइवेट पार्ट पर ऐसी कोई चोट नहीं पाई गई है। लड़कों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। SP ने कहा, हम फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं और लड़की द्वारा दिए गए बयान की जांच कर रहे हैं। उसके बयान में कुछ विरोधाभास हैं। भाजपा की मांग- अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घटना की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो गई है और नाबालिगों से बलात्कार, महिलाओं पर हमला तथा दिनदहाड़े डकैती की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने मांग की कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ये खबर भी पढ़ें... तमिलनाडु के स्कूल में दलित बच्चों से टॉयलेट साफ करवाया; प्रिंसिपल बर्खास्त तमिलनाडु में 12 जनवरी को पलाकोडु के एक स्कूल का वीडियो सामने आया था। जिसमें छात्राओं को वॉशरूम साफ करते देखा गया। वीडियो में स्कूल यूनिफॉर्म में छात्राएं झाड़ू लगाती नजर आ रही थी। दावा किया गया कि सफाई करने वाले सभी स्टूडेंट दलित समुदाय के थे। मामला बढ़ने पर डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर ने स्कूल के प्रिंसिपल को बर्खास्त कर दिया था। पढ़ें पूरी खबर...

कर्नाटक में क्लास 2 की लड़की से छेड़छाड़: बॉथरूम में ले गए, जबरदस्ती कपड़े उतरवाए; प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई
Kharchaa Pani
लेखकों की टीम: नीतू शर्मा, सुमन गुप्ता, बेला रानी
परिचय
कर्नाटक के एक स्कूल में क्लास 2 की एक छोटी बच्ची के साथ घिनौनी घटना घटित हुई है, जिसने न केवल बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में व्यापक चर्चा भी शुरू कर दी है। इस घटना में कुछ लोग बच्ची को जबरदस्ती बाथरूम में ले गए और उसके कपड़े उतारने का प्रयास किया। इस समाचार ने सभी को हैरान कर दिया है और पीड़ित बच्ची और उसके परिवार पर गहरा असर डाला है।
घटनास्थल और समय
घटना कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित एक सरकारी स्कूल में हुई, जब बच्ची स्कूल के बाथरूम में गई थी। वहां आरोपियों ने उसे घेर लिया और उसके साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। यह घटना उस समय हुई जब स्कूल में कोई अन्य शिक्षक या कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था। जिससे आरोपियों को अपने कृत्य को अंजाम देने का मौका मिल गया।
क्या हुआ?
मौके पर मौजूद आरोपियों ने बच्ची को उसके सिर पर चोट पहुंचाई और उसे डरा धमकाकर उसके कपड़े उतरवाने का प्रयास किया। घटना के बाद बच्ची ने अपनी मां को पूरी बात बताई, जिसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और लोग सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की। आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गईं। पुलिस ने मामले को बाल यौन उत्पीड़न के तहत रजिस्टर किया है और अनुसंधान जारी है। पूरे मामले ने न केवल स्थानीय नागरिकों, बल्कि सामाजिक संगठनों को भी चिंतित कर दिया है।
समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना के खिलाफ कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त बनाने की मांग की। कई माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और स्कूल प्रबंधन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। बच्चे अब पहले से अधिक सतर्क हैं और उन्हें अपने आस-पास के लोगों पर विश्वास करने में कठिनाई हो रही है।
निष्कर्ष
कर्नाटक में इस घ horrific incident ने न केवल पीड़ित बच्ची के परिवार को दुख पहुंचाया है, बल्कि पूरे समाज को एक गंभीर विचार में डाल दिया है। बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए हम सभी को जागरूक होना चाहिए। यह घटना यह दिखाती है कि हमें अपने बच्चों को सही तरीके से सुरक्षित और संरक्षित रखने की आवश्यकता है।
इस घटना से सिखने लायक यह भी है कि समाज को एकजुट होकर ऐसे मामलों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। बच्चों की भलाई के लिए हमें शिक्षा, समर्थन और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना अनिवार्य है।
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