कनाडा में PM की रेस में भारतवंशी रूबी ढल्ला:ऑपरेशन ब्लूस्टार पर इंदिरा गांधी को चिट्ठी लिखी थी, अब अप्रवासियों को निकालने का वादा किया
कनाडा के प्रधानमंत्री बनने की रेस में अब भारतीय मूल की रूबी ढल्ला भी शामिल हो गई हैं। रूबी ने 22 जनवरी को जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने के लिए आधिकारिक तौर पर दावेदारी पेश की थी। लिबरल पार्टी ने सोमवार को उन्हें चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी। अगर रूबी ढल्ला, जस्टिन ट्रूडो की जगह चुनी जाती हैं तो वह वह कनाडा की पहली अश्वेत महिला प्रधानमंत्री बन जाएंगी। रूबी ने मंगलवार को घोषणा कर कहा कि अगर वह चुनी गईं तो अवैध अप्रवासियों को देश से निकाल बाहर करेंगी। रूबी ढल्ला तीन बार की सांसद, बिजनेसवुमन और एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में मॉडलिंग भी की है। वह जब सिर्फ 10 साल थीं तो उन्होंने साल 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार और पंजाब के हालात को लेकर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। इंदिरा गांधी ने इस चिट्ठी का जवाब भी दिया। उन्होंने इस चिट्ठी का जिक्र एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया और रूबी को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। हालांकि इसके कुछ समय बाद ही इंदिरा की उनके अंगरक्षकों ने गोलीमार हत्या कर दी थी। लिबरल पार्टी से PM उम्मीदवार की मंजूरी मिलने के बाद ढल्ला ने कहा- मैं कनाडा के लोगों के लिए खड़े होने और कनाडा के लिए लड़ने के लिए उत्सुक हूं। एक नेता के रूप में मैं पार्टी को वापस पार्टी सदस्यों के हाथों में लेकर आऊंगी और कनाडाई लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान के साथ सबके साथ खड़ी रहूंगी। उन्होंने X पर कहा- कनाडा में 5 लाख से ज्यादा अवैध अप्रवासी रह रहे हैं। यह बिल्कुल सही नहीं है। अप्रवासी के बेटी होने की वजह से मुझे पता है कि उनका देश के विकास में क्या योगदान है। लेकिन हमें देश में अवैध अप्रवासियों के आने और मानव तस्करी पर रोक लगाने की जरूरत है। मैं आपसे वादा करती हूं कि एक प्रधानमंत्री के तौर पर मैं अवैध अप्रवासियों को चुन-चुनकर उनके देश भेजूंगी। 14 साल से लिबरल पार्टी के साथ कर रही काम रूबी 14 की उम्र से लिबरल पार्टी के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने के बाद ‘कनाडा की वापसी अब शुरू होती है का नारा दिया है।’ हिंदी में बोलते हुए, उन्होंने कहा, "जितने भी हमारे कनाडा में मुख्य व्यवसाय लोग हैं, श्रमिक हैं, उनको भी एक अवसर मिलना चाहिए कि वो बाकी देशों के साथ काम कर सकें।" रूबी का मानना है कि उनके नेतृत्व में कनाडा चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकता है। उन्होंने देश में लगातार बढ़ रहे हाउसिंग कॉस्ट, क्राइम रेट, फूड प्राइस और अमेरिका की तरफ से मिल रही टैरिफ की धमकियों का मुद्दा उठाया है। भारत-कनाडा संबंधों के बारे में, ढल्ला ने कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को देखते हुए संबंधों को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि कनाडा को अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सहित अन्य देशों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशनी चाहिए। रूबी पर अपने घर में काम करने वाले दो घरेलू कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लग चुका है। इस आरोप के बाद उन्हें 2009 में पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। हालांकि, ढल्ला ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है। PM पद के लिए रेस में 5 और उम्मीदवार लिबरल पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए रूबी ढल्ला के अलावा 5 और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। इनमें पूर्व बैंकर मार्क कार्नी, पूर्व वित्त मंत्री और उप-प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जैमे बैटिस्ते, करीना गोल्ड और फ्रैंक बेलिस शामिल हैं। इससे पहले दो और भारतवंशी उम्मीदवारों ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने की इच्छा जताई थी। इसमें नेपियन सांसद चंद्र आर्य ने कहा सोमवार को कहा कि उन्हें पार्टी ने प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में मौजूद राजशाही व्यवस्था को खत्म करने की बात कही थी। वहीं, एक और भारतवंशी नेता अनीता आनंद ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद की रेस से अपना नाम पीछे कर लिया है। साथ ही इस साल होने वाले चुनाव में लड़ने से भी मना कर दिया है। ......................................... कनाडा से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... कनाडा के PM ट्रूडो का इस्तीफा:कहा- मैं अगले चुनाव के लिए अच्छा विकल्प नहीं; पार्टी सांसदों की तरफ से पद छोड़ने का दबाव था कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी का नेता पद भी छोड़ दिया है। इस्तीफे से पहले उन्होंने देश को संबोधित किया। ट्रूडो ने कहा कि वे अगले चुनाव के लिए अच्छा विकल्प नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, 'अगर मुझे घर में लड़ाई लड़नी पड़ेगी, तो आने वाले चुनाव में सबसे बेहतर विकल्प नहीं बन पाऊंगा।' उन्होंने खुद को एक फाइटर बताया। कहा कि मुझे कनाडाई लोगों की बहुत परवाह है। मैं हमेशा कनाडा के लोगों की भलाई के लिए काम करता रहूंगा। पूरी खबर यहां पढ़ें...

कनाडा में PM की रेस में भारतवंशी रूबी ढल्ला: ऑपरेशन ब्लूस्टार पर इंदिरा गांधी को चिट्ठी लिखी थी, अब अप्रवासियों को निकालने का वादा किया
Kharchaa Pani
इस लेख को लिखा है: अनुजा शर्मा, नीतू मेहता, और प्रिया कश्यप, टीम नेतानागरी
परिचय
कनाडा में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में एक नया नाम सामने आया है। भारतवंशी सांसद रूबी ढल्ला, जो भारतीय राजनीति से गहरे जुड़े हुए हैं, ने अपने पिछले अनुभव और संघर्ष को साझा करते हुए अप्रवासियों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है। इस लेख में हम रूबी ढल्ला का परिचय, उनके द्वारा इंदिरा गांधी को लिखी गई चिट्ठी, और उनके भविष्य के वादों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
रूबी ढल्ला का राजनीतिक सफर
रूबी ढल्ला का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन वह अपने परिवार के साथ कनाडा में बस गईं। उनकी शिक्षा और राजनीतिक जागरूकता ने उन्हें दिखाई दी कि कैसे अप्रवासी समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता देना आवश्यक है। वह राजनीति में कदम रखने से पहले कई सामाजिक कार्यों में शामिल रहीं। कई बार उन्होंने भारतीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किया है।
ऑपरेशन ब्लूस्टार पर इंदिरा गांधी को चिट्ठी
रूबी ढल्ला की पहचान ऑपरेशन ब्लूस्टार पर इंदिरा गांधी को लिखी गई चिट्ठी से भी मिली है। इस चिट्ठी में उन्होंने 1984 के दंगों के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की थी और सभी को इंसाफ दिलाने की मांग की थी। यह चिट्ठी उस समय के मेल-मिलाप के प्रतीक के रूप में सामने आई है और उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान माना है।
अप्रवासियों को सुरक्षित निकालने का वादा
अब, कनाडा में उनके प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जताते हुए, रूबी ने विशेष रूप से अप्रवासी समुदाय के लिए अपने वादे किए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि वह पीएम बनती हैं, तो वह उन सभी अप्रवासियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी जो मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। उनका लक्ष्य होगा कि नई नीतियों के माध्यम से अधिक से अधिक रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समाज में बदलाव लाने की इच्छा
रूबी ढल्ला का मानना है कि संस्कृति और विविधता ही कनाडा की ताकत हैं। इसलिए, उन्होंने कहा है कि उन्हें इस समुदाय के लिए एक मजबूत आवाज बनना है। उनका लक्षय है कि वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करें, विशेषकर उनके लिए जो अभी भी अपनी खोज में हैं।
निष्कर्ष
रूबी ढल्ला का कनाडा के पीएम की दौड़ में नाम आना निश्चित ही एक नया मोड़ है। उनके विजय हासिल करने पर अप्रवासी समुदाय को बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने अपनी यात्रा के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का वादा किया है। देखते हैं कि क्या वह अपने शब्दों को वास्तविकता में बदल पाएंगी।
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