उत्तराखंड: नकल के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी, सीएम का सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अंतर्गत आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में कथित नकल संबंधी आरोपों पर शासन, प्रशासन सख्ती से कार्यवाही कर रहा है, एवं नकल संबंधी आरोपों की गंभीरता … read more

उत्तराखंड: नकल के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी, सीएम का सख्त एक्शन
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 के नकल मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया है। यह कदम उन विवादास्पद आरोपों के बाद उठाया गया है, जो परीक्षा में कथित नकल की प्रथा को लेकर उठाए गए थे।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा में नकल के आरोपों ने राज्य में एक नई बहस छेड़ दी है। सरकार और प्रशासन अब इस मामले पर कठोर कार्रवाई कर रहे हैं। इस संबंध में, मुख्यमंत्री धामी ने 24 सितंबर 2025 को एसआईटी का गठन किया, जो इस विषय की गंभीरता को समझते हुए संदिग्ध गतिविधियों की जांच करने का कार्य करेगी।
विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) की गतिविधियां
एसआईटी ने अपनी जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इस टीम ने 27 सितंबर 2025 को हरिद्वार जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें प्रतियोगी अभ्यर्थी और उनके अभिभावक उपस्थित रह सकेंगे। इसी प्रकार, 29 सितंबर 2025 को टिहरी गढ़वाल जिले के कलेक्टर सभागार में भी एक संवाद बैठक का आयोजन होगा। हरेक बैठक में अभ्यर्थी अपनी शंकाएँ, प्रश्न और किसी भी सूचना को साझा कर सकेंगे।
इन बैठकों का उद्देश्य न केवल प्रतियोगियों को अपने सवालों के जवाब पाने का अवसर प्रदान करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि जिन छात्रों के लिए यह परीक्षा महत्वपूर्ण है, वे अपनी शंकाओं पर चर्चा कर सकें। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पारदर्शिता और समग्रता को बढ़ावा मिलेगा।
प्रशासन की जिम्मेदारी और जांच के तरीके
इस वक्त उत्तराखंड डिजिटलीकरण की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। एसआईटी द्वारा जांच करते समय तकनीकी साक्ष्यों का उपयोग किया जाएगा, जिससे संबंधित अभ्यर्थियों की गतिविधियों का विश्लेषण संभव हो सके। नकल के मामलों की गंभीरता को समझते हुए, ये उपाय एक सकारात्मक दिशा में हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि नकल की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी संलिप्त पाए जाएंगे उन्हें गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। उनका वक्तव्य यह संकेत करता है कि राज्य सरकार इस मामले को हल्के में नहीं लेगी। उन्होंने इससे पहले भी संकल्प लिया था कि शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इस मामले में राज्य के नागरिकों को आश्वस्त करने के लिए, एसआईटी द्वारा हर कदम पर अपडेट दिए जाने की बात कही गई है। यह प्रशासन का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य लोगों की आशंकाओं को खत्म करना और न्याय सुनिश्चित करना है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में नकल के मामलों की बढ़ती चिंताओं को देखते हुए एसआईटी का गठन एक आवश्यक और सही कदम साबित हो सकता है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस जांच के माध्यम से न केवल दोषियों को सजा मिलेगी, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
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Team Kharchaa Pani
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