उत्तराखंड एवलांच- 50 मजदूर निकाले गए, इनमें 4 की मौत:तीसरे दिन 4 की तलाश जारी, एक हादसे से पहले बिना बताए घर गया था

उत्तराखंड के चमोली एवलांच में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। आज हादसे के तीसरे दिन खराब मौसम के बीच 4 लोगों की तलाश जारी है। दूसरे दिन शनिवार को 17 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया। इससे पहले शुक्रवार को 33 लोगों को बचाया गया था। इनमें गंभीर रूप से घायल 4 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। शनिवार तक 5 मजदूर लापता थे। लेकिन इनमें से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा का रहने वाला सुनील कुमार अपने घर पहुंच गया है। दरअसल, हादसे से पहले ही सुनील बिना बताए कैंप से चला गया था। अब परिवार ने बताया कि सुनील घर सुरक्षित पहुंच गया है। हादसा चमोली के माणा गांव के नजदीक 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे हुआ। मोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के 55 मजदूर कंटेनर हाउस में रुके थे, तभी बर्फ का पहाड़ खिसक गया। सभी मजदूर इसकी चपेट में आ गए। रेस्क्यू में सेना के 4 हेलिकॉप्टर के अलावा ITBP, BRO, SDRF और NDRF के 200 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं। माणा तिब्बत सीमा पर भारत का आखिरी गांव फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश के हादसे में जो 55 मजदूर फंसे थे, उनमें बिहार के 11, उत्तर प्रदेश के 11, उत्तराखंड के 11, हिमाचल प्रदेश के 7, जम्मू-कश्मीर के 1 और पंजाब के 1 मजदूर शामिल है। 13 मजदूरों का पता और मोबाइल नंबर नहीं है। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन शनिवार को सुबह घटनास्थल का दौरा किया और मजदूरों से मुलाकात की। इससे पहले CM से प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। घायलों को सिर में गंभीर चोटें ITBP कमांडेंट विजय कुमार पी ने कहा कि जिन मजदूरों की हालत गंभीर रही, उन्हें गंभीर हेड इंजरी थी। 25 से ज्यादा घायलों का जोशीमठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, शनिवार को चमोली विधायक लखपत बुटोला घायलों का हालचाल लेने आर्मी हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की। इसी अस्पताल में माणा से रेस्क्यू किए गए घायल मजदूरों का रेस्क्यू किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें... हादसे में फंसे 55 लोगों की लिस्ट... सफोकेशन और हाइपोथर्मिया फ्रैक्चर की संभावना बड़ा सवाल यह है कि बर्फ में दबे मजदूर कितनी देर तक जिंदा रह सकते हैं। चीफ कंसलटेंट सर्जन राजीव शर्मा ने बताया कि बर्फ में दबे होने से सफोकेशन के कारण मौत होती है। हाइपोथर्मिया फ्रैक्चर भी मौत का कारण बनता है। ज्यादा देर तक बर्फ में दबे रहने से जान जा सकती है। मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हिमाचल में 583 सड़कें, 5 नेशनल हाईवे बंद; जम्मू-कश्मीर में नदियों का लेवल 3-4 फीट बढ़ा देश के पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और बर्फबारी जारी है। अगले हफ्ते के बाद भी बारिश-बर्फबारी जारी रहने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में 2 फीट से ज्यादा बर्फबारी हुई है। राज्य की 583 सड़कें और 5 नेशनल हाईवे बंद हैं। जम्मू-कश्मीर में भी बर्फबारी हुई। खराब मौसम की वजह से जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्कूलों में विंटर वेकेशन छह दिनों के लिए बढ़ा दिया है। पूरी खबर पढ़ें...

Mar 2, 2025 - 02:34
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उत्तराखंड एवलांच- 50 मजदूर निकाले गए, इनमें 4 की मौत:तीसरे दिन 4 की तलाश जारी, एक हादसे से पहले बिना बताए घर गया था

उत्तराखंड एवलांच- 50 मजदूर निकाले गए, इनमें 4 की मौत: तीसरे दिन 4 की तलाश जारी, एक हादसे से पहले बिना बताए घर गया था

Kharchaa Pani - उत्तराखंड में हाल ही में हुए एवलांच ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भारी बर्फबारी के कारण 50 से अधिक मजदूर फंस गए थे, जिनमें से चार की जान चली गई। यह घटना मंगलवार को हुई और अब तीसरे दिन तक बचाव कार्य जारी है।

घटना का संक्षिप्त विवरण

उत्तराखंड का बर्फीला इलाका, जहां हाल ही में भारी बर्फबारी हुई थी, में अचानक एवलांच आने से श्रमिकों का जीवन संकट में आ गया। प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। जानकारी के अनुसार, इनमें से कुछ लोग काम के सिलसिले में वहां पहुंचे थे। हालांकि, यह भी जानकारी मिली है कि एक मजदूर तो एवलांच के दिन ही घर लौट गया था, जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

बचाव कार्य की स्थिति

बचाव दल ने प्राथमिकता के साथ उन श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जो एवलांच की चपेट में आए। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन दुखद बात यह है कि चार की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन के अनुसार, अब भी चार मजदूरों की तलाश जारी है। मौसम की खराबी और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।

सरकार की पहल

उत्तराखंड सरकार ने एवलांच पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और सभी जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने की बात भी की गई है।

बचाव कार्य में चुनौती

बचाव कार्य करते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बर्फ की मोटी परत और रात की ठंड ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया है। बचाव दल हर संभव उपाय कर रहा है, लेकिन बर्फबारी और कड़क ठंड में राहत पहुंचाना एक बड़ा टास्क बन गया है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड एवलांच की यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है। सुरक्षा मानकों का पालन न करने की वजह से कई जिंदगियां चली गईं। प्रशासन जल्द से जल्द एसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही अंतिम चार मजदूरों को भी सुरक्षित निकाला जाएगा।

टीम: नेटा नागरी

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