इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो से मिले PM मोदी:हैदराबाद हाउस में गर्मजोशी से हाथ मिलाया; राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बैठक की। बैठक से पहले PM मोदी ने प्रबोवो का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए। बैठक के बाद अपने संबोधन में PM मोदी ने कहा कि, "इंडोनेशिया भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि देश था। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि जब हम गणतंत्र के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो इंडोनेशिया एक बार फिर इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा है। मैं राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत में स्वागत करता हूं।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को और मजबूत करेगी। जायसवाल ने इसे भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के एक महत्वपूर्ण साझेदार के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने वाला कदम बताया। राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर स्वागत राष्ट्रपति प्रबोवो शनिवार सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उनका गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया गया। प्रबोवो ने यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ रक्षा और व्यापार सहयोग बढ़ाने पर बात हुई। इस दौरान प्रबोवो ने कहा, इंडोनेशिया भारत को बहुत अच्छा दोस्त मानता है। भारत उन पहले देशों में से एक था, शायद पहला देश जिसने हमारी स्वतंत्रता को मान्यता दी, स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष में हमारा समर्थन किया, हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत ने हमारी मदद के लिए क्या किया। राष्ट्रपति प्रबोवो ने भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग और साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने की खुशी जताते हुए प्रबोवो ने दो गुना सम्मानित महसूस करने की बात कही। राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो ने आज सुबह राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बापू की समाधि पर फूल चढ़ाए और स्वागत डायरी में अपना संदेश भी लिखा। सुबियांतो के साथ विदेश मामलों के राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा भी थे। ------------------------------ इंडोनेशिया से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... इस्लामिक देश इंडोनेशिया BRICS का 10वां मेंबर बना:ब्राजील ने किया ऐलान; सऊदी अरब एक साल बाद भी शामिल नहीं दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया BRICS का स्थायी सदस्य बन गया है। 2025 में BRICS की अध्यक्षता करने जा रहे ब्राजील ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। जवाब में इंडोनेशिया सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो से मिले PM मोदी: हैदराबाद हाउस में गर्मजोशी से हाथ मिलाया; राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत
कम शब्दों में कहें तो, पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो का हालिया मुलाकात ने भारत-इंडोनेशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की एक नई दिशा दी है।
मुलाकात का महत्व
दिल्ली में हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो का मिलन, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उन्हें गर्मजोशी से हाथ मिलाकर स्वागत किया। यह न केवल औपचारिकता थी, बल्कि एक सकारात्मक राजनीतिक संकेत भी था कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
गौरवमयी स्वागत
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रबोवो का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर से किया गया। यह विशेष समारोह, जो परंपराओं और शिष्टाचार का प्रतीक था, ने भारतीय और इंडोनेशियाई संस्कृति के बीच की करीबी दोस्ती को दर्शाया।
द्विपक्षीय चर्चा
इस मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा सहयोग, और संस्कृति के क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की। भारत और इंडोनिशिया के बीच व्यापारिक संबंधों को और विस्तार देने के लिए कई संभावनाओं पर चर्चा हुई। अधिकारियों का कहना है कि इस सम्मेलन से न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक सहयोग में भी मजबूती आएगी।
संस्कृति के माध्यम से एकता
भारतीय संस्कृति और इंडोनेशियाई संस्कृति में कई समानताएँ हैं। इस नाते, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भी विचार विमर्श किए गए। इससे न सिर्फ आपसी समझ बढ़ेगी बल्कि सामाजिक संबंध भी मजबूत होंगे।
निष्कर्ष
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो और पीएम मोदी के बीच हुई ये चर्चाएँ, भविष्य के लिए उम्मीद का एक नया आदान-प्रदान है। दोनों देशों के बीच में गहरे दोस्ताना संबंधों की स्थापना की ओर एक बड़ा कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत और इंडोनेशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया की सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अलावा, ऐसे कार्यक्रम भारतीय विदेश नीति के उद्देश्य को दर्शाते हैं, जिसमें विकास और सुरक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक समर्पण भी शामिल है। संसद में चर्चा के दौरान भी इस मुलाकात की सराहना की गई। ऐसे और भी समाचारों के लिए, kharchaapani.com पर जाएं।
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