आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी:ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली; हर साल 60 हजार रिटायर हो रहे, भर्ती 40 हजार सालाना

भारतीय सेना में एक लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी दी है। इस समय सेना की कुल संख्या 12.48 लाख है जबकि एक लाख से ज्यादा पर खाली हैं। इनमें से 92,410 पद जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और नॉन-कमीशंड ऑफिसर (NCO) के हैं। यह करीब 7.72% की कमी को दर्शाता है। 1 अक्टूबर, 2024 तक सेना में स्वीकृत पद 11,97,520 के मुकाबले 11,05,110 पद भरे थे। इसके अलावा 16.71% ऑफिसर्स की भी कमी है। 1 जुलाई, 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार सेना में 42,095 ऑफिसर (मेडिकल कोर, डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस को छोड़कर) हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 50,538 है। कोविड में 2 साल बंद रही भर्ती सेना से हर साल करीब 60 हजार सैनिक रिटायर हो जाते हैं। कोविड के दौरान दो साल सैनिक भर्ती बंद रही। इस वजह से सेना में सीधे तौर पर 1.20 लाख सैनिकों की कमी हो गई। 2022 में अग्निपथ स्कीम शुरू होने बाद हर साल करीब 40 हजार अग्निवीर सैनिक ही भर्ती हो रहे हैं। इस वजह से कोविड के दौरान बंद हुई भर्ती की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। मंत्रालय बोला- अग्निपथ स्कीम से कमी जल्द पूरी होगी इस कमी दूर करने पर मंत्रालय का कहना है कि जैसे-जैसे अग्निपथ स्कीम आगे बढ़ेगी, सैनिकों की कमी पूरी हो जाएगी। वहीं, ऑफिसर्स के खाली पद भरने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और भर्ती प्रक्रिया में सुधार किया गया है। सैनिक भर्ती में उम्मीदवारों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (SSB) के इंटरव्यू में शामिल न हो पाने वालों को दूसरा मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा SSB बैच को दोगुना करने और मेडिकल जांच में लगने वाले आठ से दस दिन का समय घटाकर दो से तीन दिन कर दिया गया है। वहीं, अधिकारियों की वैकेंसी हर साल एग्जिट और वेस्टेज के आधार पर निकाली जाती है। अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में भी सुधार किया गया है। वर्किंग सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए चेन्नई में ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में नई ट्रेनिंग विंग शुरू की गई है। इसके अलावा टेक्निकल एंट्री स्कीम (10+2 TES) को 3+1 साल के मॉडल में बदला गया है। इससे ट्रेनिंग पीरियड में एक साल कम हुआ है।

Apr 15, 2025 - 03:34
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आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी:ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली; हर साल 60 हजार रिटायर हो रहे, भर्ती 40 हजार सालाना

आर्मी में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी: ऑफिसर रैंक के 16.71% पद खाली

Kharchaa Pani

लेखिका: सुषमा गुप्ता, टीम नेतानागरी

संक्षिप्त परिचय

भारतीय सेना के लिए यह एक चिंता का विषय है। आर्मी में वर्तमान में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी है। ऑफिसर रैंक के लगभग 16.71 प्रतिशत पद खाली हैं। इस मामले की गंभीरता यह है कि हर साल लगभग 60 हजार सैनिक रिटायर हो रहे हैं, जबकि भर्ती की संख्या केवल 40 हजार रह गई है।

मौजूदा स्थिति

भारतीय सेना में कमी का आंकड़ा चिंताजनक है। ऑफिसर रैंक के पदों में यह कमी सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर, 1 लाख 20 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। यह संख्या और तेजी से बढ़ रही है। युवा पीढ़ी में सैन्य सेवा के प्रति रुचि में कमी आ रही है, जिसके परिणामस्वरूप भर्ती में गिरावट हो रही है।

भर्ती की प्रक्रिया

भारतीय सेना में भर्ती के लिए जो प्रक्रियाएँ अपनाई जा रही हैं, उनमें सुधार की आवश्यकता है। जहां एक ओर हर साल 60 हजार से ज्यादा सैनिक रिटायर होते हैं, वहीं प्रति वर्ष केवल 40 हजार सैनिकों की भर्ती हो रही है। यह असंतुलन स्थिति को और भी जटिल बना रहा है। सेना ने विभिन्न अडवांस टैक्नोलॉजी और प्रशिक्षण में निवेश किया है, लेकिन सिपाही की कमी को दूर करने के लिए नए भर्ती कार्यक्रमों की आवश्यकता है।

भविष्य की चुनौतियाँ

सैनिकों की कमी के साथ-साथ, सेना को भविष्य में कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सुरक्षा के मुद्दे, सीमा पर तनाव, और अद्यतन तकनीकी आवश्यकताएँ, ये सभी पहलू सेना की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इस कमी से ध्यान हटाने के लिए, सेना को नए तरीके अपनाने होंगे, जैसे कि अधिक पैकेज और लाभ, जिससे युवा पीढ़ी को आकर्षित किया जा सके।

निष्कर्ष

भारतीय सेना में 1 लाख से ज्यादा सैनिकों की कमी एक गंभीर समस्या है। सही दिशा में उठाए गए कदम, भर्ती प्रक्रिया में सुधार, और युवा पीढ़ी के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने से इस समस्या का समाधान संभव है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भारत की सुरक्षा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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