अमेरिकी एक्सपर्ट की चेतावनी के बाद भारतीय बाजार भी टूटा:जिम क्रैमर ने कहा था- 'ब्लैक मंडे' आ रहा है; शाम को खुलेगा यूएस मार्केट
फाइनेंशियल कॉमेंटेटर और सीएनबीसी के शो मैड मनी के होस्ट जिम क्रैमर की चेतावनी के बाद भारतीय बाजार 4% गिरकर कारोबार कर रहे हैं। क्रेमर ने दो दिन पहले कहा था कि अमेरिकी बाजार में 1987 जैसा 'ब्लैक मंडे' आ सकता है। क्रैमर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से दुनियाभर के देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को इसकी वजह बताया है। क्रैमर ने कहा- अगर ट्रम्प नियमों का पालन करने वाले देशों को राहत नहीं देते हैं, तो 1987 का परिदृश्य- तीन दिन की गिरावट और फिर सोमवार को 22% की गिरावट- सबसे संभावित है। हमें यह जानने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सोमवार तक यह पता चल जाएगा। आज भारतीय बाजार का इंडेक्स सेंसेक्स 3000 अंक (4%) गिरकर करीब 72,300 के स्तर पर है। निफ्टी में 900 अंक (4.50%) की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है। एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 6%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50%, चीन का शंघाई इंडेक्स 6.50% नीचे है। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% नीचे हैं। जिम क्रैमर की 3 बड़ी भविष्यवाणी जो सही साबित हुई... 1. एनवीडिया पर बुलिश कॉल (2023): क्रैमर ने 2023 में एनवीडिया जैसी मेगा-कैप टेक कंपनियों पर बुलिश रुख अपनाया था। तब शेयर 15 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा था। जनवरी 2025 में ये 150 डॉलर के करीब पहुंच गया था। यानी, उनकी यह कॉल सही साबित हुई। 2. मार्केट वोलैटिलिटी (2022): 2022 की शुरुआत में, क्रैमर ने बाजार में अस्थिरता की भविष्यवाणी की थी, जो सच हुई। उस साल स्टॉक्स में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। एसएंडपी 500 इंडेक्स लगभग 19% गिरा। उनकी यह चेतावनी निवेशकों के लिए उपयोगी रही। 3. 2008 के बाद की रिकवरी (2009): 2008 के वित्तीय संकट के बाद क्रैमर ने 2009 में बाजार में सुधार की भविष्यवाणी की। उन्होंने निवेशकों से पिटे हुए शेयरों में अवसरों को तलाश करने की सलाह दी। उस साल एसएंडपी 500 इंडेक्स में 23.5% की तेजी आई। जिम क्रैमर की 3 बड़ी भविष्यवाणी जो गलत साबित हुई... 1. हेवलेट-पैकार्ड (2012): 20 नवंबर, 2012 को, क्रैमर ने दर्शकों को "हेवलेट-पैकार्ड और बेस्ट बाय के शेयर को तुरंत बेचने की सलाह दी थी। हालांकि अगले छह महीनों में हेवलेट के शेयर में 115% की तेजी आई। वहीं बेस्ट बाय के शेयर में 124% की तेजी आई। यानी, उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई। 2. बियर स्टर्न्स (2008): 11 मार्च, 2008 को मैड मनी सेगमेंट के दौरान, क्रैमर ने बियर स्टर्न्स के बारे में एक दर्शक के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "नहीं, नहीं, नहीं! बियर स्टर्न्स ठीक है! अपना पैसा बाहर मत निकालो... यह बेवकूफी होगी।" पांच दिन बाद, 16 मार्च को, बियर स्टर्न्स कोलैप्स हो गई और इसे 2 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से जेपी मॉर्गन चेस को बेच दिया गया। एक समय इसका भाव 133 डॉलर था। 3. डॉट-कॉम बबल (2000): जनवरी 2000 में, डॉट-कॉम बबल के चरम पर, क्रैमर ने टेक स्टॉक्स में निवेश की सलाह दी थी और कहा था कि 1999 जैसा प्रदर्शन दोहराया जा सकता है। हालांकि इसके तुरंत बाद बुलबुला फटा और उनके द्वारा सुझाए गए स्टॉक्स जैसे अरीबा और इंफोस्पेस में भारी गिरावट आई। अरीबा का शेयर 168.75 डॉलर के पीक से घटकर 2 डॉलर पर आ गया था। वहीं इंफोस्पेस का स्टॉक 1,305 डॉलर से घटकर 2.67 डॉलर पर आ गया। जिम क्रैमर का एक्युरेसी रेट लगभग 47% क्रैमर की भविष्यवाणियों पर की गई स्टडी में उनकी सटीकता को लगभग 47% पर आंका गया है। CXO एडवाइजरी ने 2005-2012 के दौरान उनके द्वारा चुने गए 62 स्टॉक का विश्लेषण किया था, जिसमें 46.8% सक्सेस रेट पाया गया। रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद दो दिन में डाउ जोन्स 9% से ज्यादा गिरा... दो दिन में मार्केट कैप करीब 5 ट्रिलियन डॉलर घटा SP 500 इंडेक्स का मार्केट कैप 3 अप्रैल को 45.388 ट्रिलियन डॉलर था, जो 4 अप्रैल को घटकर करीब 42.678 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया। वहीं 2 अप्रैल को मार्केट कैप 47.681 ट्रिलियन डॉलर था। यानी, दो दिन में मार्केट कैप करीब 5 ट्रिलियन डॉलर घट चुका है। अमेरिकी बाजार में गिरावट के 4 कारण 9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगेगा। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को और रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

अमेरिकी एक्सपर्ट की चेतावनी के बाद भारतीय बाजार भी टूटा: जिम क्रैमर ने कहा था- 'ब्लैक मंडे' आ रहा है; शाम को खुलेगा यूएस मार्केट
Kharchaa Pani
यह लेख हमारी टीम नेटानागरी द्वारा लिखा गया है।
परिचय
बीते कुछ दिनों में भारतीय शेयर बाजार ने अचानक गिरावट का सामना किया है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी एक्सपर्टों की चेतावनी मानी जा रही है। प्रतिष्ठित निवेश विश्लेषक जिम क्रैमर ने हाल ही में 'ब्लैक मंडे' के खतरे की बात की, जिससे वैश्विक निवेशकों में चिंता बढ़ गई। आज हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि कैसे इसका भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ा है और शाम को खुलने वाले अमेरिकी बाजार की संभावनाएँ क्या हैं।
जिम क्रैमर का चेतावनी भरा बयान
जिम क्रैमर, जो कि एक प्रसिद्ध निवेशक और CNBC के एंकर हैं, ने हालिया वक्तव्य में बताया कि बाजार में उतार-चढ़ाव भविष्य में और अधिक गहरा हो सकता है। 'ब्लैक मंडे' आने की चेतावनी ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है, जिसके कारण उन्होंने अपने निवेश को सुरक्षित करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
भारतीय बाजार पर असर
जैसे ही जिम के बयान की खबर भारतीय निवेशकों तक पहुंची, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में भारी गिरावट आई। ट्रेडर्स की बेचैनी ने बाजार को नीचे धकेलते हुए लगभग 1,500 अंक की गिरावट का सामना किया। निवेशकों ने अब अति सतर्कता बरती है और कई कंपनियों के शेयरों में तेजी से बिकवाली देखी गई।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में होने वाले किसी भी आर्थिक बदलाव का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ सकता है। यदि अमेरिकी बाजार में गिरावट होती है, तो भारतीय बाजार भी असुरक्षित रहेगा। यह सामान्य प्रवृत्ति है कि ग्लोबल मार्केट्स के उतार-चढ़ाव का प्रभाव घरेलू निवेशकों पर पड़ता है। भारतीय अर्थव्यवस्था, जो अभी भी कोविड-19 के बाद के संकट को जूझ रही है, को इस स्थिति में और अधिक चुनौती झेलनी पड़ सकती है।
यूएस मार्केट का संभावित रुख
शाम को अमेरिकी बाजार खुलेगा और निवेशकों की निगाहें खासतौर पर वहां के रोजगार की संभावनाओं और आर्थिक डेटा पर होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिकी बाजार मजबूत संकेत देता है, तो भारतीय बाजार में भी सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
निष्कर्ष
इस समय भारतीय बाजार में चिंता का माहौल है, लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक धैर्य रखें और मौजूदा स्थिति का उचित मूल्यांकन करें। जिम क्रैमर की चेतावनी के बाद बाजार में गिरावट सहज है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह सही समय हो सकता है। स्थिति पर नजर रखना आवश्यक है, और यदि आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो सोच-समझकर निर्णय लेना बेहतर होगा।
विस्तृत जानकारी के लिए, कृपया kharchaapani.com पर जाएं।
Keywords
American experts, Jim Cramer, Black Monday, Indian market, stock market crash, Nifty, Sensex, US market opening, investment strategies, global market trendsWhat's Your Reaction?






