अमेरिका से गुपचुप डिपोर्ट हुए पंजाब के 4 लोग:दिल्ली पहुंची फ्लाइट, अमृतसर एयरपोर्ट किए शिफ्ट; जिला प्रशासन ने साधी चुप्पी
अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है। रविवार को एक जहाज गुपचुप तरीके से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहां से इंडिगो की फ्लाइट में चार लोगों को अमृतसर भेजा गया। सभी पंजाब के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। इनमें 2 पैसेंजर्स बटाला, एक पटियाला और एक जालंधर का है। फिलहाल इन चारों युवाओं को पंजाब पुलिस ने कस्टडी में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। पूछताछ के बाद पंजाब पुलिस इनको इनके घरों में छोड़कर आएगी। बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर 18 हजार भारतीयों को डिपोर्ट किया जाएगा। इनमें करीब 5 हजार लोग हरियाणा के हैं। अभी तक भेजे गए तीन ग्रुप में 336 भारतीय डिपोर्ट हो चुके हैं। जानें, चार पैसेंजर्स के बारे में 1. जतिंदर सिंह- गांव कनसूहा कलां, जिला पटियाला के रहने वाले हैं। जतिंदर को पटियाला नील भवन के जे-ट्रैवलर के जोबनजीत सिंह ने 52 लाख रुपए लेकर दिल्ली से गुआना, वहां से ब्राजील, पनामा, कोस्टारिका और फिर मैक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजा था। 2. मनिंदर सिंह- चांदपुरा, जिला जालंधर के रहने वाले हैं। मनिंदर से 42 लाख रुपए लेकर दिल्ली के गोल्डी नाम के एजेंट ने स्पेन, सेल्वाडोर और फिर मेक्सिको से यूएसए भेजा था। 3. जुगराज सिंह- गांव चौधरपुर, बटाला, जिला गुरदासपुर का रहने वाला है। जुगराज को बटाला के खान प्यारा निवासी मलकीत सिंह ने 38 लाख रुपए लेकर दिल्ली, मुंबई, एम्सटर्डम, नीदरलैंड, सुरिनेम, गुआना, ब्राजील, पेरू, एक्वाडोर, कोलम्बिया, पनामा और मेक्सिको से यूएसए भेजा था। 4. हरप्रीत सिंह- कादियां, बटाला, जिला गुरदासपुर का रहने वाला है। हरप्रीत सिंह को बटाला के खान प्यारा निवासी मलकीत सिंह ने 38 लाख रुपए लेकर दिल्ली, मुम्बई, एम्सटर्डम, नीदरलैंड, सुरिनेम, गुआना, ब्राजील, पेरू, एक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, मेक्सिको से यूएसए भेजा था। इससे पहले तीन फ्लाइट्स हुई थी लैंड बीते रविवार 16 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर 112 पैसेंजर्स को लेकर फ्लाइट अमृतसर में लैंड हुई थी। उससे पहले शनिवार 15 फरवरी को रात साढ़े 11 बजे अमेरिकी विमान 116 भारतीयों का दूसरा बैच लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा था। महिलाओं-बच्चों को छोड़कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकडियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया था। एयरपोर्ट पर ही उनके परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इससे पहले 5 फरवरी को 104 अप्रवासी भारतीयों को जबरन लौटाया जा चुका है। इनमें बच्चों को छोड़कर महिलाओं-पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया था। इस तरह अब तक 332 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है।

अमेरिका से गुपचुप डिपोर्ट हुए पंजाब के 4 लोग: दिल्ली पहुंची फ्लाइट, अमृतसर एयरपोर्ट किए शिफ्ट; जिला प्रशासन ने साधी चुप्पी
Kharchaa Pani
लेखिका: सुमिता वर्मा, नेतनागरी टीम
परिचय
हाल के दिनों में अमेरिका से वापस लौटे पंजाब के चार लोगों के डिपोर्ट होने की खबर ने सबको चौंका दिया है। ये लोग एक फ्लाइट के जरिए दिल्ली आ पहुंचे, जिसके बाद अमृतसर एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ गई। इस मामले में जिला प्रशासन ने मौन रहकर स्थिति को और भी रहस्यमय बना दिया है।
डिपोर्टेशन की रहस्यमयी कहानी
सूत्रों के अनुसार, ये चार लोग महीने भर पहले अमेरिका गए थे। हालांकि, वहां से लौटने की प्रक्रिया में उनका डिपोर्ट किया जाना कई सवाल खड़े करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुपचुप तरीके से उनकी दिल्ली की एक फ्लाइट द्वारा वापसी हुई। इस दौरान, प्रशासन ने कोई स्पष्ट टिप्पणी जारी नहीं की, जिससे स्थितियों को लेकर अटकलबाजियां तूल पकड़ने लगी हैं।
अमृतसर एयरपोर्ट पर हलचल
दिल्ली से उड़ान भरने के बाद, अमृतसर एयरपोर्ट पर अचानक शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इससे यात्रियों में खासी हलचल देखने को मिली। स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक हुए डिपोर्टation ने सभी को काफी हैरान कर दिया। इस इवेंट के चलते स्थानीय प्रशासन की ओर से भी कोई जानकारी साझा नहीं की गई, जिससे लोग और भी उलझन में हैं।
जिला प्रशासन की चुप्पी
जिला प्रशासन द्वारा इस मामले पर कोई ठोस स्टेटमेंट ना आना चिंता का विषय है। स्थानीय निवासी इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन को इस मुद्दे पर स्पष्टता लाने की जरूरत है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, यह चुप्पी कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।
निष्कर्ष
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए चार लोगों का मामला न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। इस घटना ने साबित कर दिया है कि प्रशासनिक चुप्पी कहीं ना कहीं अव्यवस्था का संकेत है। लोगों को सही जानकारी की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार हो सकें। अगले कुछ दिनों में इस मामले में और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन कब तक चुप रहेगा और आम जनता को सही जानकारी कब दी जाएगी।
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