Viksit Bharat@2047: मुख्यमंत्री धामी ने अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में लिया भाग

देहरादून : Viksit Bharat@2047  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित […] The post Viksit Bharat@2047 : के तहत अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में मुख्यमंत्री धामी ने लिया भाग appeared first on Page Three.

Jul 1, 2025 - 00:34
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Viksit Bharat@2047: मुख्यमंत्री धामी ने अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में लिया भाग
देहरादून : Viksit Bharat@2047  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य स

Viksit Bharat@2047: मुख्यमंत्री धामी ने लिया भाग अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में

देहरादून: Viksit Bharat@2047 के अंतर्गत, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

अंतरिक्ष सम्मेलन 2025: उद्देश्य और महत्वपूर्ण बिंदु

इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य हिमालयी राज्यों की विकास योजनाओं में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का समावेश करना था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इस सम्मेलन में विभिन्न विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया कि कैसे अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी, आपदा प्रबंधन और कृषि में किया जा सकता है। उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस तरह उपग्रह डेटा का उपयोग करके कृषि उत्पादकता में सुधार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री धामी का बयान

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा, "हिमालयी क्षेत्र की भौगोलिक और जलवायु विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, हमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अपनी विकास योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाना होगा।" मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस तकनीक से न केवल हिमालयी राज्यों का विकास होगा बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

इसरो की भूमिका

इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सम्मेलन में बताया कि भारत सरकार अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रिकॉर्ड प्रगति कर रही है। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। इसरो के अद्यतन कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भारत ने वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इन कार्यक्रमों से न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भारतीय प्रगति में सहायता मिलेगी, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह फायदेमंद रहेगा।

निष्कर्ष

संक्षेप में, Viksit Bharat@2047 के तहत आयोजित अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 ने हिमालयी राज्यों के विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को उजागर किया। मुख्यमंत्री धामी की पहल और इसरो के सहयोग से यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत के विकास की धुरी बनेगी। यह न केवल राज्य के विकास के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस सम्मेलन का महत्व उस दृष्टि में है जिसमें यह प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को भी बेहतर बनाएगा।

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इस लेख को टीम खर्चा पानी द्वारा साइन-ऑफ किया गया है।

लेखन: स्नेहा श्रीवास्तव

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