FII ने बीते हफ्ते भारतीय बाजार से ₹24,753 करोड़ निकाले:2025 में अब तक ₹1.37 लाख करोड़ के शेयर्स बेचे, हाई वैल्यूएशन की वजह से बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने मार्च के पहले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजारों में 24,753 करोड़ रुपए की बिकवाली की है। 2025 की शुरुआत से अब तक फॉरेन इन्वेस्टर्स भारतीय शेयर बाजारों से 1.37 लाख करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। पहले दो महीनों जनवरी और फरवरी में FII ने टोटल 1.12 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की है। FII ने जनवरी में 78,027 और फरवरी में 34,574 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारतीय शेयरों की हाई वैल्यूएशन और कॉरपोरेट इनकम में ग्रोथ को लेकर चिंताओं के कारण FII लगातार पैसे निकाल रहे हैं। दिसंबर 2024 में FII ने भारतीय शेयर बाजारों में 15,446 करोड़ रुपए निवेश किए थे। शुक्रवार को FII ने ₹2,035.10 करोड़ के शेयर्स बेचे पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भी FII नेट सेलर्स बने रहे। वहीं डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी DII नेट बायर्स बने रहे। प्रोविजनल डेटा के अनुसार, 7 मार्च को FII ने 2,035.10 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे, जबकि DII ने 2,320.36 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं। ट्रेडिंग सेशन के दौरान, DIIs ने 10,452.93 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 8,132.57 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। वहीं FII ने 8,635.45 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 10,670.55 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। निवेशकों का ध्यान अमेरिकी एसेट्स की ओर बढ़ रहा बाजार की हालिया बिकवाली की मुख्य वजह अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी, अमेरिकी डॉलर में मजबूती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं हैं। इससे निवेशकों का ध्यान अमेरिकी एसेट्स की ओर बढ़ रहा है। वित्त-वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे हैं, जो अनिश्चितता के माहौल को दर्शाता है। भारत में हाई वैल्यूएशन की वजह से FII बिकवाली कर रहे मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारत में हाई वैल्यूएशन की वजह से FII बिकवाली कर रहे हैं। वे अपना पैसा चीन के शेयरों में लगा रहे हैं, जहां वैल्यूएशन कम है। इतना ही नहीं FII फाइनेंशियल सर्विसेज में बड़े पैमाने पर बिकवाली कर रहे हैं, जबकि यह सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसकी वैल्यूएशन आकर्षक है। डेट और बॉन्ड बाजार से भी पैसा निकाल रहे FII इसके अलावा FII डेट या बॉन्ड बाजार से भी पैसा निकाल रहे हैं। फरवरी महीने में FII ने बॉन्ड बाजार से जनरल लिमिट के तहत 8,932 करोड़ रुपए और वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 2,666 करोड़ रुपए निकाले। FII का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश 427 करोड़ रुपए रहा था। इससे पहले 2023 में FII ने 1.71 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। वहीं 2022 में FII ने भारतीय बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी। 7 मार्च को सेंसेक्स 7 अंक गिरा हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज यानी शुक्रवार (7 मार्च) को सेंसेक्स 7 अंक गिरकर 74,332 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 7 अंक की तेजी रही, ये 22,552 पर बंद हुआ था।

FII ने बीते हफ्ते भारतीय बाजार से ₹24,753 करोड़ निकाले: 2025 में अब तक ₹1.37 लाख करोड़ के शेयर्स बेचे, हाई वैल्यूएशन की वजह से बिकवाली
Kharchaa Pani
लेखकों: राधिका शर्मा, नेहा गुप्ता, टीम नेतानागरी
परिचय
भारतीय शेयर बाजार में तेजी से हो रही बिकवाली ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। पिछले हफ्ते, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से ₹24,753 करोड़ की राशि निकाली थी। इसके साथ ही, 2025 में अब तक कुल ₹1.37 लाख करोड़ के शेयर बेचे जा चुके हैं। इस लेख में, हम इस बिकवाली के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
कोई खास कारण नहीं
FII का इस स्तर की बिकवाली करने का मुख्य कारण भारत के शेयर बाजार की उच्च मूल्यांकन माना जा रहा है। हाल के महीनों में, भारतीय कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिली है, जो कई विदेशी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार, जब शेयरों की कीमतें अधिक होती हैं, तो निवेशक अपने मुनाफे को सुरक्षित रखने के लिए बिकवाली करते हैं।
2025 में FII की बिकवाली
इस वर्ष (2025) में, FII द्वारा की गई कुल बिकवाली ₹1.37 लाख करोड़ तक पहुँच गई है। यह राशि भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की रुचि में कमी का स्पष्ट संकेत है। जानकारों का मानना है कि यह स्थिति केवल अस्थायी है और आने वाले समय में बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है।
बाजार पर प्रभाव
FII की इस बिकवाली का भारतीय शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में, बाजार की स्थिरता को बनाए रखने के लिए स्थानीय निवेशकों का प्रवेश बेहद महत्वपूर्ण है। अगर भारतीय निवेशक बाजार में जरा भी एक्टिव रहते हैं, तो FII की बिकवाली के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही, निवेशकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें और अपने निवेश के निर्णय को समझदारी से लें।
निष्कर्ष
FII की बिकवाली ने एक नई चिंता को जन्म दिया है। जबकि बाजार की स्थिरता को बनाए रखने के लिए स्थानीय निवेशकों की जरूरत है, वृहद आर्थिक दृष्टिकोण से यह देखना महत्वपूर्ण है कि बाजार कैसे प्रतिक्रिया करता है। यदि आप और अधिक अपडेट चाहते हैं, तो हमें kharchaapani.com पर ज़रूर देखें।
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