Dehradun: मुख्यमंत्री धामी से मिलकर राजकीय शिक्षक संघ ने उठाई अपनी मांगें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर अपनी विभिन्न मांगों को उनके समक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और सकारात्मक रुख अपनाते हुए आश्वासन दिया कि मांगों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने […] The post Dehradun:-अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सीएम धामी से की मुलाकात appeared first on संवाद जान्हवी.

Dehradun: मुख्यमंत्री धामी से मिलकर राजकीय शिक्षक संघ ने उठाई अपनी मांगें
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कम शब्दों में कहें तो, राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और अपनी मांगों का प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने गंभीरता से उनकी समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री आवास में छात्र शिक्षकों की बैठक
बुधवार को, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी आधिकारिक आवास पर राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य शिक्षकों की विभाजनकारी मांगों पर चर्चा करना था। शिक्षकों की समस्याओं को सुनते हुए, मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए यह आश्वासन दिया कि उनकी मांगों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
संगठन की प्रमुख मांगें
राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के समक्ष कई महत्वपूर्ण मुद्दों को रखा। इनमें वेतन वृद्धि, बेहतर शैक्षणिक संसाधनों की उपलब्धता, और कार्य परिस्थितियों में सुधार शामिल थे। शिक्षकों ने अपने काम के प्रति उचित सम्मान और समर्थन की मांग भी की।
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
इस मीटिंग के दौरान, मुख्यमंत्री ने सचिव कार्मिक, सचिव शिक्षा, और महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को निर्देशित किया कि वे एक सप्ताह के भीतर राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें। उन्होंने यह भी कहा कि संघ द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र के अनुसार सही कार्रवाई की जानी चाहिए।
उपस्थित पदाधिकारी
इस बैठक में सचिव शैलेश बगौली, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, महामंत्री रमेश पैन्यूली, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, और अन्य शिक्षाएं मौजूद रहे। इन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष शिक्षकों की आवाज को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया।
यह बैठक न केवल शिक्षकों की समस्याओं को उठाने का एक मंच था, बल्कि यह सरकारी प्रशासन और शिक्षकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
कार्यकारी प्रक्रियाओं और निर्णयों को प्राथमिकता देने का यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से शिक्षण समुदाय के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकता है। ऐसे में, सरकार की सक्रियता और शिक्षकों के प्रति संवेदनशीलता की आवश्यकता है।
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ध्यान रहे, शिक्षक समाज के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और उनके मांगों पर उचित ध्यान देना अत्यंत जरूरी है। इससे न केवल उनके कार्य का स्तर उच्च होगा, बल्कि छात्रों को भी बेहतर शिक्षा मिलेगी।
— Team Kharchaa Pani, अनामिका शर्मा
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