वक्फ बिल में 14 बदलावों को केंद्र की मंजूरी:रिपोर्ट्स में दावा-10 मार्च से होने वाले संसद सत्र में लाना संभव; विपक्ष विरोध जता चुका
केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 फरवरी को हुई बैठक में बिल को कैबिनेट की रजामंदी मिल गई थी। संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार इसे पेश कर सकती है। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इससे पहले बजट सत्र के पहले चरण में 13 फरवरी को वक्फ बिल पर JPC की रिपोर्ट संसद में पेश हुई थी। विपक्ष ने रिपोर्ट को फर्जी बताया था। इसके बाद संसद में हंगामा भी हुआ था। 27 जनवरी को वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही JPC ने ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। JPC की बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा हुई थी। भाजपा की अगुआई में NDA सांसदों के 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया था, जबकि विपक्ष के संशोधनों को सिरे से खारिज कर दिया गया था। अगस्त 2024 में वक्फ बिल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद इसे JPC के पास भेजा गया था। इसके बाद JPC ने इस पर 655 पन्नों की रिपोर्ट दी थी। वक्फ बिल पर JPC की रिपोर्ट पर संसद में हुआ था हंगामा 13 फरवरी को राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में JPC चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया। इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि JPC रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को शामिल नहीं किया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था JPC की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, 'हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं? सरकार का जवाब- विपक्षी सदस्य संसदीय प्रणाली के तहत रिपोर्ट में अपनी बातें जोड़ सकते हैं विपक्ष के आपत्ति के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।

वक्फ बिल में 14 बदलावों को केंद्र की मंजूरी: रिपोर्ट्स में दावा-10 मार्च से होने वाले संसद सत्र में लाना संभव; विपक्ष विरोध जता चुका
Kharchaa Pani - भारत के वक्फ विधेयक में 14 महत्वपूर्ण बदलावों को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। इस संदर्भ में, संसद का आगामी सत्र 10 मार्च से शुरू होने वाला है, जिसमें इस बिल को पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
परिचय
वक्फ विधेयक का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुधारना और उनकी पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हाल ही में हुए बदलावों ने इस विधेयक को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है, जिससे इसकी चर्चा अभी काफी तेज है। विरोधी दलों ने पहले ही इस बिल का विरोध करने की बात की है, जिससे संसद में इसका पास होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
बदलावों का संक्षेप में विवरण
मंजूर किए गए 14 बदलावों में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उनके उपयोग और नियमितिता को लेकर कई नए नियम शामिल हैं। इनमें संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रियाओं में सुधार, वक्फ बोर्डों के निर्णय लेने की प्रक्रिया की पारदर्शिता, और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग के खिलाफ कड़े प्रावधान शामिल हैं।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने इस विधेयक के कई पहलुओं पर आपत्ति जताई है। उनके अनुसार, ये बदलाव वक्फ संपत्तियों के वास्तविक उपयोगकर्ताओं के अधिकारों को सीमित कर सकते हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार को इस विधेयक को आम जनता के समक्ष रखकर उनकी राय लेनी चाहिए।
संसद सत्र का महत्व
10 मार्च से शुरू होने वाले संसद सत्र के लिए इस विधेयक को एक महत्वपूर्ण एजेंडे के तहत लाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि बिल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन किया जाए, जिससे देश की साम्प्रदायिक सद्भावना बिगड़े बिना वक्फ की संपत्तियों का उपयोग किया जा सके।
समापन
केंद्रीय सरकार द्वारा वक्फ बिल के लिए स्वीकृत बदलाव काफी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसका संसद में पारित होना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। wक्फ बोर्डों के प्रबंधन के संदर्भ में यह विधेयक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। इस बिल पर आगे क्या निर्णय होते हैं, यह देखने के लिए सभी की नजरें संसद पर होंगी।
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