रूस-यूक्रेन जंग के 3 साल, 30 PHOTOS:एक करोड़ यूक्रेनी बेघर, 20 लाख बच्चे मदद को तरसे; दोनों तरफ 2 लाख से ज्यादा मौतें
रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल कल पूरे हो रहे हैं। इस जंग में अब तक दोनों देशों के 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। करीब 8 लाख सैनिक घायल हुए हैं। यूक्रेन के 1 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। इनमें 20 लाख बच्चे हैं, जो इस युद्ध की त्रासदी से जूझे। यह सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद यूरोप में सबसे बड़ी तबाही है। 30 तस्वीरों में देखिए रूस-यूक्रेन जंग के 3 साल... दिसंबर 2021 युद्ध शुरू होने के दो महीने पहले रूस ने यूक्रेन को घेरा रूस ने दिसंबर 2021 में ही यूक्रेन के पूर्वी बॉर्डर पर सैनिकों का जमावड़ा शुरू कर दिया था। सैटेलाइट तस्वीर से पता चला कि रूस ने यूक्रेन के आसपास 1.50 लाख से ज्यादा सैनिक, मिसाइलें और युद्धपोत तैनात किए हैं। जनवरी 2022 यूक्रेनी लोगों ने युद्ध की तैयारी शुरू की रूसी हमले के खतरे को देखते हुए यूक्रेन के आम लोगों ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी। लोग अपनी मर्जी से सेना के साथ मिलकर नकली बंदूकों के साथ सैन्य अभ्यास करने लगे। इनमें महिलाएं भी शामिल रहीं। फरवरी 2022 युद्ध शुरू होने से पहले रूस का बेलारूस के साथ युद्धाभ्यास रूस ने 10 फरवरी 2022 को बेलारूस के साथ ब्लैक सी के आसपास 10 दिन की सबसे बड़ी ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू की। अमेरिका ने आपत्ति दर्ज कराई। इस पर रूस ने कहा वह बाहरी हमले से निपटने के लिए युद्धाभ्यास कर रहा है। 24 फरवरी 2022 पुतिन के आदेश पर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया राष्ट्रपति पुतिन के आदेश पर 24 फरवरी की सुबह रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर दो तरफ से हमला बोल दिया। इसे पुतिन ने यूक्रेन में तैनात सेना को हटाने का ऑपरेशन बताया। यूक्रेन में जब लड़ाई शुरू हुई तो रूस ने करीब 2,700 लड़ाकू टैंक तैनात किए थे। 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद कीव से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया। लोग अपने साथ जो सामान रख पाए, उसे लेकर ही परिवार के साथ सुरक्षित जगहों के लिए निकल पड़े। कीव की सड़कों पर वाहनों की कतार लग गई। फरवरी 2022 युद्ध का चेहरा बनीं यूक्रेनी टीचर यूक्रेन की 52 साल की टीचर ओलेना कुरिलो की सिर पर पट्टी और खून से सने चेहरे वाली तस्वीर युद्ध का चेहरा बन गई। यूक्रेन के खार्किव में रूसी सेना की गोलाबारी में वे बुरी तरह घायल हुईं। हमले में वे खुद बच गईं, लेकिन उनका घर पूरी तरह तबाह हो गया। रूसी हमले के बाद राजधानी कीव में हजारों लोगों ने अलग-अलग जगह पर शरण ली। तस्वीर में रूसी हमले से बचने के लिए शेल्टर होम में शरण लिए यूक्रेनी बच्चे। UN रिफ्यूजी एजेंसी के मुताबिक 20 लाख से ज्यादा बच्चे मदद को परेशान हुए। 26 फरवरी 2022 भारतीय छात्रों को निकालने का ऑपरेशन गंगा शुरू युद्ध शुरू होने के दो दिन बाद ही भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को एयर लिफ्ट करने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू कर दिया। पीएम मोदी ने इसे लेकर पुतिन से फोन पर बात भी की। इसके तहत सैकड़ों छात्र यूक्रेन से हंगरी, पोलैंड, मॉल्दोवा, रोमानिया और स्लोवाकिया होते हुए भारत लौटे थे। पूरे ऑपरेशन में 90 फ्लाइट से 18282 स्टूडेंट्स को रेस्क्यू किया गया। मार्च 2022 रूस ने मारियुपोल थिएटर पर हमला किया, यहां लोग शरण लिए थे रूसी सेना ने 16 मार्च 2022 को यूक्रेन के मारियुपोल में एक थिएटर पर बमबारी की। यहां पर सैकड़ों नागरिक शरण लिए हुए थे। इस हमले में कम से कम एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए थे। UN रिफ्यूजी एजेंसी के मुताबिक युद्ध के बाद से 40 लाख यूक्रेनी लोग आंतरिक रूस से विस्थापित हुए हैं, जबकि 67 लाख लोगों ने अन्य देशों में शरण ली है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा 1 करोड़ से ज्यादा है। मार्च 2022 मारियुपोल हवाई हमले में प्रेग्नेंट महिला समेत 300 मारे गए मार्च 2022 यूक्रेन के इमरजेंसी वर्कर्स ने मारियुपोल में रूसी हवाई हमले में घायल प्रेग्नेंट महिला इरीना कलिनिना को हॉस्पिटल से बाहर निकाला था। दर्द से चीखती इरीना ने कहा कि मुझे अभी मार दो। इरीना का बच्चा मृत पैदा हुआ था और आधे घंटे बाद उसकी की भी मौत हो गई थी। अप्रैल 2022 यूक्रेन में बूचा नरसंहार की तस्वीरों ने दुनिया को झकझोरा यूक्रेन ने रूस पर बूचा शहर में 300 से ज्यादा लोगों के नरसंहार का आरोप लगाया। इस नरसंहार की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। इसके बाद रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बेदखल कर दिया गया। सितंबर 2022 पुतिन ने यूक्रेन के 4 शहरों को रूस में मिलाया राष्ट्रपति पुतिन ने चार यूक्रेनी इलाकों- डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन में जनमत संग्रह के बाद इन्हें रूस में शामिल करने के दस्तावेजों पर साइन किए। पश्चिमी देशों और यूक्रेन ने इस जनमत संग्रह को गैर कानूनी करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। अक्टूबर 2022 यूक्रेन ने रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाला ब्रिज उड़ाया यूक्रेन ने युद्ध शुरू होने के 8 महीने बाद रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाला कर्च रेलवे ब्रिज ब्लास्ट कर उड़ा दिया। इसमें तीन लोगों की मौत हुई। इस ब्रिज को क्रीमिया पर रूस के कब्जे की निशानी के तौर पर देखा जाता था। रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था। ब्रिज को तबाह करने के बाद यूक्रेन ने कहा कि रूस को हमसे चुराई हर चीज वापस करनी होगी। दिसंबर 2022 युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार यूक्रेन से बाहर निकले जेलेंस्की युद्ध शुरू होने के 10 महीने बाद पहली बार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की देश से बाहर निकले। उन्होंने अमेरिका पहुंच कर संसद को संबोधित किया। जेलेंस्की ने अमेरिकी नेताओं और आम अमेरिकियों का युद्ध में मदद देने का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने वादा किया कि जंग खत्म करने की कोशिश में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। फरवरी 2023 अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक यूक्रेन पहुंचकर दुनिया को चौंकाया युद्ध का एक साल पूरा होने से चार दिन पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अचानक यूक्रेन पहुंच गए। उन्होंने ऐलान किया कि अमेरिका हर हालात में यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा। साथ ही यूक्रेन को 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रूस-यूक्रेन जंग के 3 साल: 30 PHOTOS - एक करोड़ यूक्रेनी बेघर, 20 लाख बच्चे मदद को तरसे; दोनों तरफ 2 लाख से ज्यादा मौतें
Kharchaa Pani
लेखिका: स्नेहा शर्मा, नेहा तिवारी, और दीपिका मेहरा | टीम नेटानागरी
परिचय
रूस-यूक्रेन का संघर्ष अब तीन साल पुराना हो चुका है, जिसमें न केवल राजनीतिक समीकरण बदले हैं बल्कि लाखों लोगों की ज़िंदगी भी प्रभावित हुई है। इस जंग ने यूक्रेन को ख़ासकर बहुत परेशानी में डाल दिया है, जहां एक करोड़ नागरिक बेघर हो गए हैं और लाखों बच्चे मदद का इंतज़ार कर रहे हैं। इस लेख में हम युद्ध की भयानक तस्वीर और इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
संघर्ष के प्रभाव
रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रारंभ फरवरी 2022 में हुआ था। शुरुआत के कुछ महीनों में ही स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि यूक्रेन के कई शहरों को आपदा की स्थिति में घोषित किया गया। एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। युद्ध ने हर वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है, लेकिन बच्चों और महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
बेघर यूक्रेनी और मदद को तरसते बच्चे
वार्ता के अनुसार, अब तक लगभग एक करोड़ यूक्रेनी नागरिक बेघर हो चुके हैं। इन लोगों में से कई ने पड़ोसी देशों में शरण ली है, जबकि कई अन्य आस-पास के क्षेत्रों में शरण लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच, करीब 20 लाख बच्चे मदद के लिए तरस रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
युद्ध के आंकड़े
इस संघर्ष में दोनों पक्षों के बीच अब तक दो लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इस आंकड़े में केवल लड़ाकों की मौत ही शामिल नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की भी जान गई है। युद्ध ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को भी तहस नहस कर दिया है, जिसके कारण स्थिति और बिगड़ गई है।
भविष्य की राह
इस संकट का समाधान केवल राजनैतिक वार्ता के माध्यम से ही संभव है। अंतरराष्ट्रिय संगठनों और देशों को मिलकर एक समाधान तलाशना होगा ताकि पीड़ित नागरिकों की मदद की जा सके। युद्ध के चलते कई मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, जिसे रोकने के उपाय किए जाने चाहिए।
निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि यह मानवता के लिए एक चुनौती बन गई है। लाखों बेघर और जरूरतमंद लोगों की कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है। इस संकट के समाधान के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। युद्ध के तीन वर्ष पूरे होने पर हमें यह याद रखना चाहिए कि शांति का मार्ग सबसे महत्वपूर्ण है।
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