भारत में बिना वैध पासपोर्ट घुसने पर 5 साल जेल:लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पेश; जो विदेशी भारत के लिए खतरा, उसे एंट्री नहीं
भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने के केन्द्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इमिग्रेशन और विदेशी विधेयक-2025 पेश किया। इस बिल के मुताबिक यदि कोई गैर कानूनी तरीके से किसी विदेशी को देश में लाता, ठहराता या बसाता है, तो उसे 3 साल जेल या 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। भारत में आने के लिए किसी भी विदेशी के पास 'वैध पासपोर्ट और वीज़ा' होना अनिवार्य होगा। विपक्ष ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया। विदेशी को भारत आने से रोक सकती है सरकार यदि कोई शिक्षण या मेडिकल संस्थान, अस्पताल या निजी आवास के मालिक किसी विदेशी नागरिक को रखते हैं तो उन्हें इसकी पहले इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। कोई भी विदेशी किसी भी संस्थान में दाखिला लेता है तो उसे एक फॉर्मेट में अपनी जानकारी भरकर पंजीकरण अधिकारी को देना होगी। इस कानून का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा तय करना है। साथ ही भारत में आने-जाने और रहने से जुड़े नियमों को सख्त बनाना है। इसके तहत अगर सरकार को किसी विदेशी नागरिक से खतरा महसूस होता है, तो सरकार उस विदेशी नागरिक को भारत आने से रोक सकती है। देश की उन्नति सरकार की जिम्मेदारी लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बिल पेश करते हुए कहा, “देश की उन्नति, प्रभुता और शांति सरकार की जिम्मेदारी है। ये बिल हम किसी को रोकने के लिए नहीं ला रहे हैं, ज्यादा से ज्यादा लोग यहां पर आए लेकिन हमारे देश का जो कानून है उसका पालन जरूर करें।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर कोई शख्स बिना परमिट के भारत में घुसता है, अवैध रूप से ज्यादा समय तक ठहरता है या जाली दस्तावेज़ इस्तेमाल करता है, तो उसे सख्त सजा मिलेगी। जो भी विदेशी, भारत आएंगे, उन्हें अराइवल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होगा। इसके अलावा, नाम बदलने, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने और संरक्षित इलाकों में घूमने पर भी पाबंदियां लगाई जाएंगी। नियम तोड़ने पर सख्त सजा इस कानून के मुताबिक विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश और रहने से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। अगर कोई नियम तोड़ता है, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है। बिना सही पासपोर्ट और दस्तावेजों के भारत में घुसने पर 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। जाली पासपोर्ट या वीज़ा का इस्तेमाल करने पर 7 साल तक की कैद और 1 से 10 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। वीज़ा खत्म होने के बाद भी रुकने या प्रतिबंधित इलाकों में जाने पर 3 साल की जेल और 3 लाख तक का जुर्माना लग सकता है। भारत फिजिकल और ई-वीज़ा दोनों जारी करता है। जापान, दक्षिण कोरिया और यूएई के नागरिकों को वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा मिलती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 98.40 लाख से ज्यादा विदेशी टूरिस्ट भारत आए। विपक्ष ने किया विरोध इमिग्रेशन और फॉरनर्स बिल 2025 को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध किया। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि बिल बाहर से आने वाली प्रतिभाओं का प्रवाह रोक सकता है। जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बिल भारत आने से रोकने के लिए नहीं, बल्कि जो आएं, वो भारत के कानून का पालन करें, इसके लिए है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे असंवैधानिक बताया। उनका कहना है कि यह कानून सरकार की विचारधारा से असहमत लोगों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने चिंता जताई कि यह कड़ा कानून भारत में आने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं के लिए एक बड़ी बाधा बन सकता है। ----------------------------------- ये खबर भी जरूर पढ़ें... बजट सत्र का तीसरा दिन:कल खड़गे के 'ठोकेंगे' वाले बयान पर हंगामा हुआ, आज वोटर लिस्ट पर चर्चा संभव बजट सत्र में आज (बुधवार) तीसरे दिन ट्राय लैंग्वेज और वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों की ट्रेनिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बिल पेश करेंगे। पूरी खबर पढ़ें...

भारत में बिना वैध पासपोर्ट घुसने पर 5 साल जेल: लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पेश; जो विदेशी भारत के लिए खतरा, उसे एंट्री नहीं
Kharchaa Pani
लेखिका: राधिका शर्मा, सिया मल्होत्रा, टीम नेतानागरी
परिचय
भारत सरकार ने हाल ही में बिना वैध पासपोर्ट के देश में घुसने पर 5 साल की सजा के प्रावधान सहित नया इमिग्रेशन बिल लोकसभा में पेश किया है। यह बिल उन विदेशियों के लिए सख्त नियमों का प्रस्ताव करता है, जो भारत की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। इस लेख में, हम इस बिल के मुख्य बिंदुओं और उसके संभावित प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
इमिग्रेशन बिल का उद्देश्य
इस नए इमिग्रेशन बिल का मुख्य उद्देश्य भारत की सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना और अवैध इमिग्रेशन को नियंत्रित करना है। सरकार का मानना है कि ऐसे विदेशियों को रोका जाना चाहिए, जो विशिष्ट कारणों से भारत में घूमने की अनुमति नहीं रखते। इस बिल के अनुसार, यदि कोई विदेशी बिना उचित दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 5 साल तक की कैद मिल सकती है।
बिल के प्रमुख प्रावधान
- सख्त सजा: बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को 5 साल की सजा या भारी जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है।
- सर्वेक्षण और निगरानी: जो विदेशी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं, उनके प्रवेश पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी।
- समापन प्रक्रिया: देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को निकाला जाएगा। यह प्रक्रिया त्वरित और प्रभावी होगी।
आवश्यकता और संरक्षा
भारत में सुरक्षा का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में कई अवैध प्रवासियों की गतिविधियों ने चिंताएँ उत्पन्न की हैं। सरकार का यह इमिग्रेशन बिल इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसके जरिए, भारत सरकार यह स्पष्ट कर रही है कि देश की सुरक्षा उसके लिए प्राथमिकता है।
प्रतिक्रिया और समापन
इस नए इमिग्रेशन बिल पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग इसे आवश्यक कदम मानते हैं जबकि कुछ का कहना है कि इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। फिर भी, भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कुल मिलाकर, यह नए इमिग्रेशन बिल का प्रभाव भारतीय समाज और विदेशी नागरिकों दोनों पर स्पष्ट होगा। जो लोग भारत में सुरक्षित और वैध रूप से आना चाहते हैं, उनके लिए यह बिल एक सकारात्मक दिशा में कदम है।
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