तीसरी तिमाही में हुंडई मोटर का मुनाफा 19% घटा:रेवेन्यू 1.3% घटकर ₹16,648 करोड़ रहा, शेयर एक साल में 11% गिरा
ऑटोमोबाइल कंपनी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 1,161 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 19% घटा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 1,425 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में हुंडई मोटर का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.3% घटकर 16,648 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 16,875 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। तीसरी तिमाही में हुंडई मोटर का मुनाफा 19% कम हुआ सालाना आधार पर तिमाही आधार पर नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं। टोटल इनकम 2% घटकर 16,893 करोड़ रुपए रही तीसरी तिमाही में टोटल इनकम की बात करें तो, हुंडई मोटर ने 16,893 करोड़ रुपए की कमाई की है। सालाना आधार पर यह 2.03% घटी है। वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में कंपनी ने टोटल 17,244 करोड़ रुपए की कमाई की थी। लिस्टिंग के बाद हुंडई का शेयर 12% गिरा नतीजों के बाद हुंडई मोटर का शेयर आज (मंगलवार, 28 जनवरी) 1% गिरकर 1,627 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। शेयर ने पिछले 5 दिन में 5.79% और एक महीने में 9.44% का निगेटिव रिटर्न दिया है। हुंडई मोटर इंडिया 22 अक्टूबर 2024 को BSE-NSE पर लिस्ट हुई थी। तब से अब तक इसमें 11.76% की गिरावट हुई है। कंपनी का मार्केट-कैप 1.32 लाख करोड़ रुपए है।

तीसरी तिमाही में हुंडई मोटर का मुनाफा 19% घटा:रेवेन्यू 1.3% घटकर ₹16,648 करोड़ रहा, शेयर एक साल में 11% गिरा
खर्चा पानी
लेखिका: सिया मेहता, नीतिका शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हुंडई मोटर, एक प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी, ने हाल ही में अपनी तीसरी तिमाही की वित्तीय रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उनके मुनाफे में 19% की गिरावट सामने आई है। इस लेख में, हम इस आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे के कारण क्या हैं, साथ ही हुंडई मोटर के भविष्य की संभावनाएँ भी देखेंगे।
मुनाफे में गिरावट के कारण
तीसरी तिमाही में हुंडई का शुद्ध मुनाफा ₹2,272 करोड़ आंका गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 19% कम है। कंपनी ने बताया कि वैश्विक परिवहन की लागत में वृद्धि, कच्चे माल की कीमतों में अनिश्चितता और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
राजस्व में कमी
हुंडई का राजस्व भी इसी अवधि में केवल 1.3% घटकर ₹16,648 करोड़ तक सीमित हो गया है। एक साल पहले के मुकाबले कंपनी के शेयर सस्ती दरों पर विचरित हो रहे हैं, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कमी एक सामान्य आर्थिक मंदी के signal भी हो सकती है।
शेयर बाजार पर प्रभाव
हुंडई मोटर के शेयरों में पिछले एक वर्ष में 11% की गिरावट देखने को मिली है। कई निवेशक चिंतित हैं कि क्या कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रख पाएगी और भविष्य में बेहतर मुनाफा अर्जित कर सकेगी। मार्केट एनालिस्ट्स की माने तो, अगर हुंडई अपने उत्पादन को बेहतर बनाने में सफल होती है, तो वह इस गिरावट से उबर सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद, हुंडई अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को बढ़ाने और उच्च स्तरीय टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि के साथ, हुंडई अधिक बाजार हिस्सेदारी प्राप्त कर सकती है। अगर कंपनी सही दिशा में कदम उठाती है, तो भविष्योन्मुखी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
अंत में, हुंडई मोटर की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट निश्चित रूप से चिंताजनक है, लेकिन इसके पीछे के कारणों और भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान देना जरूरी है। निवेशकों को चाहिए कि वे परिस्थिति का समुचित मूल्यांकन करें और दीर्घकालिक योजनाओं पर नजर रखें। इसके साथ ही, आर्थिक स्थिति में सुधार आने पर कंपनी फिर से मुनाफे के मार्ग पर लौट सकती है।
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